अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा, भारत-पाक तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ की चेतावनी

भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोहराया कि पाकिस्तान की सुरक्षा को खतरे में डालने की किसी भी आक्रामकता या कोशिश का देश की ओर से भयंकर और ऐतिहासिक जवाब दिया जाएगा। आसिफ ने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला करने की हिम्मत की, तो कोई भी नहीं बचेगा। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है, जिसके बाद भारत ने पड़ोसी देश के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है। पाकिस्तानी मंत्रियों ने बार-बार दावा किया है कि उनके पास खुफिया जानकारी है कि भारत कभी भी हमला कर सकता है। उन्होंने समा टीवी पर कहा कि अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा। अगर हमारी सुरक्षा को खतरा होगा तो हम पूरी आक्रामकता के साथ लड़ेंगे। इसे भी पढ़ें: अगर भारत ने बांध बनाया तो हमला कर देंगे... सिंधु के पानी को लेकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की नई गीदड़भभकीमंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान सभी परिदृश्यों के लिए तैयार है, जबकि उन्होंने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि प्रतिबंधित टीटीपी और बीएलए भारत के भाड़े के सैनिक और छद्म हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाओं के दोनों ओर हमारे दुश्मन हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की और कहा कि दोनों ही अहंकार और चुनावी उद्देश्यों से प्रेरित खतरनाक राजनीति में लगे हुए हैं। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि कोई भी युद्ध नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक ही सीमित रहने की संभावना है, लेकिन अगर यह शुरू होता है, तो इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। अगर मोदी ने नेतन्याहू के नक्शे कदम पर कोई लापरवाही भरा कदम उठाया तो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया ऐसी होगी कि इतिहास उसे याद रखेगा। इसे भी पढ़ें: Local ही नहीं, Global Terrorism का भी सबसे बड़ा Champion है Pakistanरक्षा मंत्री ने 1961 की सिंधु जल संधि के निलंबन की भी आलोचना की और इसे युद्ध की कार्रवाई बताया। आसिफ ने कहा अगर भारत हमारे पानी को रोकने के लिए कोई संरचना बनाता है, तो उसे नष्ट कर दिया जाएगा। पानी हमारी लाल रेखा है। भविष्य के युद्ध पानी के लिए होंगे। उन्होंने कहा कि मई के अंत में नदियों और नहरों में पानी का प्रवाह बढ़ गया। 

अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा, भारत-पाक तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ की चेतावनी
अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा, भारत-पाक तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ की चेतावनी

अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा, भारत-पाक तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ की चेतावनी

The Odd Naari

लेखक: नीतू शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि अगर उनके देश का अस्तित्व समाप्त हो गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इस बयान ने एक बार फिर से दोनों देशों के बीच के संबंधों पर चिंता बढ़ा दी है।

ख्वाजा आसिफ का बयान

ख्वाजा आसिफ ने कहा, "अगर हम नहीं रहेंगे तो कोई नहीं बचेगा।" उनके इस बयान का अर्थ है कि पाकिस्तान अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को बाध्य है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल एक बयान नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने की योजना है।

भारत-पाकिस्तान रिश्तों का इतिहास

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की जड़ें ऐतिहासिक विवादों में छिपी हुई हैं, जिसमें कश्मीर का मुद्दा सबसे प्रमुख है। दोनों देश कई बार युद्ध के कगार पर पहुँच चुके हैं और संवाद विफल रहे हैं। ऐसे में ख्वाजा आसिफ का बयान अचानक नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच निरंतर अस्थिरता का परिणाम है।

तनाव का वर्तमान परिदृश्य

हाल के दिनों में, सीमा पर हुई झड़पों की खबरें आई हैं, जिससे दोनों देशों के नागरिकों में डर का माहौल बन गया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत लगातार उनके क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है। वहीं, भारत ने जवाब में कहा है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने के लिए तैयार हैं। ऐसे में ख्वाजा आसिफ के बयान को एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस बयान के बाद, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति को संभालने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। विभिन्न देश इस तनाव को समाप्त करने के प्रयासों में शामिल हो रहे हैं।

निष्कर्ष

वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ख्वाजा आसिफ का बयान भविष्य की अनिश्चितता को दर्शाता है। अगर दोनों देशों के बीच संवाद और समझौता नहीं होता है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इसके लिए दोनों देशों को एक साथ बैठकर बातचीत करने की आवश्यकता है।

अंततः, अगर हम शांति और सहिष्णुता की ओर नहीं बढ़ते हैं, तो इसके परिणाम दयनीय हो सकते हैं।

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