यूक्रेन शांति समझौते पर ट्रंप ने अब क्या बड़ा यू-टर्न लिया, अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा माना?

एक ऐसी बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, जिसने पूरी दुनिया की राजनीति को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका 2014 से क्रीमिया को यूक्रेन का हिस्सा बताता आया है। अब उसी क्रीमिया को रूस का इंटरनल टैरेटरी यानी आतंरिक हिस्सा मानने जा रा है। ये कोई अफवाह नहीं बल्कि एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन के नए प्रस्ताव में इसे शांति समझौते का अहम हिस्सा बताया गया है। यानी यूक्रेन और रूस के बीच के युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका अब रूस के इस दावे को मान्यता देने के लिए राजी है। इसे भी पढ़ें: अगर अमेरिका के दबाव में आए तो... अब चीन ने दी दुनिया को धमकीमार्च 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसे सबसे आसान आक्रमण भी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यूक्रेन ने बगैर जंग लड़े ही क्रीमिया दे दिया था और रूसी सैनिकों ने भी रातों-रात ही इस द्वीप पर कब्जा कर लिया था। इसके आठ साल बाद 2022 में पुतिन ने यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी। यह भी घोषणा की है कि वह इन क्षेत्रों में यूक्रेन के सैन्य आक्रमण को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। इसे भी पढ़ें: ट्रंप की प्रतीक्षा, द्विपक्षीय क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा, ट्रेड डील पर भारत-अमेरिका में कैसे बन गई बात?रूस के इस कदम के बाद अमेरिका और पश्चिमी देश मॉस्को के खिलाफ हो गए। रूस पर प्रतिबंध लगाए गए और उसे जी-8 से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया। रूस को इंटरनेशनल लेवल पर अलग थलग करने की पूरी कोशिश की गई। इसी घटना के बीच रूस और चीन के बीच नो लिमिट पार्टनरशिप की शुरुआत हुई और वेस्ट का रूस पर शिकंजा कसता चला गया। लेकिन अब 2025 में अमेरिका का ये यू-टर्न दुनिया को हैरान कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन पर रूस के युद्ध को समाप्त करने के लिए एक व्यापक समझौते के हिस्से के रूप में क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देने पर विचार कर रहा है। इसे भी पढ़ें: यूक्रेन और रूस ने कैदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली, 30 घंटे के लिए पुतिन का एकतरफा सीजफायर का ऐलानराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने किसी भी प्रतिबद्धता से इनकार किया, इस बात पर जोर देते हुए कि प्रशासन मीडिया के माध्यम से बातचीत नहीं करेगा। अमेरिकी अधिकारियों ने पहले सुझाव दिया था कि युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन को क्षेत्रीय रियायतें देने की आवश्यकता हो सकती है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को स्वीकार किया, लेकिन तर्क दिया कि किसी तरह का समझौता आवश्यक हो सकता है। हालाँकि, कीव ने लगातार किसी भी क्षेत्रीय नुकसान को अस्वीकार किया है, और यूरोपीय सहयोगी संभवतः अमेरिकी नीति में इस तरह के बदलाव का विरोध करेंगे।

यूक्रेन शांति समझौते पर ट्रंप ने अब क्या बड़ा यू-टर्न लिया, अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा माना?
यूक्रेन शांति समझौते पर ट्रंप ने अब क्या बड़ा यू-टर्न लिया, अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा माना?

यूक्रेन शांति समझौते पर ट्रंप ने अब क्या बड़ा यू-टर्न लिया, अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा माना?

द ओड नारी - फातिमा शर्मा, टीम नेता नगारि

प्रस्तावना

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष ने वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ लिया है। हाल ही में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन शांति समझौते पर एक ऐसी बात कही है, जिसने सबको हैरत में डाल दिया है। इस लेख में हम देखेंगे कि ट्रंप का यह यू-टर्न क्या है और अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने का क्या मतलब है।

ट्रंप का बड़ा यू-टर्न

डोनाल्ड ट्रंप, जो कभी यूक्रेन को अमेरिका का मुख्य सहयोगी मानते थे, अब अचानक क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने का बयान देकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। ट्रंप का यह विचार उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान यूक्रेन के प्रति उनकी नीति में अचानक बदलाव का संकेत है। उन्होंने कहा, "क्रीमिया अब हमेशा के लिए रूस का हिस्सा है, और इसे स्वीकार करना ही होगा।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन में संघर्ष अभी भी तेज है और अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी इसके समाधान के लिए प्रयासरत है।

अमेरिकी प्रशासन का रुख

अमेरिका ने परंपरागत रूप से क्रीमिया को यूक्रेन का हिस्सा मानते हुए रूस के द्वारा इस पर कब्जा करने की निंदा की है। लेकिन ट्रंप के इस खुलासे ने प्रशासन के भीतर नई बहस छेड़ दी है। यह चिंता बढ़ गई है कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रंप के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने मूल सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेगा और क्रीमिया यूक्रेन का हिस्सा बना रहेगा।

वैश्विक प्रभाव

ट्रंप का यह यू-टर्न न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। यूरोप में कई देश, विशेषकर वो जो रूस की सीमा पर हैं, इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि अमेरिका अपने पीछे हटने की स्थिति में होता है तो इसका क्या परिणाम हो सकता है। तनाव में वृद्धि से न केवल अमेरिका और रूस के संबंध प्रभावित होंगे, बल्कि न्याय की स्थिति भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

निष्कर्ष

ट्रंप का यह नया बयान यूक्रेन और रूस के बीच की स्थिति को और अधिक जटिल बना सकता है। ऐसे समय में जब दुनिया शांति की उम्मीद कर रही है, इस तरह के बयानों से हल नहीं निकलने के बजाय स्थिति और बिगड़ सकती है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका जल्द ही एक स्थायी और प्रभावी समाधान की दिशा में अग्रसर होगा। शांति व्यवस्था बहाल करना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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