इलेक्ट्रॉनिक्स शुल्क पर नयी छूट अस्थायी है, चिप पर लगेगा शुल्क: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने रविवार को कहा कि स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर शुल्क को लेकर शुक्रवार को घोषित की गई छूट केवल अस्थायी राहत है। लुटनिक ने कहा कि यह राहत उस वक्त तक के लिए है जब तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए शुल्क को लेकर नया दृष्टिकोण विकसित नहीं कर लेता। उन्होंने रविवार को टेलीविजन एवं रेडियो नेटवर्क ‘एबीसी’ के ‘दिस वीक’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘उन्हें जवाबी शुल्क से छूट दी गई है, लेकिन उन्हें सेमीकंडक्टर शुल्क में शामिल किया गया है जो संभवतः एक या दो महीने में लागू होंगे।’’ ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को कहा था कि स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान को जवाबी शुल्क के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इस कदम से उन लोकप्रिय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों को कम रखने में मदद मिलने की उम्मीद थी जो आमतौर पर अमेरिका में नहीं बनते हैं। शुक्रवार को की गई घोषणा से एप्पल और सैमसंग जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को भी फायदा होने की संभावना थी।

इलेक्ट्रॉनिक्स शुल्क पर नयी छूट अस्थायी है, चिप पर लगेगा शुल्क: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री
इलेक्ट्रॉनिक्स शुल्क पर नयी छूट अस्थायी है, चिप पर लगेगा शुल्क: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री

इलेक्ट्रॉनिक्स शुल्क पर नयी छूट अस्थायी है, चिप पर लगेगा शुल्क: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री

The Odd Naari

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

हाल ही में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसका प्रभाव वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स पर दी गई छूट अस्थायी है और आगामी समय में चिप्स पर शुल्क लगाया जाएगा। इस खबर से उद्योग जगत में हड़कंप मच गया है।

छूट का महत्व

वाणिज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर रखी गई छूट का मकसद उपभोक्ताओं को राहत देना है, जिससे कि वे आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकें। खास तौर पर COVID-19 महामारी के बाद से, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में बढ़ोतरी हुई है। यह छूट उपभोक्ताओं के खरीदने की क्षमता को बढ़ाने का एक प्रयास है।

नवीनतम शुल्क पर जानकारी

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह छूट केवल अस्थायी है और आने वाले महीनों में चिप्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स पर शुल्क लगाया जाएगा। इसका मतलब है कि उद्योग को जल्दी ही अपने व्यवसाय मॉडल में बदलाव करना होगा। चिप्स पर नए शुल्क का उद्देश्य घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा देना है, जो टेकर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

उद्योग पर प्रभाव

विश्लेषकों का मानना है कि इस निर्णय से इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। विभिन्न कंपनियों ने पहले ही अव्यवस्थित चिप आपूर्ति के कारण समस्याओं का सामना किया है। ऐसे में नए शुल्क के लागू होने के बाद कीमतों में और अधिक इजाफा हो सकता है।

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

इस घोषणा के बाद उपभोक्ताओं में चिंता बढ़ गई है। कई उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी असमर्थता व्यक्त की है, जबकि अन्य ने सरकार से स्थायी समाधान की मांग की है। उन्हें डर है कि इससे उनकी बजट योजना पर असर पड़ेगा।

निष्कर्ष

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री द्वारा की गई यह घोषणा निश्चित रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार को प्रभावित करेगी। यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता और उद्योग दोनों ही इस बदलाव को समझें और अपनी योजनाओं में समायोजन करें। आने वाले समय में इस मुद्दे को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी।

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