Abraham Accords Part 2: सऊदी और इजरायल के बीच होने वाली है दोस्ती? नेतन्याहू के वाशिंगटन में लैंड करते ही ट्रंप ने दिया बड़ा इशारा
डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। ट्रंप के सत्ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ और कई बंदियों की रिहाई भी हुई। इससे अब उम्मीद बढ़ने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी। इस बीच नेतन्याहू ने अमेरिका पहुंचने से पहले एक बड़ा बयान दिया। नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते समान्य बनाने को लेकर बहुत अहम बैठक होने जा रही है। इसके अलावा बंधकों की रिहाई पर भी नेतन्याहू और ट्रंप के बीच चर्चा होगी। पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में उनसे मिलने वाले वो पहले विदेशी नेता हैं। पीएम नेतन्याहू का वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ। इसे भी पढ़ें: नक्शा बदलने वाला है...ट्रंप से मिलने पहुंच गए नेतन्याहू, अब मीडिल ईस्ट में क्या बड़ा होने वाला है?नेतन्याहू ने कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमास के साथ जारी युद्ध और सभी बंधकों की रिहाई के अलावा ईरान के आंतकी एक्सिस पर चर्चा करेंगे। इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा। ताकत के बल पर शांति हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे। नेतन्याहू के प्रवक्ता दोस्तरी ने कहा कि हमारी इच्छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्छा है। ट्रंप चाहते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में वह अब्राहम अकॉर्ड 2 करें जिससे इजरायल और सऊदी में दोस्ती हो जाए। इसे भी पढ़ें: Trump ने मेक्सिको पर आयात शुल्क वृद्धि को एक माह रोका, कनाडा और चीन को राहत नहींइजरायल और अरब देशों के बीच का अब्राहम समझौता इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 13 अगस्त 2020 को हुआ था। उसी रात 11 सितंबर को इन दोनों देशों ने समझौता पर हस्ताक्षर किए। अब्राहम के नाम की खासियत ये है कि इसे इस्लाम, ईसाई और यहूदी तीनों ही धर्मों में पवित्रता के साथ लिया जाता है। इसका मतलब सहयोग की भावना है। अब्राहम समझौते का मुख्य मकसद अरब और इजरायल के बीच आर्थिक, राजनयिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को सामान्य बनाना था। सितंबर 2020 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक अब्राहम समझौते ने इज़राइल और यूएई और बहरीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जिससे 41 साल का गतिरोध टूट गया। हालाँकि, सऊदी अरब अब्राहम समझौते का समर्थक था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया। Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi

Abraham Accords Part 2: सऊदी और इजरायल के बीच होने वाली है दोस्ती? नेतन्याहू के वाशिंगटन में लैंड करते ही ट्रंप ने दिया बड़ा इशारा
The Odd Naari द्वारा, लेखिका साक्षी शर्मा और टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में सऊदी अरब और इजरायल के बीच दोस्ती की संभावनाएं चर्चा का विषय बन गई हैं। जैसे ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वाशिंगटन में पहुंचे, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक संकेत दिया, जिससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद अब्राहम समझौते का दूसरा चरण शुरू होने की कगार पर है।
नेतन्याहू का वाशिंगटन दौरा
अमेरिका के राजधानी में नेतन्याहू की मौजूदगी ने वैश्विक मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। उनके अमेरिकी दौरे का मुख्य उद्देश्य सऊदी अरब के साथ संबंधों को मजबूत करना है। इस दौरे के दौरान उन्होंने कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
ट्रंप का बड़ा इशारा
नेतन्याहू के वाशिंगटन पहुंचते ही ट्रंप ने कहा, "हमने पहले भी कहा था कि मध्य पूर्व में शांति की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि सऊदी अरब के साथ इजरायल का संबंध नए आयामों में पहुंच सकता है। इस संकेत ने ये दर्शाया कि वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा का संकेत मिल सकता है।
सऊदी अरब और इजरायल के बीच बढ़ती नज़दीकियां
हाल के वर्षों में, सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों में काफी प्रगति हुई है। दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा हित और ईरान के बढ़ते प्रभाव को रोकने की आवश्यकता ने उन्हें एक-दूसरे के करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संबंध में, कई संयुक्त उपक्रमों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि रक्षा सहयोग और आर्थिक संबंध।
संभावित चुनौतियां
हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में कुछ चुनौतियां भी मौजूद हैं। क्षेत्रीय राजनीति, पलेस्टीन स्थिति और कट्टरपंथी तत्वों का प्रभाव यहां महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। दोनों देशों के बीच समझौते को लागू करने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, क्षेत्रीय अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी।
निष्कर्ष
इजरायल और सऊदी अरब के बीच बढ़ती दोस्ती न केवल मध्य पूर्व की राजनीति को प्रभावित करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। नेतन्याहू के वाशिंगटन दौरे और ट्रंप के इशारों ने इस दिशा में संकेत दिए हैं कि अब्राहम समझौते का दूसरा चरण नजदीक हो सकता है। हम सबको इस विकास पर नज़र रखने की आवश्यकता है।
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