आतंक के सौदागर का अंत...कौन था भारत में ISIS का सरगना साकिब नाचन? दिल्ली में ब्रेन हेमरेज के बाद दम तोड़ा
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के पूर्व पदाधिकारी साकिब नाचन की शनिवार (28 जून) को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ब्रेन हैमरेज के बाद मौत हो गई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पडघा निवासी नाचन पिछले चार दिनों से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। न्यायिक हिरासत में रहते हुए अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 24 जून (मंगलवार) को तिहाड़ जेल से शिफ्ट किया गया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि नचन को आतंकी संगठन ISIS का भारतीय प्रमुख माना जाता था, जिसकी राष्ट्रीय राजधानी के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टरों ने पुष्टि की कि नचन को ब्रेन हेमरेज हुआ था और उसकी हालत को स्थिर करने के प्रयासों के बावजूद शनिवार दोपहर करीब 12:10 बजे उसकी मौत हो गई। इसे भी पढ़ें: 2000 करोड़ के ड्रोन, भारत तो गजब करने जा रहा है! चीन-पाकिस्तान-तुर्किए की तिकड़ी का दिमाग घूम जाएगाएनआईए ने 2023 में आईएसआईएस की कार्रवाई के दौरान नाचन को गिरफ्तार किया था2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस से जुड़े मॉड्यूल पर एक बड़ी राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के दौरान नाचन को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने ऑपरेशन के तहत जिन कई स्थानों पर छापेमारी की, उनमें पडघा में उनका आवास भी शामिल था।मुंबई विस्फोटों और आतंकी मामलों में मुख्य आरोपीनाचन पर पहले 2003 के मुंबई बम विस्फोटों का आरोप था, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए और घायल हुए। वह कई राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से भी जुड़ा था, जिसके लिए वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। 2023 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस से जुड़े आतंकी मॉड्यूल पर देशव्यापी कार्रवाई के तहत नाचन को गिरफ्तार किया था। माना जाता है कि वह भारत में समूह के संचालन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा था।

आतंक के सौदागर का अंत...कौन था भारत में ISIS का सरगना साकिब नाचन? दिल्ली में ब्रेन हेमरेज के बाद दम तोड़ा
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प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के पूर्व पदाधिकारी साकिब नाचन की शनिवार (28 जून) को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के बाद मौत हो गई। वह पिछले चार दिनों से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, जहाँ उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान, उन्हें 24 जून (मंगलवार) को तिहाड़ जेल से दिल्ली के अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। अधिकारियों ने पुष्टि की कि नाचन को आतंकी संगठन ISIS का भारतीय प्रमुख माना जाता था। उनके अस्पताल में इलाज के दौरान, डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था, और उनकी हालत को स्थिर करने के प्रयासों के बावजूद शनिवार दोपहर करीब 12:10 बजे उनकी मृत्यु हो गई।
नाचन की संदिग्ध गतिविधियाँ
नाचन का बैकग्राउंड बेहद विवादास्पद रहा है। वह पहले 2003 के मुंबई बम विस्फोटों में आरोपित था, जिसमें कई लोग हताहत हुए थे। इसके अलावा, वह कई राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से भी जुड़ा था, जिसके लिए वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। 2023 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने ISIS से संबंधित मॉड्यूल पर कार्रवाई करते हुए नाचन को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने उसके ठिकाने सहित कई स्थानों पर छापेमारी की थी। उनके गिरफ्तारी के पश्चात्, उन्हें भारत में ISIS के संचालन को नियंत्रित करने में प्रमुख माना गया।
सुरक्षा एजेंसियों की चौंकाने वाली रिपोर्ट
हाल ही में सिस्टम में नाचन की गतिविधियों का पता लगाने के लिए कई रिपोर्टें तैयार की गई थीं। कई वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नाचन की गिरफ्तारी के बाद से ISIS के भारत में सक्रिय मॉड्यूलों की गतिविधि में कमी आई है। इस त्रासदी ने यह उजागर किया कि कैसे आतंकवादी संगठनों के प्रमुख विभिन्न तरीकों से अपनी पहचान सुरक्षित रखते हैं, साथ ही भारत में आतंकी नेटवर्क की जड़ें कितनी गहरी हैं।
समुदाय पर प्रभाव
इस घटना का स्थानीय समुदाय पर गहरा असर पड़ा है। साकिब नाचन का नाम भारतीय आतंकी नेटवर्क में एक दाग के रूप में देखा जाता था, और उनकी मौत ने विचाराधारा के उन समर्थकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। सुरक्षा एजेंसियां अब यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि ऐसे तत्व दोबारा सक्रिय न हों और समाज में अशांति न फैलाएं।
निष्कर्ष
साकिब नाचन की कहानी एक चेतावनी है कि आतंक का व्यापार कैसे समाज को हानि पहुँचाता है। उनकी मौत के बाद, यह स्पष्ट है कि भारत में आतंकवाद की समस्या अभी समाप्त नहीं हुई है। सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, और उन सभी संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। यह एक महत्वपूर्ण समय है जब हमारे देश को एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा।
इस प्रकार, साकिब नाचन का अंत देश के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है, जहाँ एकता और शांति का संदेश प्रबल हो।
हमारी ओर से ताजगी से भरी और पेशेवर पत्रकारिता प्रदान करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। साकिब नाचन की कहानी एक उदाहरण है कि सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
लेखक: स्नेहा शर्मा, अनामिका देसाई, टीम theoddnaari