इजरायल की बड़ी साज़िश का पर्दाफाश, किस देश के परमाणु ठिकाने पर हमले की तैयारी में नेतन्याहू

ईरान काफी लंबे समय से परमाणु संपन्न राष्ट्र बनने की कोशिशों में लगा हुआ है। लेकिन उसके इस सपने को इजरायल कई बार तोड़ चुका है। लेकिन इस बीच ईरान को अपने परमाणु संयंत्रों को लेकर भी अब टेंशन पैदा हो गई है। दरअसल, कहा जा रहा है कि इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बना सकता है और इसको लेकर कई रिपोर्ट्स में दावा भी किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि खुफिया इनपुट में अमेरिका को पता चला है कि इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला करने का प्लान बना रहा है। इजरायल ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले करने की तैयारी में है। अमेरिकी अधिकारी की तरफ से एक रिपोर्ट में इसको लेकर खुलासा किया गया है। इसे भी पढ़ें: इज़राइल का बड़ा कदम, गाजा की मुसीबत होगी कम, नेतन्याहू के इस कदम से हमास को मिलेगा ऑक्सीजनइजरायल की तरफ से ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की तैयारी को लेकर रिपोर्ट में खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ट्रम्प प्रशासन तेहरान के साथ कूटनीतिक समझौते पर काम कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का हमला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक बेशर्मीपूर्ण विराम होगा। इससे मध्य पूर्व में व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की शुरुआत होने का भी जोखिम हो सकता है - ऐसा कुछ जिसे अमेरिका ने 2023 से शुरू होने वाले गाजा में युद्ध के बाद से टालने की कोशिश की है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल के नेताओं ने अंतिम निर्णय लिया है या नहीं, और वास्तव में अमेरिकी सरकार के भीतर इस बात को लेकर गहरी असहमति है कि इजरायल आखिरकार कार्रवाई करेगा या नहीं। इजरायल हमला करेगा या नहीं और कैसे करेगा, यह संभवतः इस बात पर निर्भर करेगा कि वह तेहरान के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका की बातचीत के बारे में क्या सोचता है। इसे भी पढ़ें: गाजा पर नेतन्याहू का डराने वाला प्लान, 151 मौतों के बाद अब सीधा कब्जाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को 60 दिनों की समयसीमा दी थी। यह समयसीमा अब समाप्त हो चुकी है और ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान झुकता नहीं है, तो सैन्य कार्रवाई तय है। एक पश्चिमी राजनयिक के अनुसार, ट्रंप ने कहा है कि बातचीत के लिए अब सिर्फ कुछ हफ्तों का समय और है, उसके बाद अमेरिका सीधे कार्रवाई करेगा। हालांकि फिलहाल अमेरिका का आधिकारिक रुख कूटनीति को प्राथमिकता देने का है। इसे भी पढ़ें: 22 देशों की इजरायल को खुली चेतावनी, नेतन्याहू ने भी दिया तगड़ा जवाबईरान के सर्वोच्च नेता ने देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका द्वारा की गई आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि यूरेनियम संवर्धन के लिए तेहरान को किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है। उन्होंने अमेरिकी बयानों को ‘बकवास बताया। अयातुल्ला अली खामेनेई ने दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि वे कहते हैं, हम ईरान को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे। यह बहुत गलत है। ईरान में कोई भी उनकी अनुमति का इंतजार नहीं कर रहा है। इस्लामिक गणराज्य की अपनी नीतियां और रुख हैं और वह उन पर कायम रहेगा।Latest World News in Hindi at Prabhasaksh  

इजरायल की बड़ी साज़िश का पर्दाफाश, किस देश के परमाणु ठिकाने पर हमले की तैयारी में नेतन्याहू
इजरायल की बड़ी साज़िश का पर्दाफाश, किस देश के परमाणु ठिकाने पर हमले की तैयारी में नेतन्याहू

इजरायल की बड़ी साज़िश का पर्दाफाश, किस देश के परमाणु ठिकाने पर हमले की तैयारी में नेतन्याहू

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ईरान काफी लंबे समय से परमाणु संपन्न राष्ट्र बनने की कोशिशों में लगा हुआ है। लेकिन उसके इस सपने को इजरायल कई बार तोड़ चुका है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। यह जानकर कई सवाल उठते हैं कि क्या यह योजना वास्तव में कार्यान्वित होगी और इसका असर वैश्विक सियासत पर क्या पड़ेगा।

इजरायल का नया लक्ष्य

इजरायल सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला करने की तैयारी में हैं। अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने यह जान लिया है कि इजरायल इस संदर्भ में ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है। जानकारी मिल रही है कि इजरायल कई बार इस दिशा में गंभीरता से विचार कर चुका है। लेकिन अब स्थिति में कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। यदि यह हमला होता है, तो यह निश्चित रूप से क्षेत्र में तनाव को बढ़ाएगा।

अमेरिका की भूमिका

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यदि इजरायली हमले का प्रयास होता है, तो यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संग कूटनीतिक समझौते के विपरीत होगा। ट्रम्प प्रशासन ईरान के साथ एक संधि पर काम कर रहा है, और ऐसे में इजरायल का संभावित हमला एक नई जटिलता को जन्म देगा। क्या इजरायल अपने नेता की सलाह को नजरअंदाज करेगा? यह सवाल मौजूदा समय में सभी के जहन में है।

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिका की आलोचना का जवाब देते हुए कहा है कि ईरान को यूरेनियम संवर्धन के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। खामेनेई का यह स्पष्ट बयान इस स्थिति में और भी रोचक हो जाता है। वे कहते हैं कि ईरान को किसी अमेरिकन नीतियों से डरने की आवश्यकता नहीं है।

आगे का रास्ता

हालांकि अमेरिका की ओर से अभी कूटनीति को प्राथमिकता देने का संकेत मिल रहा है, लेकिन ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दे दी है कि यदि बातचीत विफल हो जाती है, तो सैन्य एक्शन निश्चित होगा। इस स्थिति को देखते हुए क्या इजरायल अब अपनी कार्रवाई करेगा या फिर एक और मौका देगा, यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा। राष्ट्रों के बीच यह तनाव निश्चित ही विश्व सियासत में नई हलचलों का सामना करवा सकता है।

इजरायल और ईरान के बीच ये ताजा घटनाक्रम न केवल मध्य पूर्व में बल्कि वैश्विक संदर्भ में भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। यदि इजरायल वास्तव में कार्रवाई करता है, तो यह न केवल ईरानी ठिकानों पर हमला होगा, बल्कि रक्षा रणनीतियों और राजनीतिक समीकरणों के बदलाव का भी कारण बनेगा।

अंततः, यह स्थिति हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या राजनीतिक बातचीत का रास्ता अपनाना अधिक लाभकारी होगा या फिर सशस्त्र संघर्ष का विकल्प।

इसके साथ ही, यह कथित इजरायली योजना अमेरिकी राजनीति के लिए भी एक चुनौती बन सकती है, जबकि ट्रम्प प्रशासन कूटनीतिक समाधान तलाशने के लिए संघर्ष कर रहा है।

और अंत में, इस स्थिति में मानवता की भलाई ही सबसे अधिक महत्वपूर्ण होनी चाहिए।

इस खबर पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि इजरायल वास्तव में हमले की योजना बनाएगा?

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