चीन ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्जा कर रखा है: ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अफगानिस्तान में उस बगराम एयर बेस पर अब चीन का कब्जा है जिसे अमेरिका ने 2021 में खाली कर दिया था। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने सबसे बड़े ‘एयरफील्ड’ बगराम को जुलाई 2021 में खाली कर दिया था। उस समय जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति थे। ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में राष्ट्रीय प्रार्थना दिवस को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘... हम बगराम को अपने पास रखने जा रहे थे, जो बड़ा वायुसेना अड्डा है, जो उस जगह से एक घंटे की दूरी पर है जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है। वे यही करते हैं। वे बगराम से एक घंटे की दूरी पर अपनी परमाणु मिसाइलें बनाते हैं और मैंने कहा कि आप बगराम को नहीं छोड़ सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (अमेरिका ने) बगराम को छोड़ दिया और अब चीन ने बगराम पर कब्जा कर रखा है। यह बहुत दुखद है। यह दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक है, दुनिया के सबसे मजबूत एवं सबसे लंबे रनवे में से एक है और यह उस जगह से एक घंटे की दूरी पर है जहां चीन अपनी परमाणु मिसाइल बनाता है।’’ ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को ‘‘विनाशकारी’’ बताया। बगराम एयरफील्ड अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है, जो चारीकार शहर से लगभग 11 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और काबुल से 47 किलोमीटर उत्तर में है। इस एयरफील्ड में 11,800 फुट का रनवे है जो बमवर्षक और बड़े मालवाहक विमानों के परिचालन में सक्षम है।

चीन ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्जा कर रखा है: ट्रंप
The Odd Naari, टीम नेता: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्जा कर रखा है। यह बयान ट्रंप के उन आरोपों के बाद आया है जिनमें उन्होंने चीन के अफगानिस्तान में बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है।
बगराम एयरबेस का महत्व
बगराम एयरबेस, जो कि एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य अड्डा रहा है, अफगानिस्तान के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। यह टॉप-टियर सुविधाओं के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण निगरानी बिंदु था। ट्रंप का यह बयान यह उठाता है कि कैसे एक बार अमेरिकी नियंत्रण में रहने वाले स्थान पर अब चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।
चीन का अफगानिस्तान में बढ़ता प्रभाव
ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन ने अफगानिस्तान को अपने इस प्रभाव में लाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें आर्थिक निवेश और सैन्य सहयोग शामिल हैं। उन्होंने यह चिंता व्यक्त की कि चीन इस एयरबेस का इस्तेमाल न केवल सैन्य उद्देश्यों के लिए कर रहा है, बल्कि यह अमेरिका और अन्य देशों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।
अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से हालात काफी बदल चुके हैं। अमेरिका के अफगानिस्तान से वापसी के बाद, चीन ने इस देश को अपने हितों के लिए एक रणनीतिक पॉइंट बनाने की कोशिश की है। ट्रंप के अनुसार, यह स्थिति वैश्विक स्तर पर अमेरिका की स्थिति को कमजोर कर रही है।
विज्ञापन और प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस बयान पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बगराम एयरबेस पर चीन का नियंत्रण संभावित रूप से भू-राजनीतिक संघर्ष उत्पन्न कर सकता है।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह बयान न केवल अमेरिकी राजनीति में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैश्विक शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, और यह देखा जाना बाकी है कि इस स्थिति का क्या परिणाम होगा।
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