214 मौतों पर भारत ने पाकिस्तान को दिखाई औकात, ट्रेन हाईजैक में नाम घसीटने पर खोल दी पूरी पोल-पट्टी
48 घंटे में भी जब पाकिस्तान बीएलए के आगे नहीं झुका तो बलूच आर्मी ने भी पाक सेना के 214 सुरक्षा कर्मियों को मार गिराने दावा किया। इधर इस तरह के दावे हो रहे थे और उधर पाकिस्तान इन हमलों की जिम्मेदारी का ठीकड़ा भारत पर फोड़ने की कोशिश में लगा था। पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक मामले में अलग अलग दावे सामने आए। लेकिन इन सबमें सबसे झूठा दावा पाकिस्तान द्वारा भारत का नाम लेकर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने की थी। इधर पाकिस्तान की तरफ से ये आरोप लगाने की भूल हुई और उधर भारत ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दे दिया। पाकिस्तानी सेना हाईजैक ऑपरेशन खत्म करने की बात कर रहा था। उधर बलूच विद्रोही दावा कर रहे थे कि 48 घंटे पूरे होने के बाद उन्होंन े214 जवानों को मार डाला है। उधर दुनियाभर में बेइज्जत होने के बाद पाकिस्तान इस ट्रेन हाईजैक का आरोप भारत पर लगा रहा है। भारत ने मुहंतोड़ जवाब दिया। इसे भी पढ़ें: बलूचिस्तान, भारत और तालिबान ने एक साथ पाकिस्तान को जड़ा तमाचा, अपने ही देश के सैनिकों के शव के साथ किया गंदा खेलभारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को खारिज कर इसका सिरे से खंडन किया। पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाफर एक्सप्रेस हमले में भारत का हाथ था। भारत ने बलूचिस्तान ट्रेन हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन करार दिया और कहा कि इस्लामाबाद को अपनी विफलताओं के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान ट्रेन हमले का प्रत्यक्ष रूप से उल्लेख न करते हुए बृहस्पतिवार भारत पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस्लामाबाद के आरोपों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को पुरजोर ढंग से खारिज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उंगली उठाने और अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं का दोष दूसरों पर मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।इसे भी पढ़ें: Pakistan Train Hijack: बंधक संकट के बीच बलूचिस्तान पहुंचे पीएम शहबाज शरीफ, ट्रेन हाईजैक पीड़ितों से जाना हा गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने बृहस्पतिवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन पर हुए हमले के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा था कि पूरी घटना के दौरान आतंकवादी अफगानिस्तान-आधारित आतंकवादियों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क में थे। उन्होंने बिना कोई सबूत दिये आरोप लगाया था, हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं है। और फिर, तथ्य नहीं बदले हैं। भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में शामिल है।

214 मौतों पर भारत ने पाकिस्तान को दिखाई औकात, ट्रेन हाईजैक में नाम घसीटने पर खोल दी पूरी पोल-पट्टी
लेखिका: सृष्टि शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक ट्रेन हाईजैक के मामले में पाकिस्तान का नाम आने से भारत ने अपनी बात खुलकर रखी है। इस घटना में 214 लोगों की जान गई, और अब भारत ने पाकिस्तान को अपने दावों से बेनकाब कर दिया है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह दुष्प्रचार फैलाना बंद करे। भारत ने इस घटनाक्रम में पाकिस्तान के हाथ होने के सबूत प्रस्तुत किए हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि जब-जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई है, तब-तब पाकिस्तान ने अपनी करतूतों को छिपाने के लिए गलत बयानबाजी की है।
पाकिस्तान के इरादे
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस घटना को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा है। उसने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह घटना भारतीय खुफिया एजेंसियों की स्पेशल ऑपरेशन का हिस्सा है। लेकिन भारत का कहना है कि यह सब सिर्फ एक और झूठ है, जिसे पाकिस्तान ने अपनी छवि बचाने के लिए गढ़ा है।
पुलिस और जांच एजेंसियों की भूमिका
भारत की जांच एजेंसियों ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और इस घटना से जुड़े सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के द्वारा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।
निष्कर्ष
भारत ने फिर से स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान की हरकतों के बारे में सच स्पष्ट करना समय की मांग है। इस प्रकार की घटनाएं यह साबित करती हैं कि केवल संवाद और सहयोग ही एकमात्र समाधान है। अगर पाकिस्तान वास्तव में शांतिपूर्ण वार्ता चाहता है, तो उसे आतंकवाद का समर्थन करने से दूर रहना होगा।
हालात की गंभीरता को समझते हुए, भारतीय नागरिकों को भी इस मुद्दे पर सजग रहना चाहिए। इस संदर्भ में और अधिक जानकारी के लिए, theoddnaari.com पर जाएं।