Meet Sultana Begum, Mughal 'heir' who claims to own Red Fort
Sultana Begum, claiming to be the Mughal emperor Bahadur Shah Zafar's great-granddaughter-in-law, petitioned the Supreme Court of India seeking ownership of the Red Fort. The court dismissed her plea as "misconceived" and "meritless," echoing previous rejections by the Delhi High Court.

सुलतान बेगम से मिलिए, मुग़ल 'उत्तराधिकारी' जो लाल किला का मालिक होने का दावा करती हैं
The Odd Naari
यह लेख टीम नेतनागरी द्वारा लिखा गया है।
परिचय
बातचीत में एक नया मोड़, जब सुलतान बेगम ने लाल किले का मालिक होने का दावा किया। देश की ऐतिहासिक धरोहर के ऐसे दावे अक्सर मीडिया का ध्यान खींचते हैं। इस लेख में हम जानेंगे सुलतान बेगम के इस अनोखे दावे के बारे में, उनका इतिहास और इस पूरे मसले में क्या सत्य है।
सुलतान बेगम का परिचय
सुलतान बेगम एक अद्भुत महिला हैं, जिन्होंने खुद को मुग़ल साम्राज्य की उत्तराधिकारी बताकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके दावे के अनुसार, वह परिवार की अंतिम पीढ़ी का हिस्सा हैं, जिसने लाल किले सहित कई ऐतिहासिक संपत्तियों पर अधिकार प्राप्त किया था।
लाल किला: एक ऐतिहासिक स्थल
लाल किला, जिसे दिल्ली का एक महत्वपूर्ण धरोहर माना जाता है, मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 1638 में बनवाया गया था। यह किला सिर्फ एक वास्तु नहीं है, बल्कि भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां के अनगिनत घटनाएँ और कहानियाँ मौसम के मिज़ाज की तरह बदलती रही हैं।
सुलतान बेगम का दावा
बेगम का कहना है कि वह मुग़ल उपाधियों की वास्तविक उत्तराधिकारी हैं और उनके परिवार के पास लाल किले के स्वामित्व के दस्तावेज़ हैं। उन्हें विश्वास है कि सरकार को उनके दावे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि संस्कृति और इतिहास की रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन ऐतिहासिक स्थलों के स्वामित्व पर स्वाभाविक रूप से विवाद और चुनौतियाँ होती हैं। यह मामला अदालत में भी जा सकता है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।
सारांश
सुलतान बेगम का दावा न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि यह एक नई बहस को भी जन्म देता है। क्या वास्तव में वह मुग़ल साम्राज्य की अवशेष हैं? क्या इतिहास की रक्षा के लिए उनके दावे को गंभीरता से लेना चाहिए? यह एक प्रश्न है जो हम सभी के लिए विचारणीय है।
निष्कर्ष
अंत में, सुलतान बेगम का ये अनोखा दावा हमें इतिहास और संस्कृति के प्रति जागरूक करने का काम करता है। उम्मीद है कि इस मामले में उचित समाधान निकल सकेगा।
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