US में गूंजा DUMP TRUMP, नहीं थम रहा है प्रदर्शन, क्यों भड़के लोग?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हजारों अमेरिकी सड़कों पर उतरे। ये प्रदर्शनकारी ट्रंप की प्रवासी विरोधी पॉलिसी, टैरिफ नीति और सरकारी नौकरियों में छंटनी का विरोध कर रहे थे। इन प्रदर्शनों को ट्रिस ऑक (Hands (OIT) नाम दिया गया है। 50 राज्यों के हजारों लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। वे प्रदर्शन नगरेकों के अधिकारों, आजीविका और अमेरिकी लोकतंत्र के मूलभूत बंचे को खतरा माने जाने वाले मुद्दों पर हो यो है। जैक्सनविले से लॉस एंजिलिस तक पूरे अमेरिका में 700 से अधिक प्रदर्शन हुए। लोकतांत्रिक मूल्यों पर 'खतरा' मंडराने के आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति के आवास वाइट हाउस को भी घेरा गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'Impeach & Remove' और 'तानाशाही का विरोध करो' जैसे नारों वाले पोस्टर और वैनर लहराए। ट्रंप की तुलना जर्मन तानाशाह हिटलर से की गई। इसे भी पढ़ें: भारत में कदम रखने से पहले बड़ा खेल कर गए अमेरिकी उप राष्ट्रपति, फिर छिड़क दिया कट्टरपंथियों के जख्मों पर नमकट्रंप विरोधी इस आंदोलन को '50501' नाम दिया गया। इसका मतलब '50 विरोध प्रदर्शन, 50 राज्य, 1 आंदोलन' है। लोग नारे लगा रहे थे- 'No ICE, No Fear, Immigrants are Welcome Here' यह नारा अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ICE के विरोध में था, जो अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेती है। प्रदर्शन में अमेरिकी कुशलता आयोग के प्रमुख इलॉन मस्क की आक्रामक नीतियों की भी भर्त्सना की गई। मस्क का यह विभाग लगातार सरकारी विभागों में छंटनी कर रहा है। इसे भी पढ़ें: Trump के आदेश पर 1968 का रहस्य खुला, कैनेडी की हत्या से संबंधित 10 हजार गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिकट्रंप प्रशासन ने इलॉन मरक के नेतृत्व में सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के तहत 200,000 से अधिक केंद्रीय नौकरियों को खत्म कर दिया। एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताविक, यह सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्रीय उद्यानों और अन्य सेवाओं को प्रभावित कर रहा है। प्रदर्शनकारी इन कटतियों को आवश्यक सेवाओं को खत्म करने वाला मानते हैं, विशेष रूप से बजुर्ग और विकलांग जो सामाजिक सुरक्षा पर ही निर्भर हैं।

US में गूंजा DUMP TRUMP, नहीं थम रहा है प्रदर्शन, क्यों भड़के लोग?
द ऑड नारी के तहत, यह खबर द्वारा पेश की जा रही है, टीम नेतानागरी द्वारा।
प्रस्तावना
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के प्रति लोगों की नाराजगी अब चरम पर पहुँच चुकी है। "डेम्प ट्रंप" के नारों के साथ, देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई संगठनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि उनकी आवाज़ सुनी जाए और ट्रंप की नीतियों के खिलाफ गुस्सा प्रकट किया जाए। इस लेख में, हम जानेंगे कि यह विरोध क्यों भड़का है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
प्रदर्शनों का विस्तार
अमेरिका के प्रमुख शहरों जैसे न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस और शिकागो सहित कई स्थानों पर, सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए हैं। ये प्रदर्शन ट्रंप के हालिया निर्णयों और उनके कार्यकाल के दौरान उठाए गए कुछ विवादास्पद कदमों के खिलाफ हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप ने अमेरिका को विभाजित किया है और उनकी नीतियों ने समाज में घृणा और असहिष्णुता को बढ़ावा दिया है।
क्यों भड़के लोग?
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, ट्रंप का कार्यकाल कई मामलों में विवादास्पद रहा है। कुछ कारण इस प्रकार हैं:
- जातीय असमानता: चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की टिप्पणी और नीतियों ने विभिन्न जातियों के बीच तनाव को बढ़ाया है।
- पर्यावरण नीति: ट्रंप ने कई पर्यावरणीय नियमों को दरकिनार किया, जिसका असर जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहा है।
- महामारी प्रबंधन: कोविड-19 महामारी के दौरान ट्रंप की प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य संबंधी नीतियों ने कई लोगों को निराश किया।
प्रदर्शन का प्रभाव
इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल ट्रंप के विरोधियों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी जागरूकता का कारण बना है जो अमेरिका के मौजूदा हालात से नाखुश हैं। प्रदर्शन में भाग लेने वालों का मानना है कि एकजुटता से ही ट्रंप के नीतियों को चुनौती दी जा सकती है।
संभावित परिणाम
भविष्य में, इन प्रदर्शनों का प्रभाव अमेरिकी राजनीति पर पड़ सकता है। क्या ये ट्रंप के पुनर्निर्वाचन की संभावना को प्रभावित करेंगे? क्या यह अन्य राजनीतिक दलों को मजबूती देगा? यह सवाल उठ रहे हैं।
निष्कर्ष
अमेरिका में "डंप ट्रंप" के नारे से पता चलता है कि जनता अपनी आवाज़ उठाने के लिए तैयार है। उनके मन में बदलाव की चाहत और ट्रंप की नीतियों के प्रति नाखुशी अभी भी स्पष्ट है। जैसे-जैसे आगामी चुनाव नजदीक आते हैं, यह प्रदर्शन और भी बढ़ सकते हैं। इन प्रदर्शनों के साथ-साथ, नागरिकों को अपनी राजनीतिक जागरूकता बढ़ानी होगी ताकि वे अपने हक के लिए आगे आ सकें।
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