मानवता के लिए मददगार, भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार, AI कैसे बदल रहा लोगों का जीवन, पेरिस समिट में PM मोदी ने बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में एआई एक्शन समिट को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें पक्षपात रहित गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए और लोगों को केन्द्रित करने वाले एप्लिकेशन बनाने चाहिए। हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो। एआई पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक ​​कि हमारे समाज को नया आकार दे रहा है। एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। इसे भी पढ़ें: मोदी को देखते ही मैक्रों ने गले लगा लिया, फ्रांस और भारत की दोस्ती वाली तस्वीर देखिएप्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस के ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं एक सरल प्रयोग से शुरू करता हूं। यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट किसी एआई ऐप पर अपलोड करते हैं तो यह सरल भाषा में बता सकता है कि इसका क्या मतलब है, लेकिन यदि आप उसी ऐप से किसी व्यक्ति की बाएं हाथ से लिखने की छवि बनाने के लिए कहते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि ऐप किसी व्यक्ति को उसके दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में यही बात हावी है। यह दर्शाता है कि AI की सकारात्मक क्षमता बिल्कुल अद्भुत है, इसमें कई पूर्वाग्रह हैं जिनके बारे में हमें सावधानी से सोचने की आवश्यकता है। इसीलिए मैं अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों का इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने तथा मुझे इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए आभारी हूं।

मानवता के लिए मददगार, भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार, AI कैसे बदल रहा लोगों का जीवन, पेरिस समिट में PM मोदी ने बताया
मानवता के लिए मददगार, भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार, AI कैसे बदल रहा लोगों का जीवन, पेरिस समिट में PM मोदी ने बताया

मानवता के लिए मददगार, भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार, AI कैसे बदल रहा लोगों का जीवन, पेरिस समिट में PM मोदी ने बताया

The Odd Naari

लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

पेरिस में हाल ही में आयोजित एक समिट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रभाव का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने AI के माध्यम से मानवता की भलाई के लिए भारत के प्रयासों और अनुभवों को साझा किया। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे AI लोगों के जीवन को बेहतर बना रहा है और भारत इस दिशा में क्या कदम उठा रहा है।

AI और मानवता का संबंध

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास तकनीकी क्षेत्र में एक क्रांति लाया है। यह न केवल कामकाजी दुनिया में, बल्कि आम लोगों के जीवन में भी परिवर्तन ला रहा है। PM मोदी ने बताया कि कैसे AI निरंतर विकासशील तकनीकों के क्षेत्र में मददगार साबित हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI का समावेश किया गया है।

भारत का AI में योगदान

भारत ने AI के क्षेत्र में कई अभिनव परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है। तकनीकी शिक्षा के सुधार के लिए भी स्वास्थ्य देखभाल में AI का उपयोग किया जा रहा है। PM मोदी ने कहा कि भारत अपने अनुभव अन्य देशों के साथ साझा करने को तैयार है। यह न केवल वैश्विक सहयोग को सुगम बनाएगा, बल्कि AI के सकारात्मक प्रभावों को भी बढ़ावा देगा।

पेरिस समिट में की चर्चा

पेरिस समिट में, PM मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि भारत AI संबंधी ज्ञान और नवाचार को साझा करने में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि AI डेटा की शक्ति को समृद्ध बनाते हुए सामाजिक मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, AI प्रणाली का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान और राहत कार्यों में किया जा सकता है।

AI से बदलता जीवन

AI का प्रभाव न केवल स्वयं कंपनियों पर है, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी देखा जा सकता है। दैनिक जीवन की गतिविधियों में AI आधारित तकनीकों का इस्तेमाल, जैसे स्मार्ट होम डिवाइस, स्वास्थ्य काउंसलिंग ऐप, और शिक्षा मंच, लोगों की जिंदगी को आराम और सुविधाजनक बना रहे हैं।

निष्कर्ष

AI न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण भी है। भारत का योगदान इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पेरिस समिट में PM मोदी के द्वारा उठाए गए मुद्दे, एक नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। भारत का अनुभव, अन्य देशों के लिए एक मार्गदर्शक साबित होगा, और हम आशा करते हैं की यह सहयोग मानवता के लिए लाभदायक होगा।

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