राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की यात्रा संपन्न कर स्लोवाकिया के लिए हुईं रवाना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की अपनी यात्रा के समापन के बाद मंगलवार को स्लोवाकिया की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रवाना हो गईं। इससे पहले, पुर्तगाल की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के अंत में लिस्बन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारतीय प्रवासियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने पुर्तगाल में भारतीय समुदाय को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने तथा उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की यात्रा संपन्न कर स्लोवाकिया के लिए हुईं रवाना
The Odd Naari
लेखक: साक्षी शर्मा, टीमें नेटानागरी
परिचय
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में पुर्तगाल की सफल यात्रा पूरी की। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इससे पहले, जब उन्होंने पुर्तगाल के राष्ट्रपति से मुलाकात की, तब दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद, राष्ट्रपति मुर्मू ने स्लोवाकिया के लिए उड़ान भरी, जहाँ वे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगी।
पुर्तगाल की यात्रा की मुख्य बातें
राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल यात्रा का साया देश की विदेश नीति को मजबूत करना था। इस यात्रा में, उन्होंने व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, और पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई प्रस्ताव भी रखे गए।
स्लोवाकिया यात्रा का महत्व
द्रौपदी मुर्मू की स्लोवाकिया यात्रा न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के मामलों में भी केंद्रित है। गर्वित होकर राष्ट्रपति ने कहा, "हम दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।" यह यात्रा भारत को मध्य यूरोप में अपने प्रभाव को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
भारत-पुर्तगाल एवं भारत-स्लोवाकिया संबंध
भारत और पुर्तगाल ने लंबे समय से एक दूसरे के साथ प्रभावी संबंध बनाए रखे हैं। पुर्तगाल की यात्रा के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चर्चा में आयीं। इसके अतिरिक्त, भारत और स्लोवाकिया के बीच भी ऐतिहासिक संबंध हैं, जो अब और मजबूत हो सकते हैं।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति मुर्मू की विदेश यात्राएँ भारत की वैश्विक पहुंच को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। पुर्तगाल और स्लोवाकिया के साथ संबंधों को सशक्त बनाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदम भविष्य में कई सकारात्मक परिणाम देंगे। ऐसी यात्राएँ भारत को विश्व मंच पर मजबूती से खड़ा करती हैं। जैसे-जैसे राष्ट्रपति मुर्मू अपनी यात्रा के अगले पड़ाव पर आगे बढ़ती हैं, देशवासियों को उम्मीद है कि वह भारत के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेंगी।