मुम्बई में म.प्र. के नाटकों का उत्सव

सत्यदेव त्रिपाठी। मुम्बई के सातबंगला इलाक़े में स्थित ‘रंगशीला’ थिएटर में मध्यप्रदेश की सरज़मीन के लोगों के किये नाटकों का एक नाट्योत्सव आयोजित हुआ…। यह इलाक़ा मुम्बई महानगर में एक अच्छे नाट्यकेंद्र के रूप में उभर कर नामचीन हो रहा है। जब ‘पृथ्वी’ थिएटर जैसे ऐतिहासिक केंन्द्र व नेहरू सेंटर, रवींद्र नाट्यमंदिर, एनसीपीए…आदि नाट्यस्थल आम […] The post मुम्बई में म.प्र. के नाटकों का उत्सव first appeared on Apka Akhbar.

मुम्बई में म.प्र. के नाटकों का उत्सव
मुम्बई में म.प्र. के नाटकों का उत्सव

मुम्बई में म.प्र. के नाटकों का उत्सव

सत्यदेव त्रिपाठी। मुम्बई के सातबंगला इलाक़े में स्थित ‘रंगशीला’ थिएटर में मध्यप्रदेश की सरज़मीन के लोगों के लिए नाटकों का एक नाट्योत्सव आयोजित हुआ। यह उत्सव न केवल स्थानीय रंगमंच कलाकारों के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि यह मुम्बई महानगर में नाट्यकला के प्रति बढ़ते उत्साह को भी दर्शाता है। इस उत्सव का उद्देश्य मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को रेखांकित करना है, जिसे नेशनल थीएटर सर्किट्स में पहचान मिली है।

उत्सव की विशेषताएँ

‘रंगशीला’ थिएटर का निर्माण नाट्यकला को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, जहाँ न केवल पेशेवर रंगमंच की प्रस्तुतियाँ होती हैं, बल्कि युवा और उभरते कलाकारों को भी अपने हुनर दिखाने का अवसर मिलता है। इस नाट्योत्सव में मध्यप्रदेश के विभिन्न नाटकों का चयन किया गया था, जो कि दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुए। इसके अलावा, नाटक में सामाजिक मुद्दों, पारंपरिक कहानियों और स्थानीय संस्कृति को भी दर्शाया गया था, जिससे ये नाटक और भी आकर्षक बन गए।

समर्थन और सहयोग

इस नाट्योत्सव का आयोजन विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों एवं स्थानीय कलाकारों के सहयोग से संभव हो पाया, जिसमें स्थानीय राजनीति, समाजसेवी और कला प्रेमियों ने भी योगदान दिया। मुम्बई में इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल दर्शकों का मनोरंजन करते हैं, बल्कि कलाकारों को उनके कर्तव्यों का सम्मान करने और उत्कृष्टता का परिचय देने का भी अवसर प्रदान करते हैं।

नाटक का प्रभाव

बिना किसी संदेह के, इस नाट्योत्सव ने मुम्बई के रंगमंच पर मध्यप्रदेश के नाटकों की महत्वता को उजागर किया। जब हम ‘पृथ्वी’ थिएटर जैसे ऐतिहासिक केंद्रों, नेहरू सेंटर, रवींद्र नाट्यमंदिर, एनसीपीए आदि की बात करते हैं, तो ये सभी ऐसे प्रतिष्ठान हैं जो नाट्यकला के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

निष्कर्ष

इस उत्सव ने केवल मुम्बई में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में नाट्यकला के प्रति एक नई जागरूकता का संचार किया है। मध्यप्रदेश की नाट्य संस्कृति को एक नया मंच मिला है, जो कि आने वाले समय में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर नाटकों को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगा। हर कलाकार ने इस मंच को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का सुनहरा अवसर पाया, और यही इस उत्सव की सफलता का असली रहस्य है।

इस नाट्योत्सव ने निश्चित रूप से हमें यह सिखाया है कि कला हमेशा समाज का आइना होती है, और इसे सहेजना हमारी जिम्मेदारी है।

इस प्रकार, मुम्बई में आयोजित म.प्र. के नाटकों का यह उत्सव न केवल एक सफल कार्यक्रम था, बल्कि यह भविष्य में नाट्यकला के विकास का भी प्रतीक है।

जुड़ें रहें और अधिक जानकारियों के लिए हमेशा की तरह हमारे विवरणों को पढ़ते रहें।

— टीम दOddNaari

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