भारत नहीं, अमेरिका में आईफोन बनाइए…Apple CEO को ट्रंप ने दे दी टैरिफ लगाने की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी कि अगर कंपनी भारत या कहीं और में आईफोन का निर्माण जारी रखती है तो वह एप्पल उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी को वाशिंगटन को 25 प्रतिशत टैरिफ देना होगा। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में कहा कि मैंने बहुत पहले ही एप्पल के टिम कुक को सूचित कर दिया था कि मुझे उम्मीद है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे जाने वाले उनके आईफोन का निर्माण और निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका में होगा, न कि भारत या किसी अन्य स्थान पर। अगर ऐसा नहीं है, तो एप्पल को अमेरिका को कम से कम 25% टैरिफ देना होगा।इसे भी पढ़ें: IDF के 150 ट्रेंड सैनिक...POK में भारत के साथ घुसने वाला है इजरायल? शहबाज शरीफ को सता रहा किस बात का डरसोशल मीडिया पर दी गई धमकी से आईफोन की कीमत में नाटकीय रूप से वृद्धि हो सकती है, जिससे अमेरिका की अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक की बिक्री और मुनाफे को नुकसान पहुंच सकता है। कंपनी अब अमेजॉन, वॉलमार्ट और अन्य प्रमुख कंपनियों के साथ व्हाइट हाउस के निशाने पर आ गई है, क्योंकि वे ट्रम्प द्वारा लगाए जा रहे आयात करों से उत्पन्न अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के दबाव का जवाब देने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, एप्पल ने भारत में अपने परिचालन को कम करने का कोई संकेत नहीं दिया है। भारत सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की है कि अधिकारियों ने ट्रम्प की टिप्पणियों के बाद एप्पल के अधिकारियों से बात की थी, और उन्हें आश्वासन दिया गया कि भारत के लिए तकनीकी दिग्गज की निवेश योजनाएँ बरकरार हैं। इसे भी पढ़ें: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर बैन, भड़क उठा चीन, बताया शिक्षा का राजनीतिकरणएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एप्पल ने कहा है कि भारत में उसकी निवेश योजनाएं दृढ़ हैं और वह भारत को अपने उत्पादों के लिए प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में जारी रखने का प्रस्ताव रखती है। वर्तमान में Apple भारत में सालाना लगभग 40 मिलियन iPhones असेंबल करता है, जो इसके वैश्विक उत्पादन का लगभग 15% है। विनिर्माण का नेतृत्व तमिलनाडु में फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा किया जाता है, जिसने हाल ही में पेगाट्रॉन से परिचालन संभाला है। दोनों कंपनियाँ अपनी सुविधाओं का विस्तार कर रही हैं, क्षमता बढ़ाने के लिए नए संयंत्र और उत्पादन लाइनें जोड़ रही हैं।Latest World News in Hindi at Prabhasaksh

भारत नहीं, अमेरिका में आईफोन बनाइए…Apple CEO को ट्रंप ने दे दी टैरिफ लगाने की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल को एक अप्रत्याशित चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर कंपनी भारत या कहीं और आईफोन का निर्माण जारी रखती है, तो अमेरिका एप्पल उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है।
ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एप्पल अपने आईफोन्स का निर्माण अमेरिका में करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो एप्पल को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। यह एक स्पष्ट संकेत है कि ट्रंप अमेरिकी कंपनियों की विदेशों में उत्पादन करने की प्रवृत्ति के खिलाफ हैं और अमेरिका में रोजगार के निर्माण पर जोर दे रहे हैं।
आईफोन की कीमत पर प्रभाव
अगर ट्रंप की इस धमकी का पालन किया गया, तो इससे आईफोन की कीमत में नाटकीय वृद्धि होने की संभावना है। यह आंकड़ा अमेरिकी ग्राहकों को सीधे प्रभावित करेगा। ऐसे में एप्पल के लिए यह एक चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपनी बिक्री और मुनाफे को नियंत्रित रखने में कठिनाई हो सकती है। विशेष रूप से, अमेजॉन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां भी इस टैरिफ के प्रभाव में आ सकती हैं।
एप्पल की स्थिति
इस बीच, एप्पल ने भारत में अपने परिचालन को कम करने का कोई इरादा नहीं दिखाया है। भारत सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय अधिकारियों ने एप्पल के अधिकारियों से बात की है और यह आश्वासन लिया गया है कि एप्पल की भारत में निवेश योजनाएँ बरकरार हैं। एप्पल वर्तमान में भारत में लगभग 40 मिलियन आईफोन्स का असेंबलिंग कर रहा है, जो इसके विश्व उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत है।
भारत में निवेश योजनाएँ
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि एप्पल की भारत में निवेश योजनाएँ मजबूत हैं और कंपनी भारत को अपने उत्पादों के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में बनाए रखने का प्रस्ताव रखती है। यह कंपनी के भारत में भविष्य की रणनीतियों का संकेत है। तमिलनाडु में फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां एप्पल की उत्पादन रेखा को और भी विस्तारित कर रही हैं।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की यह चेतावनी एप्पल जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों को वैश्विक स्तर पर सोचने के लिए मजबूर कर सकती है। भारत में बढ़ती उत्पादन क्षमताएँ और अमेरिकी बाजार में प्रतियोगिता का संतुलन, आंतरिक और बाहरी दोनों चुनौतियाँ पेश करेगा। भारतीय सरकार का यह आश्वासन कि एप्पल की योजनाएं बरकरार हैं, इससे संकेत मिलता है कि तकनीकी उद्योग में भारत की वृद्धि की संभावनाएँ व्यापक हैं।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक व्यापार में सरकारों की भूमिका बेतरतीब होती जा रही है। अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संतुलन को बनाए रखने के लिए ऐसे कदम महत्वपूर्ण हैं।
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यह लेख टीम theoddnaari द्वारा लिखा गया है।