बांग्लादेश पुलिस ने इंटरपोल से हसीना और 11 अन्य के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया
बांग्लादेश पुलिस के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) ने इंटरपोल से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 12 व्यक्तियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। मीडिया में शनिवार को जारी एक खबर में यह जानकारी दी गई। बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शन के बाद अवामी लीग की सरकार गिर गई थी और 77 वर्षीय हसीना भारत चली गईं थीं और वह तब से ही वहां रह रही हैं। बांग्लादेश के अंग्रेजी समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ ने सहायक महानिरीक्षक (मीडिया) इनामुल हक सागोर के हवाले से बताया कि एनसीबी अदालतों, सरकारी अभियोजकों या जांच एजेंसियों की अपील के आधार पर ऐसे अनुरोध करता है। पुलिस मुख्यालय में सागोर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘ये आवेदन उन आरोपों के संबंध में दायर किया गया है, जो जांच के दौरान या जारी मामले की कार्रवाई में सामने आए हैं।

बांग्लादेश पुलिस ने इंटरपोल से हसीना और 11 अन्य के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया
The Odd Naari
लेखक: सुमिता रॉय, टीम नेटानागरी
परिचय
बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल के बीच, पुलिस ने इंटरपोल से प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके 11 अन्य सहयोगियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब देश में विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है।
रेड कॉर्नर नोटिस क्या है?
रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया गया एक वैश्विक अनुरोध है, जो विभिन्न देशों को सूचित करता है कि एक व्यक्ति को किसी विशेष आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह नोटिस उस समय जारी किया जाता है जब किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी देश में कानूनी कार्रवाई की जा रही हो।
क्या हैं आरोप?
बांग्लादेश पुलिस ने आरोप लगाया है कि शेख हसीना और उनके सहयोगियों ने हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान अनुचित तरीके से चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया। विपक्षी दलों का कहना है कि यह कदम एक सुनियोजित अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन्हें दबाना है।
सरकार की प्रतिक्रिया
शेख हसीना की सरकार ने इस आरोप को नकारते हुए दावा किया है कि यह एक राजनीतिक साजिश है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “हम किसी भी प्रकार की राजनीतिक कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह आरोप निराधार हैं।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को लेकर कई विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। कुछ का मानना है कि यह कार्रवाई बांग्लादेश के लोकतंत्र के लिए चुनौती बनी हुई है। इसके अलावा, कुछ संगठनों ने इससे मानवाधिकारों के हनन की आशंका जताई है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट जारी है, और यह कदम केवल जटिलताओं को बढ़ा सकता है। अगर हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है तो यह बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। इस मुद्दे पर आने वाले समय में कई घटनाक्रम देखने को मिलेंगे।
फिलहाल, बांग्लादेश की जनता इस स्थिति को लेकर चिंतित है और आने वाले चुनावों का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।
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