Bangladesh के अंतरिम सरकार का दिमाग घूम गया है? भारत के बाद इजरायल से ले रहा पंगा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का माथा पूरी तरह से घूम चुका है। जो मन में आ रहा है फैसला लेकर बांग्लादेश पूरी दुनिया में अपने आप को पाकिस्तान पसंदीदा देश बनाने पर तुल चुका है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इस वक्त हर वो चीज कर रही है जो पाकिस्तान को खुश कर सके। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। जिसके बाद वो सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि इजरायल से भी दुश्मनी मोल ले चुका है। बांग्लादेश ने अपने नागरिकों के इजरायल की यात्रा करने पर ही पूरी तरह से रोक लगा दी है। सबसे बड़ी बात ये कि बांग्लादेश ने ये रोक कई नोटिफिकेशन जारी करके नहीं बल्कि पासपोर्ट पर ही लिख दिया है कि इजरायल छोड़कर ये पासपोर्ट दुनिया में कहीं भी लागू होगा। यानी इस पासपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले बांग्लादेशी नागरिक इजरायल नहीं जा पाएंगे। इसे भी पढ़ें: मुस्लिम विरोध...26/11 के बाद क्यों नहीं लिया एक्शन? ओबामा के सवाल पर हैरान कर देगा मनमोहन सिंह का जवाबबांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घोषणा की कि उसने देश के पासपोर्ट पर इज़राइल को छोड़कर शब्द पुनः लागू कर दिया है, जिससे उसके नागरिकों के यहूदी राज्य की यात्रा करने पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लग गया है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय की उप सचिव नीलिमा अफरोज ने सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संवाद समिति (बीएसएस) को बताया कि हमने 7 अप्रैल को पासपोर्ट और आव्रजन विभाग को पत्र जारी कर दिया है। मई 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान आधिकारिक यात्रा दस्तावेजों से यह कथन हटा दिया गया था कि यह पासपोर्ट इजरायल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए वैध है। पिछले साल अगस्त में हसीना के इस्तीफ़ा देने और उनके खिलाफ़ छात्रों के नेतृत्व में हफ़्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत आने के बाद सरकार गिर गई थी। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के निष्कासन के तीन दिन बाद 8 अगस्त को कार्यभार संभाला।इज़राइल को छोड़कर लाइन कब और क्यों हटाया गया थाबीएसएस के अनुसार, उस समय प्राधिकारियों ने कहा था कि इसका उद्देश्य दस्तावेज के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को बनाए रखना है तथा कहा था कि इजरायल की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की ढाका की दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। हालाँकि, इस लाइन को हटा दिए जाने के बाद, बांग्लादेशी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने की स्थिति में किसी तीसरे देश से इजराइल की यात्रा करने की अनुमति दे दी गई। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं। ढाका स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन करता है।इसे फिर से क्यों जोड़ा गयायह लाइन ऐसे समय में वापस जोड़ी गई है जब भारत के पूर्वी पड़ोसी देश में फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में इजरायल के सैन्य हमले को लेकर व्यापक गुस्सा है। राजधानी ढाका में हजारों प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडे लेकर रैली निकाली और स्वतंत्र फिलिस्तीन जैसे नारे लगाए। मुख्य विरोध प्रदर्शन प्रीमियर ढाका विश्वविद्यालय के पास सुहरावर्दी उद्यान में आयोजित किया गया था।

Bangladesh के अंतरिम सरकार का दिमाग घूम गया है? भारत के बाद इजरायल से ले रहा पंगा
The Odd Naari
लेखक: प्रियंका शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
बंगाल की खाड़ी में स्थित बांग्लादेश एक ऐसी राजनीतिक स्थिरता के राह पर बढ़ रहा है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में कई कड़े निर्णय लिए हैं। वर्तमान में उनके अंतरिम सरकार के निर्णयों पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब बात भारत के बाद इजरायल से तनावपूर्ण संबंधों की हो रही है।
संबंधो का गहराता संकट
बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार ने हाल ही में अपने कुछ छोटे-छोटे निर्णयों से भारत के साथ अपने रिश्तों में दरार डाल दी है। इसी का एक उदाहरण तब देखने को मिला जब बांग्लादेश ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ एक विवादास्पद स्थिति अपनाई, जिसने द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव डाला।
भारत से बढ़ता तनाव
बांग्लादेश ने भारत के पूर्वी सीमाओं पर सुरक्षा के मुद्दों को लेकर कई बार विरोध किया है। इस स्थिति ने भारत के साथ बांग्लादेश के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों में दरार डाल दी है। दूसरी ओर, बांग्लादेश का अपने आपको सक्षम बनाने की कोशिश में किये गए कुछ निर्णय भारत के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।
इजरायल के खिलाफ आक्रामकता
अब बात करती हैं बांग्लादेश की इजरायल के प्रति आक्रामकता की। हाल ही में बांग्लादेश ने इजरायल द्वारा ग़ज़ा में किए गए सैन्य ऑपरेशनों की निंदा की है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब इजरायल ने बांग्लादेश के खिलाफ यह आरोप लगाया है कि वह उनके खिलाफ आतंकवाद का समर्थन कर रहा है।
भविष्य की संभावनाएँ
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ये निर्णय क्या उनके भविष्य के लिए सकारात्मक साबित होंगे? क्या ये कदम उस क्षेत्र में स्थिरता लाएंगे या और अधिक विवाद पैदा करेंगे? यह कहना मुश्किल है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार को अपने निर्णयों पर विचार करना होगा ताकि वह भविष्य में किसी भी संकट से बच सके।
निष्कर्ष
बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार अपने विदेश नीति के संबंध में महत्वपूर्ण decisões ले रही है जो उसे एक संवेदनशील स्थिति में डाल सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन संबंधों का सामरिक व राजनीतिक परिणाम क्या होगा। भारत और इजरायल जैसे राष्ट्रों के साथ ठीक से बातचीत करके ही बांग्लादेश अपनी स्थिति को मजबूत कर सकता है।