पहलगाम हमले के बाद भारत के सपोर्ट में 15 देश लेंगे एक्शन! टेरर अटैक पर भड़का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने पहलगाम आतंकी हमलों की निंदा की है।यूएन ने बात पर जोर दिया कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इस आतंकवाद के निंदनीय कृत्य के आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। एक प्रेस बयान में 15 देशों की परिषद ने कहा कि समूह ने 22 अप्रैल को हुए "जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।इसे भी पढ़ें: Pahalgam Terror Attack: आतंकी नेटवर्क पर बड़ी चोट, कुलगाम में दो आतंकियों के सहयोगी गिरफ्तारफ्रांस ने प्रेस वक्तव्य जारी कियाप्रेस वक्तव्य फ्रांस द्वारा जारी किया गया, जिसके पास वर्तमान में यूएनएससी की अध्यक्षता है। परिषद के अध्यक्ष फ्रांस के यूएन राजदूत जेरोम बोनाफोंट द्वारा जारी किया गया यह वक्तव्य, यू.एस. द्वारा जारी किया गया है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पीड़ितों के परिवारों और भारत और नेपाल की सरकारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की, और घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की। इस बात की पुष्टि करते हुए कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है, यूएनएससी ने दोहराया कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है, चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो, चाहे वह कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा भी किया गया हो। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "हम बहुत गहरी चिंता के साथ स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार बस इजाजत दे, घर में घुसकर मारेंगे, बिलावल के खून बहाने वाले बयान पर बोले देश के इमामक्या गुटेरेस पीएम मोदी से बात करेंगे?जब उनसे पूछा गया कि क्या महासचिव पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए रोम में हैं। भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बात करने की योजना बना रहे हैं, तो दुजारिक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस बारे में आपके साथ कुछ साझा करने को मिलेगा। दुजारिक ने इस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि दो परमाणु देश युद्ध में जा सकते हैंपाक के बयानों पर गंभीर है भारतभारत ने पाकिस्तान में उनके शीर्ष नेताओं की बयानबाजी को गंभीरता से लिया है। भारत पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो तमाम देशों के कूटनीतिक अधिकारियों को जानकारी दे रहा है, उसमें इन मिसालों को भी पेश किया जा रहा है, जिससे साफ संकेत जा रहा है कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ है। पिछले दो बार की तरह भारत की इस बार भी रणनीति है कि पाकिस्तान पर कुछ सख्त कदम उठाने से पहले उसे ग्लोबल जगत में एक्सपोज और अलग-थलग करे।

पहलगाम हमले के बाद भारत के सपोर्ट में 15 देश लेंगे एक्शन! टेरर अटैक पर भड़का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद
पहलगाम हमले के बाद भारत के सपोर्ट में 15 देश लेंगे एक्शन! टेरर अटैक पर भड़का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद

पहलगाम हमले के बाद भारत के सपोर्ट में 15 देश लेंगे एक्शन! टेरर अटैक पर भड़का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद

The Odd Naari द्वारा, लेखिका: प्रिया शर्मा और सन्न्या मिश्रा, टीम नेटानागरी

भूमिका

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई हलचल पैदा कर दी है। इस हमले के बाद, भारत के समर्थन में 15 देशों ने एकजुट होकर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें भारत को आतंकी गतिविधियों के खिलाफ समर्थन दिया गया। इस लेख में हम इस घटना के विभिन्न पहलुओं और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसे एक गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में देखा है। 15 सदस्य देशों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया है कि ऐसे हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। भारत के विदेश मंत्री ने कहा, "हमला न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।" इसपर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

भारत के कदम और रणनीति

भारत ने इस हमले के बाद अपनी सुरक्षा रणनीति में सुधार करने का फैसला किया है। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ मुहिम तेज कर दी है और नई सख्त नीतियां लागू की जा रही हैं। इस हमले के संदर्भ में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रियता बढ़ाई है। पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे पर अन्य राष्ट्रों से समर्थन की अपील की है।

15 देशों का समर्थन और सहयोग

संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान, जिन 15 देशों ने भारत का समर्थन किया, उनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य प्रमुख राष्ट्र शामिल हैं। इन देशों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर ही प्रभावी लड़ाई लड़ी जा सकती है। उनके अनुसार, पाकिस्तान जैसे देशों को इस मामले में जवाबदेह ठहराना होगा।

संभावित परिणाम और भविष्य की दिशा

इस आतंकी हमले के बाद भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है, जिससे भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक नया मोर्चा बन सकता है। भारत द्वारा उठाए गए कदम न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देंगे।

निष्कर्ष

पहलगाम हमले के महत्वपूर्ण घटना की कहानी ने न सिर्फ भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ एक नई भृकुटी प्रस्तुत की है। 15 देशों का समर्थन मिलना इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। अब समय है कि सभी देश मिलकर इस खतरे का सामना करें। अधिक जानकारी के लिए theoddnaari.com पर जाएं।

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