Donald Trump Tariff Threat: सीधे टॉप लेवल पर चल रही बात...भारत को ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी पर तुलसी गबार्ड ने कर दिया बड़ा खुलासा
भारत की यात्रा पर आईं अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच शीर्ष स्तर पर सीधी बातचीत होती है। अमेरिकी टैरिफ व्यवस्था पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि मैंने भारतीय सरकारी अधिकारियों से सुना है कि यहां हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की अधिक संभावनाएं देखने का अवसर है। जब हम टैरिफ को देखते हैं तो मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वे इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, न कि केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से। इसे भी पढ़ें: खालिस्तानियों पर काल बनकर टूटेगा अमेरिका? राजनाथ सिंह ने बिना लाग-लपेट ट्रंप की इंटेलिजेंस चीफ को अच्छे से समझा दियाराजधानी में थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के वार्षिक रायसीना डायलॉग्स के अवसर पर एएनआई से बात करते हुए तुलसी गबार्ड ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मैंने जिन भारतीय सरकारी अधिकारियों से बात की है, उनसे मैंने जो सुना है, उसके अनुसार यहां एक अवसर है। हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की अधिक संभावना है और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वे इसे नकारात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाय अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, जब हम टैरिफ को देखते हैं। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के लिए उपलब्ध अवसरों के सर्वोत्तम हित में देख रहे हैं। इसी तरह, राष्ट्रपति ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका, हमारे आर्थिक हितों और अमेरिकी लोगों के हितों के लिए भी यही कर रहे हैं।इसे भी पढ़ें: नीचे बैठकर...अमेरिका से रिश्ते पर क्या बोले मोदी? ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल पर शेयर कर दिया पूरा पॉडकास्टअमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी दोनों ही अच्छे समाधान की तलाश में हैं। मैं जो सबसे सकारात्मक बात देखती हूँ, वह यह है कि हमारे पास दो नेता हैं, जिनमें सामान्य ज्ञान है और जो अच्छे समाधान की तलाश में हैं। यह सीधा संवाद हमारे दोनों देशों में शीर्ष स्तर पर हो रहा है, लेकिन विभिन्न सचिवों और कैबिनेट सदस्यों के बीच भी यह तय करने में महत्वपूर्ण होगा कि आगे का रास्ता वास्तव में कैसा दिखता है।

Donald Trump Tariff Threat: सीधे टॉप लेवल पर चल रही बात...भारत को ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी पर तुलसी गबार्ड ने कर दिया बड़ा खुलासा
The Odd Naari
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए टैरिफ संबंधी एक धमकी दी है, जिसने पूरे व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया है। इस मुद्दे पर पूर्व अमेरिकी कांग्रेसवाले तुलसी गबार्ड का मुखर बयान इस बात का संकेत है कि यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे ध्यानपूर्वक देखा जा रहा है।
ट्रंप का टैरिफ धमकी का महत्व
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर हाल ही में अपनी चिंताओं को सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ नहीं घटाए, तो वह इसका सामना करने को तैयार रहें। इस मामले में तुलसी गबार्ड ने कहा है कि यह धमकी व्यापार संधियों को कमजोर कर सकती है और वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा सकती है।
तुलसी गबार्ड का बयान
तुलसी गबार्ड ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि अमेरिका को भारत के साथ व्यावसायिक संबंध सुधारने के लिए पारस्परिक सहयोग की आवश्यकता है, न कि दबाव की। उन्होंने कहा, "भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है और हमें उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए, न कि उन्हें धमकाना चाहिए।" गबार्ड का यह बयान इस बात को मजबूत करता है कि अमेरिका और भारत के रिश्ते के लिए संवाद और सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इस धमकी पर अपने आप को मजबूती से तैयार किया है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस तरह की धमकियों से भारत की आर्थिक नीतियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत ने हमेशा से ही अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूती प्रदान की है और वह ऐसा करना जारी रखेगा। व्यापारिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस चुनौती का सामना करते हुए अपने विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया
विदेशों में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। कई देशों के नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अमेरिका के इक्विटी बाजार में इस तरह की धमकियों का क्या प्रभाव पड़ेगा। विश्लेषकों के अनुसार, यदि ट्रंप की धमकी गंभीर होती है, तो इससे वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी और तुलसी गबार्ड के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर बहुत कुछ दांव पर है। यह समय है कि दोनों देशों को पारस्परिक सहयोग के माध्यम से अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। यदि हम इस मुद्दे का सही समाधान निकालते हैं, तो इसके सकारात्मक परिणाम वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकते हैं।
इसलिए हमें चाहिए कि हम अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए एक मजबूत संवाद स्थापित करें और सहयोग की भावना को बढ़ावा दें।
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