रोजाना प्राणायाम करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण से बीमारियां बढ़ने लगती हैं। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो योगा जरुर करना चाहिए। जो लोग योगा करते हैं उनका शरीर स्वस्थ रहता है। बता दें कि, प्राणायाम एक यौगिक अभ्यास है, यह सांस लेने की प्राक्रिया को नियंत्रित रखने का तरीका है। प्राणायाम करने से फिजिकल और इमोशनल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना प्राणायाम करने से मन-मस्तिष्क शांत होते हैं और इंद्रियों को दोष भी दूर होते हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि प्राणायाम करना फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है? प्राणायाम करने से लंग्स हेल्थ के लिए कैसे फायदा पहुंचाता है?तनाव कम होता हैप्राणायाम करने से तनाव होता है और एंग्जायटी भी पेरशान नहीं करती। प्राणायाम करने से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बेहतरीन होता है और मस्तिष्क भी रिलैक्स होता है। इसे करने से लंग्स की हेल्थ बढ़िया होती है। इससे अस्थमा और रेस्पिरेटरी इशूज ठीक होते हैं।लंग्स की कैपेसिटी इंप्रूव होती हैप्राणायाम योग करने से लंग्स कैपेसिटी इंप्रूव होती है। प्राणायाम में डीप ब्रीथ लेना, बारी-बारी से नासिका से सांस लेने वाली एक्सरसाइज शामिल होती है। इसे करने से डायाफ्राम स्ट्रांग होता है और समय के साथ ही फेफड़ों की क्षमता में भी काफी सुधार आता है।ऑक्सीजन इंटेक बढ़ता हैरोजाना प्राणायाम करने से ऑक्सीजन इंटेक बढ़ता है। इसमें लंबी, गहरी और माइंडफुल ब्रीदिंग पर काम किया जाता है। प्राणायाम करने से ऑक्सीजन इंटेक इंप्रूव होता है। इससे ब्लड और टिशुज में ऑक्सीजन फ्लो बेहतर रहता है।रेस्पिरेटरी सिस्टम साफ होता हैगंदा खानपान और प्रदूषक की वजह से रेस्पिरेटरी सिस्टम में गंदगी जमा हो जाती है। इसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है और सांस जुड़ी समस्याएं होना शुरु हो जाती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम को क्लीन रखने के लिए भी प्राणायाम फायदेमंद होते हैं। यह सांस की नली को साफ करती है। प्राणायाम करने से ओवरऑल रेस्पिरेटरी सिस्टम इंप्रूव होता है।

रोजाना प्राणायाम करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
The Odd Naari - इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे रोजाना प्राणायाम करना हमारे फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। विशेषज्ञों की राय और वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित जानकारी के साथ, हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि प्राणायाम करने के क्या फायदे हैं।
प्राणायाम का परिचय
प्राणायाम एक प्राचीन योग तकनीक है, जिसमें श्वास को नियंत्रित किया जाता है। यह केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास भी है। विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और विभिन्न श्वसन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के फायदे
विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना प्राणायाम करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- श्वसन प्रणाली में सुधार: नियमित प्राणायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
- तनाव कम करना: प्राणायाम मानसिक तनाव को कम करता है, जिससे फेफड़ों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
- रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि: यह शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे आप श्वसन संबंधी बीमारियों से बच सकते हैं।
- स्वस्थ हार्ट फंक्शन: प्राणायाम हृदय को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे फेफड़ों की रक्त संचार व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. सुमन तिवारी, एक प्रमुख श्वसन विशेषग्य कहती हैं कि "प्राणायाम, खासकर भस्त्रिका और कपालभाति जैसे अभ्यास, फेफड़ों की मजबूती के लिए बेहद प्रभावी हैं। यह न केवल फेफड़ों को साफ करता है, बल्कि श्वसन संबंधी बीमारियों से भी बचाता है।" इसी तरह, डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि "जो लोग नियमित प्राणायाम करते हैं, वे सर्दी, खांसी, और एलर्जी से कम परेशान होते हैं।"
कैसे शुरू करें प्राणायाम?
यदि आप प्राणायाम शुरू करना चाहते हैं, तो यहां कुछ आसान सुझाव दिए गए हैं:
- सुबह के समय एक शांत स्थान पर बैठें।
- गहन श्वास लेकर शुरुआत करें और इसे धीरे-धीरे बाहर छोड़ें।
- भस्त्रिका और कपालभाति जैसे प्राणायामों का अभ्यास करें।
- शुरुआत में सिर्फ 5-10 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
निष्कर्ष
रोजाना प्राणायाम करने से हमारे फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार संभव है। विशेषज्ञों की दिशा-निर्देशों का पालन कर और नियमित अभ्यास से हम न केवल अपने फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं, बल्कि अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकते हैं। इसलिए, आज से ही प्राणायाम शुरू करें और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए प्राणायाम एक प्रभावी उपाय है। अगर आप और भी जानकारी चाहते हैं, तो theoddnaari.com पर ज़रूर जाएं।