पुतिन से मिलना बहुत जरूरी हो गया है...हर दिन मर रहे सैनिक, रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक्शन मोड में आए ट्रंप

ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ऐसे आदेश जारी किए हैं जिससे पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है। पूरी दुनिया में इन आदेशों का जिक्र हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि जो भी एक्सीक्यूटिव ऑर्डर राष्ट्रपति की तरफ से जारी किए गए उसमें रूस का जिक्र क्यों नहीं था। रूस और यूक्रेन ने सबसे ज्यादा अमेरिका का सिर दर्द बढ़ाया। अमेरिका बार बार इस युद्ध को रोकने की बात करता रहा। ट्रंप खुद ये कहते आए हैं कि यूक्रेन और रूस के बीच की जंग रुकनी चाहिए। लेकिन आखिर रूस के खिलाफ या रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को लेकर इस एक्सीक्यूटिव ऑर्डर में कुछ क्यों नहीं नजर आया? ये सबसे बड़ा सवाल है। इन सवालों के बीच जब मीडियाकर्मियों ने ट्रंप से ये सवाल पूछा और रूस यूक्रेन की स्थिति को लेकर जवाब मांगा तो ट्रंप ने कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग नहीं रुकता है और युद्ध रोकने के लिए पुतिन टेबल पर आकर बात करने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो वे प्रतिबंध लगा देंगे। ट्रंप का ये  बयान अपने आप में बहुत बड़ा था। ट्रंप लंबे वक्त से कहते आए हैं कि युद्ध की स्थिति कभी पैदा होनी ही नहीं चाहिए थी। इसे भी पढ़ें: क्या अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चे भारतीय होंगे? या लागू होने से पहले ही रद्द हो जाएगा ट्रंप का नागरिकता वाला कानूनओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें (पुतिन को) समझौता करना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि रूस पर प्रतिबंध पुतिन को बातचीत करने के लिए मजबूर करेंगे, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता। उन्होंने कहा कि रूस को एक समझौता करना चाहिए। हो सकता है कि वेसमझौता करना चाहते हों। मुझे लगता है, मैंने जो सुना है, उसके अनुसार पुतिन मुझसे मिलना चाहेंगे। और हम जल्द से जल्द मिलेंगे। मैं तुरंत मिलूंगा। युद्ध के मैदान में सैनिक मारे जा रहे हैं।इसे भी पढ़ें: हमारा हथियार हमें लौटाओ वरना...अब तालिबान को ट्रम्प ने दे डाली खुली धमकीट्रंप ने कहा कि वह (वोलोदिमिर जेलेंस्की) समझौता करने के लिए तैयार हैं। वह रुकना चाहते हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बहुत सारे सैनिक खो दिए हैं। रूस ने भी ऐसा ही किया। रूस ने ज्यादा सैनिक खोए, उसने 8,00,000 सैनिक खो दिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही युद्ध विराम समझौता नहीं हुआ, तो उनके पास रूस द्वारा अमेरिका और अन्य भागीदार देशों को बेची जाने वाली किसी भी वस्तु पर शुल्क, कर और प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। 

पुतिन से मिलना बहुत जरूरी हो गया है...हर दिन मर रहे सैनिक, रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक्शन मोड में आए ट्रंप
पुतिन से मिलना बहुत जरूरी हो गया है...हर दिन मर रहे सैनिक, रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक्शन मोड में आए ट्रंप

पुतिन से मिलना बहुत जरूरी हो गया है...हर दिन मर रहे सैनिक, रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक्शन मोड में आए ट्रंप

लेखिका: नमिता शर्मा, टीम नेटानागरी

The Odd Naari

परिचय

रूस-यूक्रेन युद्ध ने पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया है। युद्ध के दौरान रोजाना सैकड़ों सैनिकों की जान जा रही है। ऐसे में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से कार्रवाई के मूड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने पुतिन से मुलाकात की आवश्यकता को रेखांकित किया है, जिससे युद्ध को खत्म करने के संभावित प्रयास किए जा सकें।

रूस-यूक्रेन युद्ध का वर्तमान स्थिति

रूस और यूक्रेन के बीच का संघर्ष अब एक गंभीर मानवता संकट का रूप ले चुका है। हर दिन हजारों सैनिक और नागरिक इस युद्ध की भेंट चढ़ रहे हैं। इस संकट के बीच, वैश्विक नेता स्थिति को सामान्य करने के लिए नई रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि पुतिन से मिलना अब बेहद जरूरी हो गया है, ताकि वार्ता के द्वारा शांति स्थापित की जा सके।

ट्रंप का एक्शन मोड में आना

डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति में वापसी के संकेत नजर आ रहे हैं। अपने बयानों में उन्होंने कहा कि यदि वह फिर से राष्ट्रपति बने, तो शांति सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। उनका मानना है कि उचित संवाद और नेतृत्व के द्वारा ही इस युद्ध की समाप्ति संभव है।

क्या हो सकती है पुतिन से मुलाकात का असर?

पुतिन से मुलाकात विभिन्न दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण हो सकती है। सबसे पहले, यह दोनों देशों के बीच तनाव को कम कर सकती है। साथ ही, यह विश्व समुदाय के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा कि दोनों नेता किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए तैयार हैं। ऐसी मुलाकात का नतीजा न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।

निष्कर्ष

रूस-यूक्रेन युद्ध की गंभीरता को देखते हुए पुतिन और ट्रंप का मिलना आवश्यक हो गया है। यह मुलाकात केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को भी सुनिश्चित कर सकती है। हमें उम्मीद है कि वैश्विक नेता इस दिशा में कदम उठाएंगे और युद्ध को समाप्त करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

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