पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, अपने ही नागरिकों को वापस लेने से कर रहा इनकार, वाघा-अटारी सीमा पर फंसे लोग

भारत ने भारत में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों के पाकिस्तान जाने की तिथि बढ़ा दी है। कई पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए वाघा-अटारी सीमा पर पहुंच चुके हैं। फिर भी पाक सरकार उन्हें पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है। भारतीय आव्रजन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने आज सुबह 8 बजे से अपने रिसेप्शन काउंटर बंद कर दिए हैं, जिसके कारण दर्जनों पाकिस्तानी नागरिक सीमा पर फंस गए हैं। इसे भी पढ़ें: भारत के एक्शन से पाकिस्तान में खलबली, आधी रात को ISI चीफ असीम मलिक को सौंपी NSA की कमानसूत्रों से पता चलता है कि पाकिस्तानी नागरिक - जिनमें बुजुर्ग व्यक्ति, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं - अब अनिश्चितता में फंसे हुए हैं, उनके पास न तो आश्रय है, न ही भोजन, और न ही उनकी स्थिति के बारे में कोई स्पष्टता है। पाकिस्तानी पक्ष की ओर से अचानक और अस्पष्ट रूप से मना करने पर चिंताओं के बीच अटारी चौकी पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस घटना पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ हुई हैं, कई लोगों ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताया है।पाकिस्तान के रुख के विपरीत, भारत सरकार ने अगले आदेश तक पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी-वाघा सीमा के ज़रिए स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय का ताज़ा आदेश उसके पहले के निर्देश को संशोधित करता है, जिसमें 30 अप्रैल से सीमा को बंद करने का आदेश दिया गया था। नवीनतम आदेश में कहा गया है, "आदेश की समीक्षा की गई है और आंशिक संशोधन के साथ अब यह आदेश दिया जाता है कि पाकिस्तानी नागरिकों को उचित मंजूरी के साथ अगले आदेश तक अटारी स्थित एकीकृत जांच चौकी से भारत से पाकिस्तान जाने की अनुमति दी जा सकती है।" इसे भी पढ़ें: ‘सेनाओं का मनोबल न गिराएं’, पहलगाम अटैक से जुड़ी याचिका पर SC ने सुनवाई से किया इनकारयह उन लोगों के लिए राहत की बात है जो 30 अप्रैल को समय सीमा समाप्त होने के बाद सीमा पर फंसे हुए हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को अंदर जाने देने के लिए अभी तक सीमा द्वार नहीं खोले हैं। केंद्र के निर्देश के बाद से छह दिनों में 55 राजनयिकों और उनके सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा पार करके भारत से चले गए। पाकिस्तान से 1,465 भारतीय भारत आए हैं। यह निर्देश पहलगाम हमले के बाद आया है जिसमें 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी स्थानीय व्यक्ति की पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, अपने ही नागरिकों को वापस लेने से कर रहा इनकार, वाघा-अटारी सीमा पर फंसे लोग
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, अपने ही नागरिकों को वापस लेने से कर रहा इनकार, वाघा-अटारी सीमा पर फंसे लोग

पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, अपने ही नागरिकों को वापस लेने से कर रहा इनकार, वाघा-अटारी सीमा पर फंसे लोग

The Odd Naari
लेखिका: सुनिता शर्मा, टीम नेटानागरी

हाल ही में, पाकिस्तान सरकार ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपने ही नागरिकों को वापस लेने से इनकार कर दिया है। यह स्थिति वाघा-अटारी सीमा पर घातक बन गई है, जहां कई लोग फंसे हुए हैं। इस समाचार का असर न केवल उन नागरिकों पर पड़ा है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक शर्मनाक घटना मानी जा रही है।

पृष्ठभूमि

वाघा और अटारी सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच की महत्वपूर्ण सीमा है। जहां एक ओर यह सीमा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थल बनती है, वहीं दूसरी ओर इसे तनाव और विवादों का भी गवाह होना पड़ता है। हाल ही में, सीमा पर कई पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए हैं जिनके पास स्वदेश लौटने का कोई विकल्प नहीं बचा है।

क्यों हो रहा इनकार?

पाकिस्तान सरकार ने यह आरोप लगाया है कि इन नागरिकों की वापसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के समान है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब कई लोग पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेने या पर्यटन के लिए भारत आए थे और अब उन्हें स्वदेश लौटने से वंचित रखा जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह सरकार की ओर से सख्ती का उदाहरण है या फिर यह ऐसे नागरिकों की अनदेखी करने का एक तरीका है जो कभी-कभी अपने ही देश के लिए खतरा बन सकते हैं।

फंसे हुए नागरिकों की स्थिति

वाघा सीमा पर फंसे नागरिकों की हालत बेहद बिगड़ चुकी है। भोजन और मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में कई लोग बीमार हो रहे हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता इस मुद्दे को उठाते हुए इसे न केवल मानवीय संकट बल्कि राजनीतिक दुरुपयोग भी मानते हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है। उन्हें कहना है कि यह केवल राजनीतिक दिखावा नहीं बल्कि मानवता की एक असुरक्षा है। कई नागरिक समाज के नेता इस विषय पर सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह अविलंब इन लोगों की वापसी की व्यवस्था करे।

निष्कर्ष

समग्रता में, ये घटनाएं पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को दर्शाते हैं। विदेशी नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करना किसी भी सरकार का दायित्व नहीं होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सरकार जल्द ही अपनी नीति में बदलाव लाएगी और अपने नागरिकों को वापस लेने की प्रक्रिया को तेज करेगी। अगर आप इस पर ताजा अपडेट चाहते हैं, तो theoddnaari.com पर जाएं।

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