30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ दें भारतीय नागरिक, शहबाज सरकार ने दिया अल्टीमेटम
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद, इस्लामाबाद ने पाकिस्तान में सभी भारतीय नागरिकों को 30 अप्रैल 2025 तक भारत लौटने के लिए कहा है। एक प्रेस विज्ञप्ति में पाकिस्तानी पीएमओ ने कहा जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर गए हैं, वे तुरंत उस मार्ग से वापस आ सकते हैं, लेकिन 30 अप्रैल 2025 के बाद नहीं। पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीज़ा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत सभी वीज़ा को भी निलंबित कर दिया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द माना है। प्रेस विज्ञप्ति में एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है।इसे भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अमित शाह का मीटिंग, सर्जिकल स्ट्राइक के डर से पाकिस्तान खौफजदाइससे पहले, डॉन ने बताया कि उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने बुधवार देर रात एक निजी टेलीविजन चैनल से बात करते हुए भारत के दृष्टिकोण की आलोचना की और इसे अपरिपक्व और जल्दबाजी कहा। राजनयिक पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि भारतीय प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के जवाबी संदेश द्विपक्षीय संबंधों को नए निचले स्तर पर ले जा सकते हैं, जिससे 2019 के पुलवामा-बालाकोट संकट के बाद से चली आ रही दरार और बढ़ सकती है।इसे भी पढ़ें: प्रभास की फिल्म फौजी की को-स्टार निकली पाकिस्तानी आर्मी ऑफिसर की बेटी? एक्ट्रेस ने शेयर किया लंबा नोटडॉन ने बताया कि संधि निलंबन, विशेष रूप से, दीर्घकालिक जल विवादों को भड़काने का जोखिम उठाता है, जबकि राजनयिक संबंधों का डाउनग्रेडिंग भविष्य के किसी भी डी-एस्केलेशन प्रयासों में बाधा डाल सकता है। पहलगाम हमले के एक दिन बाद, बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई और आतंकी हमले के जवाब को अंतिम रूप दिया गया।

30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ दें भारतीय नागरिक, शहबाज सरकार ने दिया अल्टीमेटम
The Odd Naari - इस समय पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश आया है। पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने सभी भारतीय नागरिकों को 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। यह निर्णय सुरक्षा कारणों और बढ़ती राजनीतिक तनाव के बीच लिया गया है।
परिस्थितियों का विश्लेषण
पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्तों में तनाव कभी ना खत्म होने वाला एक पहलू है। हाल के दिनों में, पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों के खिलाफ भेदभाव और दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ बढ़ने की खबरें आई हैं। भारत सरकार ने हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा की प्राथमिकता बताई है, और यही कारण है कि शहबाज सरकार का यह अल्टीमेटम भारतीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
शहबाज सरकार का फैसला
शहबाज शरीफ की सरकार ने कहा है कि यह कदम सुरक्षा सुनिश्चित करने और बढ़ते आतंकवाद के बावजूद स्थिरता लाने के लिए उठाया जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर भारतीय नागरिक 30 अप्रैल तक देश नहीं छोड़ते हैं, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास की सलाह के बाद लिया गया है।
भारतीय नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश
पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा योजनाओं को तुरंत अंतिम रूप दें और बिना किसी देरी के देश छोड़ने की कार्यवाही करें। भारतीय दूतावास ने सभी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि वे किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, संबंधित अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि नागरिक अपने पासपोर्ट और वीजा की वैधता की जांच कर लें।
संभावित प्रतिक्रियाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय का भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि दो देशों के बीच विश्वास और आपसी सहयोग का माहौल नहीं बनेगा, तो इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। भारतीय जनता पार्टी ने इस अल्टीमेटम की तीखी निंदा की है और कहा है कि यह भारत के लिए एक चुनौती है।
निष्कर्ष
इस समय हालांकि पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण वक्त है, परंतु वे सुरक्षा उपायों और अपनी भलाई का ध्यान रखें। दिसंबर 2023 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक उच्च स्तरीय बातचीत की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं, जो कि दोनों देशों के लिए बेहतर परिणाम ला सकती हैं।
गौरतलब है कि यह कदम केवल सुरक्षा कारणों की वजह से उठाया गया है और इससे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की संभावना को देखते हुए पुनर्विचार की आवश्यकता है। सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे स्थिति की गंभीरता को समझें और समय पर कार्रवाई करें। अधिक अपडेट के लिए, theoddnaari.com पर जाएं।