Pakistan में हिंदू मंत्री तक सुरक्षित नहीं, भीड़ ने घेरकर किया हमला
पाकिस्तान में एक हिंदू मंत्री खील दास कोहिस्तानी पर सिंध के थट्टा जिले में प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। धार्मिक मामलों के राज्य मंत्री कोहिस्तानी उस समय इलाके से गुजर रहे थे, जब सरकार की सिंचाई नहर परियोजनाओं का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले पर टमाटर और आलू फेंके। प्रस्तावित परियोजनाओं का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने संघीय सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सदस्य कोहिस्तानी को हमले में कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उन्हें तुरंत उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, और घायल पीड़ित को पास के अस्पताल में ले जाया गया। सिंध के जमशोरो जिले के रहने वाले 17 वर्षीय मंत्री को कोई चोट नहीं आई, और हमले के बाद, उन्होंने बिना किसी व्यवधान के अपने कर्तव्यों को जारी रखा।इसे भी पढ़ें: Pakistan में घुसकर बांग्लादेश की धमकी, पैसे दो, हिसाब पूरा करो और माफी मांगोंप्रदर्शनकारी ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत पंजाब प्रांत में सिंचाई नहरों के निर्माण की सरकार की योजना के खिलाफ रैली कर रहे थे। इस परियोजना का उद्देश्य चोलिस्तान क्षेत्र की सिंचाई करना है और इसे संघीय सरकार, पंजाब प्रांतीय प्रशासन और शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, सिंध में राष्ट्रवादी समूह और राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें डर है कि इस परियोजना से पानी का बहाव कम हो जाएगा, जो दक्षिणी प्रांत में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।इसे भी पढ़ें: 1 लाख 70 हजार लोग रवाना, क्यों अपना देश छोड़ रहे पाकिस्तानी? ये सरकारी आदेश बना मुसीबतप्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कोहिस्तानी पर हमले की निंदा करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया। एक बयान में उन्होंने मंत्री को आश्वासन दिया कि घटना की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कठोर सजा दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कोहिस्तानी के साथ एकजुटता भी व्यक्त की और कहा कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ इस तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने भी हमले की निंदा की और हैदराबाद क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को घटना में शामिल व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

Pakistan में हिंदू मंत्री तक सुरक्षित नहीं, भीड़ ने घेरकर किया हमला
The Odd Naari
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी
किसी भी मुल्क का सामाजिक ताना-बाना तब कमजोर हो जाता है जब वहां अल्पसंख्यकों को सुरक्षा के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पाकिस्तान में ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जब एक हिंदू मंत्री को भीड़ ने घेर लिया और उन पर हमला किया। इस घटना ने न केवल पाकिस्तान के धार्मिक ताने-बाने को धक्का पहुंचाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है।
घटना का विवरण
हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिंदू मंत्री पर भीड़ ने हमला कर दिया। इस घटना में मंत्री की कार को घेर लिया गया और उन पर शारीरिक हमला किया गया। घटना की वजह और भी कई सवाल खड़े देती है। क्या ये धार्मिक अत्याचार है, या फिर राजनीतिक विद्वेष? इसी के साथ, यह बात भी सामने आती है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा कितनी गंभीर स्थिति में है।
सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ
पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की स्थिति हमेशा से संवेदनशील रही है। समाज में फैले धार्मिक विद्वेष ने हिंदू जैसे अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ कई बार हिंसा का रूप धारण किया है। इस तरह की घटनाएं न केवल शरीरिक संकट पैदा करती हैं, बल्कि मानसिक तनाव का भी बड़ा कारण बनती हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
घटना के बाद, कई मानवाधिकार संगठनों ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की है। यह अपेक्षित है कि पाकिस्तान सरकार इस मुद्दे को गम्भीरता से लेगी और जरूरी कदम उठाकर इस तरह की घटनाओं को रोकने का प्रयास करेगी।
समापन विचार
इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सच में सच्चा सहिष्णु समाज वही है जो हर धर्म का सम्मान करे? क्या हम एक ऐसे समाज की ओर बढ़ रहे हैं जहां किसी भी व्यक्ति को उसकी धर्म के कारण पहचानने का डर होगा? पाकिस्तान में हिंदू मंत्री पर हमले की इस घटना ने हमें उस काले अध्याय की याद दिलाई है, जिसे हमें एक साथ मिलकर समाप्त करना होगा।
इसके लिए एकजुटता और सहिष्णुता जरूरी है। केवल इस तरह हम एक मजबूत और सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।