Trump के लिए America First, मेरे लिये Nation First: PM Modi, Congress बोली- पाखंड की कोई सीमा नहीं है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी गहरी मित्रता के मायने समझाये तो कांग्रेस पार्टी को यह बुरा लग गया है। दुनिया भर में मोदी और ट्रंप की दोस्ती के तमाम किस्से मशहूर हैं खुद अमेरिकी राष्ट्रपति अपने लगभग रोजाना के बयानों में कहीं ना कहीं मोदी का नाम ले ही लेते हैं लेकिन यह सब कांग्रेस पार्टी को नहीं भा रहा है। कांग्रेस पार्टी के बयानों पर गौर करें तो ऐसा भी प्रतीत होता है कि वह तो मोदी की ट्रंप से दोस्ती के खिलाफ नजर आ रही है।जहां तक ट्रंप के बारे में मोदी के बयान की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच परस्पर विश्वास का रिश्ता है और वे बेहतर तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं, क्योंकि वे हर चीज से ऊपर अपने राष्ट्रीय हितों को रखने में विश्वास करते हैं। हम आपको बता दें कि लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में मोदी ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक साहसी व्यक्ति बताया, जिसने अपने फैसले खुद किए और जो अमेरिका के प्रति अटूट रूप से समर्पित रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह समर्पण उस वक्त भी दिखा जब पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान एक बंदूकधारी ने उन्हें गोली मार दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहले की तुलना में कहीं अधिक तैयार दिखाई दे रहे हैं।इसे भी पढ़ें: Donald Trump का सख्त रुख, Yemen के हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले के आदेश, अब तक 31 लोगों की मौतमोदी ने राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बारे में कहा, ‘‘उनके दिमाग में सुपरिभाषित कदमों के साथ स्पष्ट रोडमैप है, हर रोडमैप उन्हें उनके लक्ष्यों की ओर ले जाने के लिए तैयार किया गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें ट्रंप की टीम के सदस्यों से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उन्होंने मजबूत और सक्षम टीम बनाई है। और इतनी मजबूत टीम के साथ, मुझे लगता है कि वे राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण को लागू करने में पूरी तरह सक्षम हैं।’’ इस दौरान, उन्होंने उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, विवेक रामास्वामी और एलन मस्क के साथ अपनी बैठकों को याद किया।प्रधानमंत्री ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में खचाखच भरे एनआरजी स्टेडियम में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ सामुदायिक कार्यक्रम को याद किया और बताया कि किस तरह ट्रंप ने दर्शकों के बीच बैठकर उनका भाषण सुना था। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी विनम्रता है। जब मैं मंच से बोल रहा था तब अमेरिका के राष्ट्रपति श्रोताओं में बैठे थे। यह उनका शानदार भाव था।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी याद किया कि कैसे अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था में उस समय खलबली मच गई थी जब उन्होंने ट्रंप से दर्शकों का अभिवादन करने के लिए खचाखच भरे स्टेडियम का दौरा करने को कहा था और वह बिना किसी हिचकिचाहट के सहमत हो गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पूरी सुरक्षा सकते में आ गई थी। लेकिन मेरे लिए वह क्षण वास्तव में दिल को छू लेने वाला था। इससे पता चला कि इस आदमी में हिम्मत है। वह अपने फैसले खुद करते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने उस पल में मुझ पर और मेरे नेतृत्व पर भरोसा किया कि वह मेरे साथ भीड़ के बीच चले गए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘यह आपसी विश्वास की भावना थी, हमारे बीच एक मजबूत बंधन था जो मैंने उस दिन वास्तव में देखा। और जिस तरह से मैंने उस दिन राष्ट्रपति ट्रम्प को सुरक्षा के बिना हजारों की भीड़ में चलते देखा, वह वास्तव में अद्भुत था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने उसी लचीले और दृढ़ ट्रंप को देखा जब अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान उन पर गोली चलाई गई थी।उन्होंने कहा, ‘‘गोली लगने के बाद भी वह अमेरिका के लिए अटूट रूप से समर्पित रहे। उनका जीवन अपने राष्ट्र के लिए है। इसने उनकी अमेरिका फर्स्ट भावना को दिखाया, जैसे मैं राष्ट्र प्रथम में विश्वास करता हूं', भारत पहले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए भारत पहले है। यही वजह है कि हम एक-दूसरे से इतने अच्छे से जुड़े। ये ऐसी चीजें हैं जो वास्तव में प्रतिध्वनित होती हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में नेताओं को मीडिया में इतना अधिक कवरेज मिलता है कि लोग उन्हें ज्यादातर मीडिया के चश्मे से देखते हैं।वहीं प्रधानमंत्री के ट्रंप के बारे में दिये गये बयान पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वैश्विक संगठनों को अप्रासंगिक बताए जाने को लेकर वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर में सुर मिला रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट रूप से ट्रंप को खुश रखने के लिए कुछ भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भारत को काफी फायदा हुआ है, वे अप्रासंगिक हो गए हैं। यह तो अमेरिकी राष्ट्रपति की भाषा है।" उन्होंने दावा किया कि वास्तव में, यह ट्रंप ही हैं जो उन्हें अप्रासंगिक बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और अब प्रधानमंत्री मोदी 'अपने अच्छे दोस्त' के सुर में सुर मिला रहे हैं। रमेश ने सवाल किया, ''क्या डब्ल्यूएचओ भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या डब्ल्यूटीओ भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता भारत के लिए अच्छा नहीं है? क्या संयुक्त राष्ट्र ने अपनी तमाम कमजोरियों के बावजूद भारतीय शांति सैनिकों को विदेशों में अवसर उपलब्ध नहीं कराये हैं?" उन्होंने दावा किया, "बहुपक्षवाद में सुधारों की आवश्यकता है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से उसकी पूर्णतः निंदा कर रहे हैं उसकी जरूरत नहीं है।’’ रमेश ने इसी पॉडकास्ट को लेकर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया, "करीब एक साल पहले, उन्होंने खुद को "नॉन-बायोलॉजिकल" बताया था। अब वे कह रहे हैं कि वे 1+1 सिद्धांत में विश्वास करते हैं: एक मोदी और दूसरा दैवीय।" उन्होंने दावा किया कि वह ऐसी बातें तब कर रहे हैं जब अर्थव

Trump के लिए America First, मेरे लिये Nation First: PM Modi, Congress बोली- पाखंड की कोई सीमा नहीं है
Trump के लिए America First, मेरे लिये Nation First: PM Modi, Congress बोली- पाखंड की कोई सीमा नहीं है

Trump के लिए America First, मेरे लिये Nation First: PM Modi, Congress बोली- पाखंड की कोई सीमा नहीं है

The Odd Naari

लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक चुनावी रैली में कहा कि "Trump के लिए America First है, जबकि मेरे लिए Nation First है।" इस बयान ने राजनीतिक जंग छेड़ दी है। कांग्रेस पार्टी ने इसे पाखंड करार देते हुए कहा है कि "पाकंड की कोई सीमा नहीं है।" इस पर विस्तृत चर्चा करते हैं।

PM मोदी का बयान और इसके अर्थ

मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि उनके लिए हमेशा देश का हित सर्वोच्च है और उन्होंने ट्रंप के दृष्टिकोण की तुलना करते हुए यह बयान दिया। उनका यह कहना भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लाता है, खासकर जब भा.ज.पा. का अधिकांश चुनावी इरादा देशहित की बातों पर केंद्रित है।

कांग्रेस पार्टी का प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने मोदी के इस बयान पर तीखे हमले किए हैं। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी किसी भी मुद्दे को अपने लाभ के लिए भुनाने में सक्षम है, लेकिन इसे पाखंड से ज्यादा और कुछ नहीं कहा जा सकता। चुनावी रैली में उठाए गए मुद्दे पर कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा कि यह मोदी का एक राजनीतिक शिगाफ है।

क्या है 'Nation First' की अवधारणा?

'Nation First' की अवधारणा का अर्थ है कि राष्ट्र की भलाई सबसे पहले है। पीएम मोदी इसे हमेशा अपनी नीतियों में आगे रखते हैं। चाहे वह आर्थिक सुधार हों या राष्ट्रीय सुरक्षा, मोदी का यह कहना है कि देश पहले आता है।

आर्थिक मोर्चे पर मोदी का योगदान

मोदी ने अपने कार्यकाल में कई आर्थिक सुधार किए हैं, जिन्हें 'Nation First' के विचार से जोड़ा जा सकता है। चाहे GST का लागू होना हो या जनधन योजना, इन सबका उद्देश्य देश के नागरिकों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है।

समाप्ति

यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी का 'Nation First' वाला दृष्टिकोण और कांग्रेस का इस पर आरोप 'पाखंड' के रूप में भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। यह एक बार फिर साबित करता है कि राजनीति में शैली और सामग्री दोनों का महत्व होता है।

इस चुनावी परिदृश्य में हमें सतर्क रहना होगा, ताकि हम यह जान सकें कि किस नेता के विचार वास्तव में देश के हित में हैं।

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