BLA ने दिखाया कैसे पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर किया मजबूर, जाफर एक्सप्रेस हाईजैक का वीडियो किया जारी
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के नाटकीय अपहरण के दो महीने बाद, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ऑपरेशन का विवरण देते हुए 35 मिनट का एक वीडियो जारी किया है, जिसका कोड नाम दर्रा-ए-बोलन 2.0 है। यह फुटेज अलगाववादी समूह की रणनीति और दावों की एक दुर्लभ झलक पेश करता है, जो घटनाओं के पाकिस्तान के आधिकारिक संस्करण का खंडन करता है। क्वेटा से पेशावर जा रही 450 यात्रियों को ले जा रही जाफ़र एक्सप्रेस को 11 मार्च को तब हाईजैक कर लिया गया था, जब बीएलए के लड़ाकों ने बीहड़ बोलन क्षेत्र में रेलवे ट्रैक उड़ा दिए थे। बीएलए के मजीद ब्रिगेड और अन्य सामरिक इकाइयों द्वारा अंजाम दिया गया यह ऑपरेशन करीब 48 घंटे तक चला। समूह का दावा है कि उसने 214 पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों को पकड़ लिया और उन्हें बंधक बना लिया, जबकि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया।इसे भी पढ़ें: बम धमाके से दहला पाकिस्तान, कई लोगों की मौत, क्या फैजुल्लाह ग़बीज़ई था निशाना?बीएलए के मीडिया विंग हक्कल द्वारा जारी किए गए वीडियो में लड़ाके युद्ध प्रशिक्षण लेते, विस्फोटक लगाते और ट्रेन पर धावा बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसमें विद्रोहियों के बयान शामिल हैं। बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे दमन और जबरन गायब किए गए लोगों के जवाब के रूप में हमले को उचित ठहराते हैं। फुटेज में ऑपरेशन के तथाकथित शहीदों के विदाई संदेश भी शामिल हैं। वीडियो में एक लड़ाका कहता है कि हमारे युवाओं ने दुनिया को बलूच प्रतिरोध की आवाज सुनाने के लिए बलिदान का रास्ता चुना है। समूह पाकिस्तान पर सैन्य कब्जे का आरोप लगाता है और दावा करता है कि उसकी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय युद्ध के सिद्धांतों का पालन करती है। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बमबारी में चार लोगों की मौत, 20 अन्य घायलहालाँकि, पाकिस्तान ने बिलकुल अलग ही कहानी पेश की है। अधिकारियों का दावा है कि 33 BLA लड़ाके मारे गए, 18 सैनिक मारे गए और 354 बंधकों को बचाया गया। संकट के दौरान पाकिस्तान रेलवे ने बलूचिस्तान से आने-जाने वाली सेवाओं को निलंबित कर दिया और पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई। अपहरण के बाद, बलूच नेताओं ने स्वतंत्रता की घोषणा जारी की। Latest World News in Hindi at Prabhasaksh Monitoring: Baloch Liberation Army media #Hakkal published video of the #JaffarExpress Hijack (Operation Darra-E-Bolan 2.0)#Balochistan pic.twitter.com/ClxM6VIOsy— Bahot | باہوٹ (@bahot_baluch) May 18, 2025

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Introduction
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के नाटकीय अपहरण के दो महीने बाद, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ऑपरेशन का विवरण देते हुए 35 मिनट का एक वीडियो जारी किया है, जिसका कोड नाम दर्रा-ए-बोलन 2.0 है। यह फुटेज अलगाववादी समूह की रणनीति और दावों की एक दुर्लभ झलक पेश करता है, जो घटनाओं के पाकिस्तान के आधिकारिक संस्करण का खंडन करता है।
जाफर एक्सप्रेस का अपहरण: एक कहानी
11 मार्च को, क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को अपहरण का शिकार बनाया गया, जब बीएलए के लड़ाकों ने बीहड़ बोलन क्षेत्र में रेलवे ट्रैक उड़ा दिए। इस हाईजैकिंग में 450 यात्रियों की भीड़ थी। बीएलए के मजीद ब्रिगेड और अन्य सामरिक इकाइयों द्वारा अंजाम दिया गया यह ऑपरेशन करीब 48 घंटे तक चला, जिसमें समूह का दावा है कि उसने 214 पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों को पकड़ लिया और उन्हें बंधक बना लिया, जबकि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
वीडियो का महत्व
बीएलए के मीडिया विंग हक्कल द्वारा जारी किए गए वीडियो में लड़ाके युद्ध प्रशिक्षण लेते, विस्फोटक लगाते और ट्रेन पर धावा बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो उन बयान और सूचनाओं का संग्रह कराता है जो बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे दमन और जबरन गायब किए गए लोगों के जवाब में हमले को उचित ठहराता है। वीडियों में ऑपरेशन के तथाकथित शहीदों के विदाई संदेश भी शामिल हैं। एक लड़ाका कहता है कि "हमारे युवाओं ने दुनिया को बलूच प्रतिरोध की आवाज सुनाने के लिए बलिदान का रास्ता चुना है।"
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
हालाँकि, पाकिस्तान ने इस घटना को लेकर एक अलग कहानी पेश की है। अधिकारियों का दावा है कि 33 बीएलए लड़ाके मारे गए, 18 सैनिक मारे गए और 354 बंधकों को बचाया गया। संकट के दौरान, पाकिस्तान रेलवे ने बलूचिस्तान से आने-जाने वाली सेवाओं को निलंबित कर दिया और पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई। अपहरण के बाद, बलूच नेताओं ने स्वतंत्रता की घोषणा जारी की, जिससे राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है।
समापन विचार
इस हाईजैकिंग की घटना केवल एक आतंकवादी कृत्य नहीं, बल्कि यह बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और संघर्ष के लिए विद्रोहियों की आवाज है। पाकिस्तान की सरकार और बलूच लिबरेशन आर्मी के बीच का यह टकराव न केवल राजनीतिक बल्कि मानवाधिकारों के मुद्दों को भी उजागर करता है। इस प्रकार के घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान में बलूचिस्तान का संकट और गंभीर हो रहा है।
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Written by Team theoddnaari.