भारत का बड़ा एक्शन, म्यांमार बॉर्डर पूरी तरह सील, रो पड़ेगा बांग्लादेश

भारत सरकार ने म्यांमार को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब म्यांमार बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया जाएगा और फ्री मूवमेंट रिजीम यानी एफएमआर को खत्म कर दिया गया है। ये पहली बार हो रहा है जब भारत ने म्यांमार के साथ अपनी 1645 किलोमीटर लंबी सीमा को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। आपने हाल ही में जोलैंड नाम सुना होगा। ये भारत और म्यांमार के कुछ हिस्सों में रहने वाले कुकी समुदाय का सपना था। वो चाहते थे कि मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और म्यांमार के शंघाई क्षेत्र को मिलाकर एक अलग राज्य बनाया जाए। लेकिन भारत सरकार ने इस मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया है और अब म्यांमार बार्डर पर मजबूत सुरक्षा इंतजाम कर दिए गए हैं। इसे भी पढ़ें: PM Modi in Parliament: लोकसभा में पीएम मोदी ने 1857 की क्रांति से की महाकुंभ की तुलना, कहा- पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किएक्या है फ्री मूवमेंट रिजीमअब तक भारत और म्यांमार के लोग 10 किलोमीटर तक बिना वीजा के आ जा सकते थे। लेकिन अब इस फैसले के बाद ऐसा संभव नहीं होगा। बॉर्डर पार करने के लिए एक तय गेट से गुजरना होगा और पूरी प्रक्रिया फॉलो करनी होगी। इस फैसले से सबसे ज्यादा असर नागा और कुकी जनजातियों पर पड़ेगा क्योंकि इसके रिश्तेदार म्यांमार में रहते हैं। यही वजह है कि वे इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ये बड़ा कदम उठाया है।  यंग मिजो एसोसिएशन या सेंट्रल वाईएमए की केंद्रीय समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और पड़ोसी देश के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था को हटाने के केंद्र के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, वाईएमए मिजोरम का सबसे बड़ा नागरिक समाज संगठन है, जिसके राज्य की लगभग 11 लाख की आबादी में से 4 लाख से अधिक सदस्य हैं।इसे भी पढ़ें: India-China Relation पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या बोला, ताली बजाएंगे जिनपिंग, ग्लोबल टाइम्स ने बांधे तारीफों के पुलक्यों लिया गया ये फैसला इस फैसले को लेने के पीछे कई बड़े कारण हैं। म्यांमार में 2021 से गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। कई लोग भारत में शरण लेने आ रहे हैं। इससे मिजोरम और मणिपुर में तनाव बढ़ रहा है। भारत में नार्को टेररिज्म बड़ रहा है। कई आतंकी संगठन ड्रग्स और हथियारों की तस्वकरी के जरिए अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं। मिजोरम 2021 में पड़ोसी देश के सैन्य अधिग्रहण के बाद से म्यांमार के चिन राज्य के लगभग 40,000 शरणार्थियों को आश्रय प्रदान कर रहा है, जो मिज़ो के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं। इसके अलावा, राज्य में बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी क्षेत्र से आए 2,000 शरणार्थी और मणिपुर से आए 12,000 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग भी हैं।Stay updated with International News in Hindi on Prabhasakshi

भारत का बड़ा एक्शन, म्यांमार बॉर्डर पूरी तरह सील, रो पड़ेगा बांग्लादेश
भारत का बड़ा एक्शन, म्यांमार बॉर्डर पूरी तरह सील, रो पड़ेगा बांग्लादेश

भारत का बड़ा एक्शन, म्यांमार बॉर्डर पूरी तरह सील, रो पड़ेगा बांग्लादेश

The Odd Naari - लेख को प्रस्तुत करते हुए: टीम नीतानागरी।

परिचय

भारत ने अपने पूर्वी क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। देश ने म्यांमार के साथ अपनी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है, जिसका प्रभाव न केवल म्यांमार पर पड़ेगा, बल्कि बांग्लादेश भी इसकी चपेट में आएगा। क्या यह कदम भारत के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक प्रभावी उपाय है? आइए विस्तार से जानते हैं।

सीमा सील करने के कारण

भारत सरकार ने म्यांमार से आतंकवादियों और अवैध प्रवासियों की बढ़ती बाढ़ को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। म्यांमार में चल रही अशांति और राजनीतिक अस्थिरता के चलते, वहां से आने वाले लोग अब भारत में घुसपैठ कर रहे थे। सीमाओं को सील करने का निर्णय न केवल सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया बल्कि यह मानवीय कारणों से भी महत्वपूर्ण है।

बांग्लादेश पर प्रभाव

बांग्लादेश के लिए स्थिति काफी चिंताजनक हो सकती है। म्यांमार से बांग्लादेश का एक बहुत लंबा सीमा साझा करने के कारण, यदि भारत अपनी सीमा को सील करता है, तो म्यांमार से बांग्लादेश की ओर जाने वाली प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। इससे बांग्लादेश की सरकार को भी नए चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि बांग्लादेश अपना धैर्य खो सकता है।

क्या है भारत की रणनीति?

भारत की यह रणनीति सुरक्षा स्थापित करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों के साथ सामंजस्य बनाए रखने की भी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा पर निगरानी और गश्त को बढ़ाने का फैसला किया है। सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा ताकि वे सीमा पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोक सकें।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

भारत के इस कदम को स्थानीय लोग समर्थन दे रहे हैं। कई निवासियों का मानना ​​है कि यह कदम उनके जीवन को सुरक्षित बनाएगा। वहीं, कुछ लोग इस पर चिंता भी व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि इससे व्यापारिक गतिविधियों में कमी आ सकती है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि उन्हें सीमा पर होने वाले व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

भारत ने म्यांमार के साथ अपनी सीमा को सील करने का निर्णय एक आवश्यक कदम के रूप में लिया है। हालांकि इसके कई सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन सकता है। समय के साथ, हम देखेंगे कि यह फैसला कितनी दूरगामी परिणाम लाएगा। इस विषय पर और अधिक अपडेट के लिए, theoddnaari.com पर विजिट करें।

Keywords

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