Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को भोग लगाएं ये 3 पारंपरिक भोग, नोट करें आसान रेसिपी
बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी का त्योहार माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देवी सरस्वती की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। इस बार 2 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिल पीले वस्त्र पहने जाते हैं और माता सरस्वती को पीले रंग का भोग अर्पित किया जाता है। बसंत पंचमी भोग रेसिपीजोरा इलिशबंगाली समुदाय, विशेष रूप से पूर्वी बंगाल में, मां सरस्वती को जोरा इलिश (हिल्सा मछली का एक जोड़ा) चढ़ाना एक आम परंपरा है। "मछली की रानी" के नाम से मशहूर हिल्सा मछली को धन और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। मछली को आमतौर पर हल्दी और सरसों के तेल से लेपा जाता है, फिर हल्के मसालों के साथ धीरे-धीरे पकाया जाता है। बंगाली लोगों का मानना है कि जोरा इलिश चढ़ाने से उनके घरों में समृद्धि और आशीर्वाद आता है।बूंदी के लड्डूउत्तर भारत में बसंत पंचमी के दौरान बूंदी के लड्डू जरुर चढ़ाए जाते हैं। माता सरस्वती को बूंदी के लड्डू को भोग अर्पित कर सकते हैं। बूंदी के लड्डू बनाने के लिए आप बेसन के घोल को छोटी-छोटी बूंदों (बूंदी) में तलकर बनाएं, जिन्हें बाद में चीनी की चाशनी में लपेट दें। इसके बाद इन्हें लड्डू की आकार में बना लें। माता सरस्वती को बूंदी के लड्डू अति प्रिय है।गुड़ वाले चावलगुड़ चावल या मीठे चावल भी कहा जाता है। यह मिठाई बसंत पंचमी के दौरान बनाई जाती है। गुड़ वाले चावल को बनाने के लिए आप बासमती चावल को गुड़, घी, केसर, सौंफ और नारियल के बुरादे के साथ पकाकर बना लें। डिश को सुनहरा रंग दें। यह डिश त्योहार की पीली थीम के साथ बिल्कुल फिट बैठता है। गुड़ वाले चावल एक आरामदायक और स्वादिष्ट पकवान है जिसका आनंद भक्त और देवी दोनों उठाते हैं। माता सरस्वती को भी गुड़ वाले चावल काफी पसंद है।

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को भोग लगाएं ये 3 पारंपरिक भोग, नोट करें आसान रेसिपी
The Odd Naari द्वारा लिखित, टीम नेतानगरी
परिचय
बसंत पंचमी, जिसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है, हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती, ज्ञान, संगीत और कला की देवी के रूप में पूजा जाती हैं। इस बार, 2025 में, बसंत पंचमी 30 जनवरी को है। इस विशेष दिन पर कुछ पारंपरिक भोग लगा कर देवी को प्रसन्न किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन मां सरस्वती को कौन से तीन पारंपरिक भोग लगाने चाहिए, और साथ ही उनकी आसान रेसिपी भी।
मां सरस्वती को भोग लगाएं ये 3 पारंपरिक भोग
1. केसर-चावल (Saffron Rice)
केसर-चावल एक खास भोग है जो मां सरस्वती को चढ़ाया जाता है। इसे बनाना बहुत आसान है और यह स्वादिष्ट भी होता है।
रेसिपी:
- सामग्री: 1 कप चावल, 2 कप पानी, 1 चुटकी केसर, नमक स्वादानुसार, घी।
- विधि: चावल को अच्छे से धोकर आधे घंटे के लिए भिगो दें। फिर कुकर में पानी, नमक और केसर डालकर उबालें। जब पानी उबल जाए, तब चावल डालें और 2-3 सिटी आने तक पका लें। ऊपर से घी डालकर गर्मागर्म परोसें।
2. दूध से बने घेवर (Dudh ke Ghewar)
घेवर एक प्रसिद्ध मिठाई है, जो विशेष अवसरों पर बनाई जाती है। यह मिठाई देवी सरस्वती को भोग के रूप में बेहद पसंद है।
रेसिपी:
- सामग्री: 1 कप मैदा, 1/2 कप दूध, 1/2 कप चीनी, घी और पिस्ता।
- विधि: मैदा और दूध को अच्छे से मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करें। कढ़ाई में गरम घी डालें और इस मिश्रण को गोल आकार में छिड़कें। तैयार घेवर को चीनी के चाशनी में डालकर पिस्ता से सजाएं।
3. मूली के परांठे (Radish Parathas)
मूली का परांठा एक स्वादिष्ट और नुट्रिशियस भोग है, जो खासतौर पर बसंत पंचमी पर बनाया जाता है।
रेसिपी:
- सामग्री: 2 कप गेहूँ का आटा, 1 कप कद्दूकस की हुई मूली, धनिया, नमक।
- विधि: गेहूँ के आटे में कद्दूकस की हुई मूली, धनिया और नमक मिलाएं। इसे पानी से गूंधकर पराठे बेलें और तवे पर सेंकें। दही के साथ परोसें।
निष्कर्ष
बसंत पंचमी सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन मां सरस्वती को पारंपरिक भोग अर्पित करके हम ज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं। इन सरल रेसिपीज का अनुसरण कर आप भी इस खास अवसर पर देवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। बसंत पंचमी को और अधिक विशेष बनाने के लिए इन भोगों को अवश्य बनाएँ।
अधिक जानकारियों के लिए, theoddnaari.com पर पधारें।