कोई मिलिट्री एक्शन किया तो...'लापता' पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर सामने आया, भारत को दी गीदड़भभकी
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने चेतावनी दी है कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत की ओर से किसी भी सैन्य दुस्साहस का त्वरित और कड़ा जवाब दिया जाएगा। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 लोगों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की हत्या कर दी थी। 1 मई को एक सैन्य अभ्यास के दौरान एक टैंक के ऊपर से सैनिकों को संबोधित करते हुए मुनीर ने कहा कि कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए। भारत द्वारा किसी भी सैन्य दुस्साहस का त्वरित, दृढ़ और कड़े जवाब के साथ जवाब दिया जाएगा।इसे भी पढ़ें: China की शह, जिया उल हक गुरु, पुलवामा के बाद पहलगाम जैसे जख्म देने वाले जिहादी जनरल की कहानी क्या है?पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि सेना का देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का "दृढ़ संकल्प" है, चाहे वह किसी भी कीमत पर हो। जबकि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध है, राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हमारी तैयारी और संकल्प पूर्ण है। हालांकि, मुनीर की प्रतिक्रिया राजनीतिक गणना से कहीं ज़्यादा लगती है। विश्लेषकों ने मुनीर को भारत के प्रति एक कट्टरपंथी व्यक्ति बताया है, जिसका मानना है कि नई दिल्ली के साथ लंबे समय से चल रहा संघर्ष मूल रूप से धार्मिक है। दिलचस्प बात यह है कि पहलगाम हमले से कुछ ही दिन पहले मुनीर ने पाकिस्तानियों से कहा था कि वे अपने बच्चों को "हिंदुओं और मुसलमानों के बीच गहरे मतभेदों के बारे में बताएं, जो इस्लामी गणराज्य के निर्माण का आधार है। उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला दिया, जिसके परिणामस्वरूप 1947 में पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इसे भी पढ़ें: Pakistan Cyber Attack: मुल्ला मुनीर की हैकरों की फौज साइबर वॉरफेयर में भी फेल, भारतीय वेबसाइट्स पर अटैक है जारीजनरल मुनीर ने 16 अप्रैल को कहा था कि हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है। हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। यही दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर हमारे लिए एक गले की नस है। रिपोर्टों के अनुसार, इसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के लिए एक संकेत माना गया और पहलगाम हमला उस भाषण के लगभग एक सप्ताह बाद हुआ। Stay updated with International News in Hindi on Prabhasakshi

कोई मिलिट्री एक्शन किया तो...'लापता' पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर सामने आया, भारत को दी गीदड़भभकी
The Odd Naari - एक बार फिर से पाकिस्तान की सैन्य ताकतें अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण में सुर्खियों में आई हैं। पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल आसिम मुनीर, जो हाल ही में 'लापता' हो गए थे, अब सामने आ चुके हैं और भारत को चेतावनी दी है। यह बयान उन्होंने पाकिस्तान के एक प्रमुख टेलीविजन चैनल पर दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना के किसी भी संभावित मिलिट्री एक्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया की बात की है।
आसिम मुनीर का बयान
जनरल आसिम मुनीर ने कहा, "अगर भारत ने कोई मिलिट्री एक्शन किया, तो उसके परिणाम बेहद गंभीर होंगे। पाकिस्तान अपनी सीमाओं का पूरी तरह से बचाव करेगा।" यह बयान दक्षिण एशियाई सुरक्षा स्थिति को एक बार फिर से तनावपूर्ण बनाता है। जनरल ने यह भी कहा कि वे हर स्थिति के लिए तैयार हैं और उनके पास अपने देश की रक्षा की पूरी क्षमता है।
लापता होने की अफवाहें
हाल ही में, आसिम मुनीर के लापता होने की खबरें फैली थीं, जिसने पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह लापता होना एक रणनीतिक गुप्तता का हिस्सा हो सकता है। आशंका जताई गई थी कि क्या पाकिस्तानी सेना में आंतरिक असंतोष है, लेकिन अब जनरल मुनिर के सामने आने से इन अफवाहों पर विराम लगा है।
भारतीय प्रतिक्रिया
भारत ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान की इन बेतुकी धमकियों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी सेना हर स्थिति के लिए तैयार है।" भारतीय अधिकारियों ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान को अपनी धमकियाँ बंद करनी चाहिए और इस तरह के बयानों से बचना चाहिए।
स्थिति की गंभीरता
दक्षिण एशिया में चल रहे तनावों के बीच, यह जरूरी है कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। यह क्षेत्र कई ऐतिहासिक विवादों से प्रभावित है, जिसमें कश्मीर प्रमुख रूप से शामिल है। दोनों देशों के बीच तनाव को सुलझाने के लिए संवाद की आवश्यकता है, न कि इस तरह के बड़बोले बयानों की।
निष्कर्ष
आसिम मुनीर का बयान भारत के साथ संवाद और साझेदारी की बजाय अधिक सैन्यीकरण की ओर संकेत करता है। क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में, यह स्पष्ट है कि हमें अधिक संवेदनशीलता और समझदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। इस स्थिति को शांत करने के लिए सभी पक्षों को एक मंच पर आकर बातचीत करनी चाहिए।
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