Donald Trump का सख्त रुख, Yemen के हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले के आदेश, अब तक 31 लोगों की मौत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर यमन में हूती विद्रोहियों पर शुरू किए गए हवाई हमलों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर सिलसिलेवार हवाई हमले करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक ईरान समर्थित हूती विद्रोही महत्वपूर्ण समुद्री गलियारे पर यात्रा करने वाले मालवाहक जहाजों पर अपने हमले बंद नहीं करते, तब तक वह 'पूरी ताकत से' हमले जारी रखेंगे।यूएस सेंट्रल कमांड ने साझा की तस्वीरेंयूएस सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लड़ाकू विमानों द्वारा विमानवाहक पोत से उड़ान भरने और यमन में एक इमारत परिसर को नष्ट करने वाले बम की तस्वीरें और वीडियो साझा कीं। इसके साथ उन्होंने लिखा, '15 मार्च को, यूएस सेंट्रल कमांड ने अमेरिकी हितों की रक्षा, दुश्मनों को रोकने और नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए यमन में ईरान समर्थित हौथी ठिकानों पर सटीक हमले करने वाले कई ऑपरेशन शुरू किए।' इसे भी पढ़ें: अमेरिका में आये जबरदस्त तूफान से 17 लोगों की मौतट्रंप का आदेशट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा, 'हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसैन्य संपत्तियों की रक्षा करने तथा नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके आकाओं और मिसाइल रक्षा तंत्र पर हवाई हमले कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'कोई भी आतंकवादी ताकत अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक पोतों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक पाएगी।' ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी कि वह विद्रोही संगठन का समर्थन बंद कर दे अन्यथा उसे उसके कृत्यों के लिए 'पूरी तरह से जवाबदेह' ठहराया जाएगा। इसे भी पढ़ें: ट्रंप ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हमले का आदेश दिया, ईरान को नई चेतावनी जारी कीएक अमेरिकी अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि यह हूती ठिकानों पर हवाई हमलों की शुरुआत है तथा अभी और हमले किए जाएंगे।हूती मीडिया कार्यालय के उप प्रमुख नसरुद्दीन आमेर ने कहा कि हवाई हमले उन्हें रोक नहीं पाएंगे और वे अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेंगे। हूती विद्रोहियों के एक अन्य प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुलसलाम ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में ट्रंप के इस दावे को 'झूठा और भ्रामक' बताया कि हूती अंतरराष्ट्रीय जल मार्गों को खतरा पहुंचाते हैं।

Donald Trump का सख्त रुख, Yemen के हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले के आदेश, अब तक 31 लोगों की मौत
The Odd Naari
लेखक: प्रिया सिंह, टीम नीतानागरी
जब से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक का आदेश दिया है, तब से यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बन गया है। इन हवाई हमलों में 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कई नागरिक शामिल हैं।
हवाबंदियों का कारण
डोनाल्ड ट्रंप ने यह आदेश ऐसे समय में दिया है जब यमन में स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। हूती विद्रोही समूह ने इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में संलग्न होने के आरोप झेल रहे हैं। उनकी इस भड़काऊ गतिविधियों के कारण अमेरिका ने इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा मानते हुए कार्यवाही करने का निर्णय लिया। ट्रंप का यह कदम उनके प्रशासन की सख्त विदेश नीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।
हवाई हमलों का प्रभाव
ये हवाई हमले यमन के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए हैं, जहां विद्रोहियों के ठिकाने होने की सूचना मिली थी। इन हमलों से बमबारी के समय तटीय क्षेत्रों में होने वाले विस्फोटों ने कई नागरिकों को प्रभावित किया है। इसके अलावा, हो सकता है कि प्रभावित क्षेत्रों में औषधि और खाद्य सामग्री की कमी की स्थिति उत्पन्न हो गई हो। यह यमन की पहले से ही ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था पर और भी गंभीर असर डाल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हवाई हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विद्रोहियों के खिलाफ ट्रंप के इस कदम पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई देशों ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस कदम बताया है। वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने हवाई हमलों में नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह स्थिति शो करने के लिए बेहतर है कि यमन में जंग के हल के लिए बातचीत का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए।
अगला कदम क्या होगा?
अब यह देखना होगा कि अमेरिका की यह सख्त नीति यमन में स्थिरता लाने में कितना सफल होगी। यह भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या ट्रंप प्रशासन अपनी रणनीति में कोई बदलाव करेगा, अगर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है। यमन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि अधिकतम वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है ताकि वहां स्थायी शांति संभव हो सके।
निष्कर्ष
अंततः, डोनाल्ड ट्रंप का यह आदेश यमन में विद्रोहियों के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके साथ नागरिकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। कुल मिलाकर, यमन की स्थिति पर नज़र रखना बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे न केवल यमन बल्कि व्यापक क्षेत्र और दुनिया में भी प्रभाव पड़ेगा।
केवल बात ही नहीं है, बल्कि यह समय की मांग है कि सभी पक्ष मिलकर इस संकट का समाधान करें।
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