ब्लास्ट, फायरिंग और... ट्रेन से भागे पाकिस्तानियों ने बलूचों पर किया तगड़ा खुलासा
बलूच विद्रोहियों ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनवा के पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया। ये ट्रेन अभी भी बलूच लिबरेशन आर्मी के कब्जे में है। हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस में अभी भी 100 से ज्यादा बंधक हैं। जिनमें से सभी लगभग पाकिस्तानी सेना, पुलिस और आईएसआई के अधिकारी हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस ट्रेन को राजधानी क्वेटा से 160 किलोमीटर दूर सिबी शहर के पहाड़ी इलाके में खड़ा कर रखा है। ये बलूचिस्तान का दुर्गम पहाड़ी इलाका है। यहां तक नेटवर्क तक नहीं आता, जिसकी वजह से पाकिस्तान की वायु सेना भी कुछ नहीं कर पा रही। बताया जा रहा है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने ट्रेन में कुछ ऐसा किया है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। बलूच विद्रोहियों ने बताया है कि उन्होंने पाकिस्तान के 30 सैनिकों को मार दिया है, लेकिन 104 नागरिकों को रिहा कर दिया है। जिनमें महिला, बच्चें और पुरुष शामिल हैं। बलूच विद्रोहियों ने जिन पाकिस्तानियों को रिहा किया है। उनके बयान अब सामने आए हैं। इसे भी पढ़ें: बलूच उग्रवादियों की अंतिम चेतावनी, 24 घंटे में कैदियों को रिहा करें रिहा वरना...खौफनाक मंजर को कभी नहीं भुला पाएंगे मुश्ताक पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में जिस ट्रेन को उग्रवादियों ने मंगलवार को निशाना बनाया, उसके एक यात्री मुश्ताक मोहम्मद ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हमले के उस खौफनाक मंजर को वह कभी भुला नहीं पाएंगे। मुश्ताक उन यात्रियों में शामिल हैं जिन्हें यात्री ट्रेन पर ब्लूच उग्रवादियों के हमले के बाद बचाया गया। ट्रेन के डिब्बा संख्या तीन में सवार मुश्ताक ने कहा कि हमले की शुरुआत में एक बड़ा विस्फोट’ हुआ। उसने कहा कि इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई जो एक घंटे तक जारी रही। यह ऐसा मंजर था जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। ये बयान हैरान करने वाले हैं। इसे भी पढ़ें: 155 यात्रियों को छुड़ाया गया, 27 BLA के 27 लड़ाकों को मारने का दावा, फिर पाकिस्तान ने क्वेटा क्यों भेजे 200 ताबूत?विस्फोट इतना जोरदार था कि ट्रेन की खिड़कियां-दरवाजे हिल गएइसी ट्रेन के डिब्बा संख्या सात में सवार इशाक नूर नाम का यात्री अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ क्वेटा से रावलपिंडी जा रहा था। इशाक नूर ने कहा कि विस्फोट इतना जोरदार था कि ट्रेन की खिड़कियां एवं दरवाजे हिल गए और मेरे पास बैठा मेरा एक बच्चा नीचे गिर गया। उन्होंने कहा कि गोलीबारी करीब 50 मिनट तक चली होगी। इस दौरान हम सांस तक नहीं ले पा रहे थे, हमें नहीं पता था कि क्या होगा। मुश्ताक ने कहा कि गोलीबारी धीरे-धीरे बंद हो गई और हथियारबंद लोग ट्रेन के डिब्बों में घुस आए। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ लोगों के पहचान पत्र देखने शुरू कर दिए और उनमें से कुछ को अलग कर दिया। तीन उग्रवादी हमारे डिब्बे के दरवाजों पर पहरा दे रहे थे। उन्होंने लोगों से कहा कि वे आम नागरिकों, महिलाओं, बूढ़े और बलूच लोगों से कुछ नहीं कहेंगे।

ब्लास्ट, फायरिंग और... ट्रेन से भागे पाकिस्तानियों ने बलूचों पर किया तगड़ा खुलासा
The Odd Naari
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागर
परिचय
हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जब कुछ पाकिस्तानियों ने ट्रेन से भाग कर बलूचों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इस घटना में एक बड़ा ब्लास्ट और फायरिंग शामिल थी, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। इस लेख में हम इस घटनाक्रम की गहराई में जाकर जानते हैं कि ये पाकिस्तानियों ने क्या खुलासे किए हैं और इसके पीछे की कहानी क्या है।
घटनास्थल का ब्योरा
यह घटना पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में हुई, जहां एक विशेष ट्रेन को निशाना बनाया गया। आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले में कई निर्दोष लोग घायल हुए हैं। ट्रेन से भागने वाले कुछ पाकिस्तानियों ने बताया कि उन्हें बचने का एकमात्र विकल्प मिला जब गोलीबारी शुरू हुई। ये लोग तगड़ा खुलासा करने के लिए तैयार थे और उनकी बातें सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण सबूत बन सकती हैं।
आतंक का असली चेहरा
पाकिस्तानी भागने वालों ने ये खुलासा किया कि बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन स्थानीय लोगों को डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं। उन्हें पैसों का लालच देकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है। यह आतंकवाद का एक नया मंच है जहां लोग बलूच संस्कृति और उनकी पहचान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
बलूचों की आवाज
बलूच लोगों ने लंबे समय से अपनी स्वतंत्रता की मांग की है। ट्रेन से भागे पाकिस्तानियों ने बलूचों के संघर्ष को समझाया और कहा कि उन पर जो अत्याचार हो रहा है, उससे पूरी दुनिया को अवगत होना चाहिए। उनका कहना था कि यह उनकी जंग सिर्फ उनकी पहचान के लिए ही नहीं, बल्कि एक बेहतर भविष्य के लिए भी है।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
सुरक्षा बलों ने इस खुलासे के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। बलूच क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई गई है। सरकार भी इस विषय पर गंभीर है और बलूच लोगों के अधिकारों के रक्षा के लिए आगे आ रही है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि बलूचिस्तान में संघर्ष केवल एक अंतरंग समस्या नहीं है, बल्कि यह हम सबकी एक जिम्मेदारी है कि हम इसे समझें और इसके प्रति जागरूक रहें। इस प्रकार के खुलासे हम सभी को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हम सच में इस समस्या को नजरअंदाज कर सकते हैं? हमें एकजुट होकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
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