Diabetes Tips: डायबिटीज होने पर नियमित रूप से कराते हैं ये टेस्ट, गंभीर बीमारियों का नहीं रहेगा खतरा
दुनियाभर डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। डायबिटीज की बीमारी संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं जिन लोगों में शुगर लेवल बढ़ा रहता है, उनको समय के साथ आंखों की बीमारी, किडनी की समस्या और पाचन में गड़बड़ी का खतरा हो सकता है। अगर आप भी डायबिटीज के रोग का शिकार हैं, तो आपको नियमित रूप से कुछ जांच कराते रहना चाहिए। जिससे भविष्य में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सके।हालांकि अगर समय रहते डायबिटीज की समस्या का निदान हो जाए और दवाओं के साथ अपनी लाइफस्टाइल को ठीक कर लेते हैं। तो यकीनन आप गंभीर समस्याओं से बचे रह सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि डायबिटीज रोगियों को नियमित रूप से कौन से टेस्ट कराते रहना चाहिए।इसे भी पढ़ें: Gluten Free Diet Facts Vs Myths: ग्लूटेन फ्री डाइट से जुड़े इन मिथ्स को सच मानते हैं लोग, जानिए आप भीघर पर रखें ग्लूकोमीटरहेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जिन लोगों को हाई डायबिटीज की समस्या है और उनकी दवाएं चल रही हैं। उनको अपने घर पर ग्लूकोमीटर जरूर रखना चाहिए। ग्लूकोमीटर शुगर चेक करने वाली मशीन है, जिसकी मदद से आप ब्लड ग्लूकोज का आसानी से पता लगा सकते हैं। इस मशीन से कुछ ही सेकेंड्स में आप जान सकते हैं कि आपका शुगर घट या बढ़ तो नहीं गया है।किडनी फंक्शन टेस्ट और सी-रिएक्टिव प्रोटीनडायबिटीज होने पर लोगों में किडनी की बीमारी का खतरा अधिक होता है। ऐसे में आप किडनी फंक्शन टेस्ट के जरिए किडनी की सेहत पर नजर रख सकते हैं। वहीं अगर कोई समस्या होती है, तो आप समय रहते इलाज कर सकते हैं।किडनी फंक्शन टेस्ट के साथ सी-रिएक्टिव प्रोटीन के जरिए से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन का भी आकलन किया जाता है। इसमें टाइप 2 डायबिटीज के खतरे और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सकता है।बीपी टेस्टबता दें कि डायबिटीज की समस्या अपने साथ कई बीमारियां लेकरआती है। जिन लोगों को हाई डायबिटीज की समस्या होती है, उनमें हाई बीपी का खतरा भी अधिक हो सकता है। इसलिए नियमित रूप से बीपी की जांच कराने से किडनी, आंखों और दिल को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को बीपी कंट्रोल करने की दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है।डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए और इससे जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से जांच जरूरी है। इन टेस्ट के जरिए समय पर आवश्यक कदम उठाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

Diabetes Tips: डायबिटीज होने पर नियमित रूप से कराते हैं ये टेस्ट, गंभीर बीमारियों का नहीं रहेगा खतरा
The Odd Naari
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
डायबिटीज, जिसे 'शुगर' भी कहा जाता है, एक सामान्य चिकित्सा समस्या है जो हमारे जीवन को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी के चलते हमारे शरीर में ग्लूकोज यानी शर्करा का स्तर असामान्य हो जाता है। लेकिन अगर हम कुछ नियमित परीक्षण करते रहें, तो इससे जटिलताओं का खतरा कम किया जा सकता है। इस लेख में हम उन प्रमुख परीक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से कराना चाहिए।
1. HbA1c परीक्षण
HbA1c परीक्षण आपके खून में शुगर का औसत स्तर बताता है जो पिछले 2-3 महीनों में रहा है। इस परीक्षण से आपको यह जानने में मदद मिलती है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में है या नहीं।
इस परीक्षण के परिणाम 6.5% से ऊपर होने पर आपको अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।
2. फास्टिंग और पोस्टप्रांडियल ग्लूकोज परीक्षण
फास्टिंग ग्लूकोज परीक्षण सुबह खाली पेट किया जाता है, जबकि पोस्टप्रांडियल परीक्षण खाने के 2 घंटे बाद किया जाता है। यह दोनों टेस्ट आपके ब्लड शुगर की स्थिति को समझने में मदद करते हैं। 126 mg/dL से अधिक परिणाम डायबिटीज की ओर इंगित कर सकता है।
3. लिपिड प्रोफाइल
लिपिड प्रोफाइल परीक्षण आपको आपके खून में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर के बारे में जानकारी देता है। डायबिटीज के मरीजों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है, इसलिए नियमित लिपिड प्रोफाइल टेस्ट्स अवश्य करवाने चाहिए।
4. क्रीएटिनिन और यूरिन एल्युमिन
यह परीक्षण आपको गुर्दे की कार्यप्रणाली के बारे में जागरूक करता है। गुर्दे की समस्याएं डायबिटीज के कारण हो सकती हैं, इसलिए इन परीक्षणों को भी नियमित रूप से कराना जरूरी है।
5. आंखों की जांच
डायबिटीज के कारण आंखों की समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच कराना चाहिए। इससे आप रेटिनॉपैथी जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन नियमित रूप से टेस्ट कराने से आप इसके जटिलताओं से बच सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली के साथ-साथ नियमित स्वास्थ्य जांच बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप इन परीक्षणों के प्रति जागरूक रहेंगे, तो गंभीर बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। अपने और अपने प्रियजनों की स्वास्थ्य की देखभाल करें।
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