Trump का यूक्रेन मिशन चीन ने किया फ्लॉप? जेलेंस्की के दावे से मची सनसनी

डोनेट्स्क में दो चीनी नागरिकों को पकड़े जाने के बाद रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बड़ा दावा किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि 150 से ज़्यादा चीनी नागरिक यूक्रेन के खिलाफ़ युद्ध में शामिल हैं। बीते दिनों जारी किए गए फुटेज में पकड़े गए दो चीनी सैनिकों को दिखाया गया, जिन्होंने खुद को वांग गुआंगजुन और झांग रेनबो के रूप में बताया है। कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, गुआंगजुन को बिलोहोरिवका, डोनेट्स्क ओब्लास्ट के पास पकड़ा गया, जबकि रेनबो को दक्षिण में तरासिवका के पास पकड़ा गया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि दोनों रूसी सेना के हिस्से के रूप में लड़ रहे थे और उनके पास पहचान के दस्तावेज़, बैंक कार्ड और व्यक्तिगत डेटा पाए गए। जारी किए गए फुटेज में दोनों पुरुषों के चीनी पासपोर्ट दिखाए गए हैं। इसे भी पढ़ें: Donald Trump की टैरिफ राहत के बाद वॉल स्ट्रीट में ऐतिहासिक उछाल, एशियाई बाजारों में भी बढ़तएक ने कहा कि उसे अपने पहले लड़ाकू मिशन के दौरान पकड़ा गया था और यूक्रेन में सेवा करने से पहले उसने कभी बंदूक नहीं पकड़ी थी। दूसरे ने कहा कि रूसियों ने उसके आत्मसमर्पण करने के बाद उसके ठिकाने पर विस्फोटक गिराया। उसने कहा कि उसे एक यूक्रेनी ने बचाया। चीन के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन का यह दावा कि बड़ी संख्या में चीनी नागरिक रूसी आक्रमणकारी सेना के साथ लड़ रहे हैं, पूरी तरह से निराधार है। बीजिंग ने एक बार फिर साफ किया कि चीनी नागरिकों को विदेशी सशस्त्र संघर्षों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया है।  ऐसा पहली बार था जब रूस के लगभग तीन साल के आक्रमण के बीच यूक्रेन ने अपनी धरती पर चीनी लड़ाकों के होने का दावा किया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में कहा कि चीन ने यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान में रचनात्मक भूमिका निभाई है। इसे भी पढ़ें: आधी रात ट्रंप ने टैरिफ पर कदम क्यों खींचे? भारत समेत 50 देश कौन कौन से हैं उनकी टिप्पणियों से ऐसा प्रतीत होता है कि पकड़े गए चीनी सैनिक अपनी पहल पर ही रूस के साथ शामिल हुए थे। फरवरी 2022 में मास्को द्वारा अपने पड़ोसी यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद से चीन ने रूस को मजबूत कूटनीतिक समर्थन प्रदान किया है। आपको बता दें कि यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत से ही चीन रूस का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार रहा है। वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने उस पर रूस को अपने रक्षा उद्योग को बढ़ाने में मदद करने का आरोप लगाया है। इससे पहले  रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सक्रिय यूक्रेनी बलों ने कहा कि उन्होंने दो उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ लिया है।

Trump का यूक्रेन मिशन चीन ने किया फ्लॉप? जेलेंस्की के दावे से मची सनसनी
Trump का यूक्रेन मिशन चीन ने किया फ्लॉप? जेलेंस्की के दावे से मची सनसनी

Trump का यूक्रेन मिशन चीन ने किया फ्लॉप? जेलेंस्की के दावे से मची सनसनी

The Odd Naari
लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का यूक्रेन मिशन पूरी तरह से असफल रहा है और इसके पीछे चीन का हाथ हो सकता है। इस खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जेलेंस्की के इस बयान ने वैश्विक राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या चीन ने वास्तव में ट्रम्प के प्रयासों को सफल होने से रोका है।

जेलेंस्की का दावा

जेलेंस्की ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, "चीन ने यूक्रेन की स्थिति को अपने फायदे के लिए उपयोग किया है और ट्रम्प की रणनीतियों को विफल कर दिया।" उनके इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक माहौल में चिंताएं बढ़ा दी हैं। यूक्रेन में युद्ध के चलते चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती तकरार ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

चीन की भूमिका

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चीन ने कई बार यूक्रेन संकट में अपने हितों को साधा है। यूक्रेन के अवशेषों को अपने काबू में करने के लिए चीन ने कई प्रकार के आर्थिक और सैन्य सहायता प्रस्ताव दिए हैं। विशेषज्ञ देशों की प्रतिक्रिया पर भी नजर रख रहे हैं कि इस पर अमेरिका और उसके सहयोगी कैसे प्रतिक्रिया देंगे।

ट्रम्प का यूक्रेन मिशन

डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते हुए, उन्होंने अमेरिका के विदेश नीति में कई बदलाव किए थे, जिनमें यूक्रेन को मदद प्रदान करना भी शामिल था। उनका सोचना था कि अगर अमेरिका यूक्रेन का समर्थन नहीं करेगा, तो चीन और रूस को मजबूती मिलेगी। लेकिन जेलेंस्की के नए दावों से यह सवाल उठता है कि क्या ट्रम्प की नीतियाँ वास्तव में प्रभावी थीं।

वैश्विक प्रतिक्रिया

जेलेंस्की के दावे के बाद, वैश्विक समुदाय में प्रतिक्रिया तेज हो गई है। अमेरिका के पूर्व राजनयिकों ने इस पर चिंता व्यक्त की है, जबकि चीन ने किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दावे एक नई जंग का आगाज कर सकते हैं, जो अमेरिका और चीन के बीच और भी जटिल स्थिति पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष

हालांकि जेलेंस्की के दावे ने एक नई बहस को जन्म दिया है, लेकिन आगे की घटनाएँ यही तय करेंगी कि इस स्थिति का प्रभाव वैश्विक राजनीति पर क्या पड़ेगा। ट्रम्प का यूक्रेन मिशन और चीन की भूमिका पर रोशनी डालने के लिए हमें और भी घटनाओं का इंतजार करना होगा। आगे क्या होता है यह देखना दिलचस्प होगा।

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