USAID के खिलाफ ट्रंप प्रशासन का एक्शन, 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बाकी को छुट्‌टी पर भेजा

ट्रंप प्रशासन ने रविवार को घोषणा की कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के 1,600 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। अमेरिका के बाहर काम करने वाले एजेंसी के कई अन्य कर्मचारियों को सवैतनिक प्रशासनिक अवकाश पर रखा गया है। नौकरी से निकाले जा रहे एक कर्मचारी को भेजे गए ईमेल में कहा गया है, "मुझे आपको यह बताते हुए दुख हो रहा है कि आप बल की कटौती की कार्रवाई से प्रभावित हैं।" ईमेल में कहा गया है कि जिन लोगों को नोट मिला है उन्हें 24 अप्रैल से संघीय सेवा से जाने दिया जाएगा। इसे भी पढ़ें: USAID Controversy: जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को चिंताजनक बताया, कहा सरकार कर रही है जांचकर्मचारी जो अभी भी काम कर रहे हैं वे यूएसएआईडी के नेता और महत्वपूर्ण कर्मचारी हैं। यह कदम नवीनतम और अब तक के सबसे बड़े कदमों में से एक था, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और लागत में कटौती करने वाले सहयोगी एलोन मस्क कहते हैं कि संघीय सरकार के आकार को कम करने के व्यापक अभियान में छह दशक पुरानी सहायता और विकास एजेंसी को ख़त्म करना उनका लक्ष्य है। यूएसएआईडी अमेरिकी विदेशी सहायता के लिए मुख्य वितरण तंत्र है और विदेशों में प्रभाव जीतने के लिए अमेरिकी "सॉफ्ट पावर" का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।दरअसल शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को अमेरिका और दुनिया भर में हजारों यूएसएड कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की उनकी योजना पर आगे बढ़ने की अनुमति दी थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने कर्मचारियों के उस वाद को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने सरकार की योजना पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का अनुरोध किया था। ट्रंप प्रशासन की ओर से यूएसएड कर्मचारियों को कल रात करीब 12 बजे संदेश भेजा गया कि उन्हें छुट्टी पर भेजा जा रहा है।  इसे भी पढ़ें: USAID Controversy: अमेरिका का फायदा उठाते हैं, PM Modi के दोस्त Donald Trump ने भारत पर क्यों लगाए आरोप?कर्मचारियों को भेजे गए नोटिस में साथ ही कहा गया कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती शुरू की जा रही है, जिससे अमेरिका में 2,000 नौकरियां खत्म हो जाएंगी। बाद में यूएसएड की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए नोटिस में समाप्त किए जाने वाले पदों की संख्या कम करके 1,600 बताई गई। प्रशासन ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया। यूएसएड और विदेश मंत्रालय ने भी इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है। यूएसएड के उप प्रशासक पीट मारको ने संकेत दिया है उनकी योजना लगभग 600 कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की है, जिनमें से अधिकतर अमेरिका में रहते हैं।

USAID के खिलाफ ट्रंप प्रशासन का एक्शन, 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बाकी को छुट्‌टी पर भेजा
USAID के खिलाफ ट्रंप प्रशासन का एक्शन, 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बाकी को छुट्‌टी पर भेजा

USAID के खिलाफ ट्रंप प्रशासन का एक्शन, 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बाकी को छुट्‌टी पर भेजा

लेखिका: साक्षी चौरसिया, टीम नेतानागरी

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूएसएड (USAID) के 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और अन्य कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया है। यह विवादास्पद निर्णय अमेरिका की विदेश नीति और सरकारी संस्थाओं पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।

ट्रंप प्रशासन का निर्णय

ट्रंप प्रशासन का यह कदम अप्रत्याशित और कई सवालों को जन्म देने वाला है। यूएसएड ने मुख्य रूप से विकासशील देशों में सहायता और आपात स्थिति में बचाव कार्यों के लिए काम किया है। ऐसे में लगभग 1600 कर्मचारियों का अचानक से नौकरी से निकाला जाना एक विशाल संख्या है। प्रशासन के इस कदम से उनकी योजनाओं और अभियानों पर गहरा असर पड़ेगा।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

यह निर्णय ट्रंप प्रशासन की एक लंबी-चौड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वे विभिन्न सरकारी संस्थानों को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में इस मामले की जांच करना बेहद आवश्यक है कि यह किस तरह से प्रभावित करेगा। यूएसएड जो कि राष्ट्रपति प्रशासन के तहत काम करता है, इस स्थिति में पुनर्गठन और नीतिगत बदलाव का सामना कर रहा है।

क्या हैं इसके प्रभाव?

इस निर्णय का प्रभाव कई क्षेत्रों में देखने को मिलेगा। सबसे पहले, विकासशील देशों को मिलने वाली सहायता में कमी आएगी, जिससे वहां की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, कर्मचारियों की मानसिकता पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा, जो एक साकरात्मक कार्य वातावरण के लिए आवश्यक है।

नागरिक समाज की प्रतिक्रिया

नागरिक समाज के कई संगठन इस निर्णय की कड़ी निंदा कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह नीति मानव जीवन को संकट में डालने जैसी स्थिति है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें और कर्मचारियों के हक में फैसला लें।

निष्कर्ष

संक्षेप में, ट्रंप प्रशासन का यूएसएड के खिलाफ यह निर्णय न केवल कर्मचारियों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है, बल्कि यह विश्वसनीयता और विकासशील देशों की सहायता प्रणाली को भी प्रभावित करेगा। ऐसा लगता है कि यह प्रक्रिया केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है। आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा, अमेरिकी जनता को भी इस मामले पर अपनी आवाज उठानी चाहिए।

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