अगर आपमें नहीं है यह गुण तो बर्बादी तय मानिये, न सफलता मिलती है न लोग
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कहा था कि अधीर व्यक्ति न ज्ञान प्राप्त कर सकता है, न शासन और न ही रिश्ते संभाल सकता है. जानिए चाणक्य नीति के अनुसार धैर्यहीन व्यक्ति को जीवन में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. The post अगर आपमें नहीं है यह गुण तो बर्बादी तय मानिये, न सफलता मिलती है न लोग appeared first on Prabhat Khabar.

अगर आपमें नहीं है यह गुण तो बर्बादी तय मानिये, न सफलता मिलती है न लोग
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आचार्य चाणक्य, जिन्हें भारतीय अर्थशास्त्र और राजनीति के महान विद्वान् माना जाता है, ने जीवन के बेहतर और सफल तरीके सिखाने के लिए अद्भुत नीतियाँ दी हैं। उनके अनुसार, 'धैर्य' एक ऐसा गुण है जिसका अभाव होने पर व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता। अगर आपमें यह गुण नहीं है, तो आपके लिए बर्बादी तय है। इस लेख में हम जानेंगे कि धैर्य की कमी से व्यक्ति को जीवन में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
धैर्यहीन व्यक्ति को कौन-कौन सी समस्याएं घेर सकती हैं?
सफलता से वंचित हो सकते हैं धैर्यहीन
चाणक्य के अनुसार, जो लोग जल्दी परिणाम के लिए अधीर होते हैं, वे लंबे समय तक किसी कार्य में ठहरते नहीं। ऐसे लोग अधूरे प्रयासों के कारण सफलता के बेहद करीब होने के बावजूद भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाते। यही कारण है कि धैर्यपूर्ण व्यक्ति अपने प्रयासों में दृढ़ रहता है और अंततः सफल होता है।
रिश्तों पर भी पड़ता है असर
धैर्य की कमी का सबसे बड़ा प्रभाव रिश्तों पर पड़ता है। अधीर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा कर जाता है, जिससे मित्रता, पारिवारिक रिश्ते या प्रेम संभालना कठिन हो जाता है। इसलिए, धैर्य व्यक्ति के सामाजिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
धैर्यवान व्यक्ति के पास ही टिकता है धन
जो लोग धैर्य का अभाव रखते हैं, वे अक्सर बिना सोचे-समझे फैसले लेते हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। चाणक्य ने कहा है कि "धन हमेशा संयमी और धैर्यवान के पास टिकता है।" यह दर्शाता है कि धैर्य ही स्थिरता का आधार है।
मानसिक तनाव और बेचैनी से भी जूझता धर्यहीन व्यक्ति
धैर्य न रखने वाला व्यक्ति अक्सर मानसिक तनाव और बेचैनी का शिकार होता है। ऐसे लोग निर्णय जल्दी में लेते हैं, जिसकी वजह से उन्हें संतोष नहीं मिल पाता। यह स्थिति उनके जीवन में शांति और संतुलन लाने में कठिनाई पैदा करती है।
नीतिगत पतन और गलत फैसले
चाणक्य नीति के अनुसार, अधीरता से व्यक्ति कई बार गलत रास्ते पर चला जाता है। वह नैतिकता और संयम को छोड़कर त्वरित परिणाम को पाने के लिए गलत निर्णय लेने में देर नहीं लगाता। इसके परिणामस्वरूप, उसका जीवन भी अव्यवस्थित हो जाता है।
धैर्य क्यों है जरूरी?
आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभव से यह सीखा कि धैर्य हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में धैर्य का प्रयोग किया और भारतीय इतिहास में एक नई दिशा प्रदर्शित की। उनका स्पष्ट संदेश था कि "जो समय का इंतजार करता है, उसे समय स्वयं सफलता सौंप देता है।"
इसलिए, यदि आप अपने जीवन में स्थायी सफलता और खुशी की तलाश कर रहे हैं, तो धैर्य का अभ्यास करना न भूलें। आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है।
अंततः, धैर्य ही जीवन में सफलता की कुंजी है और इसके अभाव में बर्बादी ही निश्चित है। चाणक्य की नीतियों का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।
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लेखिका: प्रिया शर्मा, साक्षी गुप्ता, टीम theoddnaari