पश्चिमी नेपाल में भूकंप के झटके, तीव्रता 4.5 मापी गई

नेपाल के उत्तर-पश्चिमी हुमला जिले में बुधवार शाम को भूकंप का हलका झटका महसूस किया गया, हालांकि इसमें किसी प्रकार के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप का यह झटका शाम सात बजकर 44 मिनट पर महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 4.5 मापी गयी। केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र काठमांडू से 425 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित हुमला जिले के कालिका क्षेत्र में था। केंद्र के अनुसार, शाम छह बजकर 27 मिनट पर भी भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई और इसका केंद्र तिब्बत के टिंगरी काउंटी में था, जिसे काठमांडू में भी महसूस किया गया।

पश्चिमी नेपाल में भूकंप के झटके, तीव्रता 4.5 मापी गई
पश्चिमी नेपाल में भूकंप के झटके, तीव्रता 4.5 मापी गई

पश्चिमी नेपाल में भूकंप के झटके, तीव्रता 4.5 मापी गई

The Odd Naari द्वारा, लिखित टीम नेटानागरी

पश्चिमी नेपाल में आज सुबह एक बार फिर से भूकंप के झटकों से धरती कांप उठी। इस बार की तीव्रता 4.5 मापी गई, जो कि स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। ऐसे समय में जब नेपाल लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है, यह भूकंप ने एक बार फिर से लोगों के मन में डर बैठा दिया है।

भूकंप का समय और स्थान

जानकारी के अनुसार, आज सुबह लगभग 10:15 बजे नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में भूकंप आया। इसका केंद्र दक्षिणकाली नगर पालिका के पास था, जो कि काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर स्थित है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर मापी गई है, जिससे यह भूकंप महसूस किया जा सका।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएँ

भूकंप के झटके महसूस होते ही कई स्थानीय निवासियों ने अपने घरों से बाहर निकलने का प्रयास किया। लोगों में भय और चिंता का माहौल था। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "यह भूकंप पहले के मुकाबले बहुत तेज था। हमने जल्दी से अपने बच्चों को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर गए।" इस तरह की घटनाओं ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा की चिंता बढ़ा दी है।

भूकंप के प्रभाव और राहत कार्य

गनीमत यह रही कि इस बार भूकंप में किसी प्रकार के बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है। हालांकि, प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक टीम को मैदान में उतारा है ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन सहायता प्रदान की जा सके।

सरकारी तंत्र की तैयारी

नेपाल सरकार ने पहले से ही भूकंप की आपात स्थिति के लिए तैयारियाँ की थीं। उनके पास आवश्यक राहत सामग्री और चिकित्सा उपकरणों का भंडार है। इससे पहले भी नेपाल में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं, जिसमें भारी जनहानि हुई। इस बार प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी है।

भविष्य के लिए चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे भूकंपों का खतरा नेपाल जैसे भूभागों में हमेशा बना रहता है। नेपाल भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र में आता है और यहां भूकंप की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसीलिए स्थानीय निवासियों को भूकंप की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की पहचान करनी चाहिए।

निष्कर्ष

पश्चिमी नेपाल में आए भूकंप ने एक बार फिर से विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों की सजगता से अधिकतर नुकसान टल गया, लेकिन यह घटना हमें सतर्क रहने की आवश्यकता को दर्शाती है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आगे और भी तैयारियाँ करने की आवश्यकता है।

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