Pakistan का 40 साल का आतंकी इतिहास दुनिया के सामने होगा बेनकाब, भारतीय प्रतिनिधिमंडल डोजियर लेकर तैयार
ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ भारत के पक्ष को रखने के लिए विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की ब्रीफिंग संपन्न हुई। सरकार ने विदेश यात्रा पर गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को भारत के आतंकवाद विरोधी संदेश के साथ जानकारी दी। भारत 40 से अधिक वर्षों से सीमा पार आतंकवाद के दुष्परिणामों को झेल रहा है। फ्रांस प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि हमने भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती, राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक, सैन्य सभी पहलुओं पर बहुत मजबूत और सकारात्मक चर्चा की। हमने भविष्य के क्षितिज के बारे में भी सकारात्मक बातचीत की। इसके अलावा, फ्रांसीसी आगंतुकों ने पहलगाम पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद की हमारी कार्रवाइयों के मद्देनजर भारत की स्थिति के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया। हमारी समिति ने उस समर्थन की बहुत सराहना की। इसके अलावा, मैं उन्हें अपने सहयोगी रविशंकर प्रसाद से मिलवाने में सक्षम था, जो भारत से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इसलिए, इन सभी उद्देश्यों के लिए यह एक अच्छी बैठक थी। रविशंकर प्रसाद ने राफेल की प्रशंसा हमारे घनिष्ठ सहयोग के प्रतीक के रूप में की... सैन्य कार्रवाइयों पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई।इसे भी पढ़ें: Pakistan Government Big Decision On Munir: मुनीर पर शहबाज का बड़ा फैसला, प्रमोट कर बनाया फील्ड मार्शल अधिकारियों ने 2008 के उदाहरणों का हवाला दिया, जब भारत ने आतंकी जांच में डीएनए प्रोफाइल और कॉल डिटेल रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण सबूत साझा किए थे, लेकिन बदले में बहुत कम सहयोग मिला। व्यापक कूटनीतिक पहल के तहत, वर्तमान सांसदों, पूर्व मंत्रियों और विभिन्न दलों के नेताओं सहित 59 भारतीय राजनीतिक नेता, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख के बारे में 32 देशों और ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संघ मुख्यालय की यात्रा करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ ब्रीफिंग के बाद शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, "कल हमारा दल यूएई और पश्चिमी अफ्रीका के लिए रवाना होगा। सभी 7 प्रतिनिधिमंडल हमारे देश का पक्ष रखने के लिए अलग-अलग देशों के लिए रवाना हो रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने आज सभी दलों की ब्रीफिंग की। यह ब्रीफिंग हमारी यात्राओं के लिए उपयोगी साबित होगी। पाकिस्तान इतने सालों से आतंकवाद के माध्यम से भारत पर हमला करके भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता आया है। हम अलग-अलग देशों को इन मुद्दों से अवगत कराएंगे और विस्तार से अपनी बात रखेंगे। विदेश मंत्रालय प्रत्येक समूह को डोजियर उपलब्ध कराएगा।इसे भी पढ़ें: मुनीर की आंखों के सामने ऑपरेशन सिंदूर का पोस्टर, पाकिस्तानियों को भारतीयों ने कुछ तरह दिया मुंहतोड़ जवाबसरकार की अगुआई में इस प्रयास का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद पर भारत की स्थिति को बताना और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना है। यह पहलगाम में आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी सेना के समर्थन से संचालित आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमलों के बाद किया गया है। सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों को जानकारी देते हुए दोहराया कि उसने अब पाकिस्तान के साथ व्यवहार में जो नया सामान्य कहा जा सकता है, उसे अपना लिया है, तथा इस बात को रेखांकित किया कि भारतीय सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठान एक स्पष्ट रणनीतिक डिजाइन के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेना के शीर्ष अधिकारियों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद, ऑपरेशन सिंदूर जैसे आतंकवाद-रोधी अभियानों पर जोर दिया, जिसके तहत भारत ने 7 मई की तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, जो नई सामान्य स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं। आदमपुर एयर बेस पर वायुसैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत सीमा पार उन स्थानों पर कड़ी नजर रख रहा है, जहां आतंकवादी फिर से इकट्ठा हो सकते हैं, और अगर उसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा महसूस होता है तो वह कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा। इसे भी पढ़ें: कोई रिसीव करने तक नहीं आया, चीन में पाकिस्तान के डिप्टी पीएम की जबरदस्त बेइज्जती!प्रतिनिधिमंडल कई देशों का दौरा करेगा और सांसदों, मंत्रियों, थिंक टैंक और प्रवासी भारतीयों से मिलने की उम्मीद है। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल अपने साथ देश-विशिष्ट डोजियर लेकर जाएगा जिसमें आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण होगा। अधिकारियों ने प्रतिनिधियों को बताया कि भारत ने जल बंटवारे और तथाकथित जल युद्ध जैसे मुद्दों सहित पाकिस्तान के झूठे प्रचार का लगातार मुकाबला किया है। दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की गोली मारकर हत्या करने के बाद भारत ने 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ ब्रीफिंग के बाद आप सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने बताया, "ग्रुप 6 जिसमें रूस, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया और एक अन्य देश शामिल है, वहां हम जा रहे हैं। ब्रीफिंग का मूल उद्देश्य यह जानना था कि हमें वहां क्या करना है या क्या नहीं करना है, हमें किस-किस से मिलना है, हमें क्या सावधानियां बरतनी हैं और हमें भारत का पक्ष मजबूती के साथ कैसे रखना है। विदेश सचिव ने हमें विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हमारे सवालों के जवाब दिए...जब हम भारत से बाहर हैं तो हम एक हैं। जब देश की सुरक्षा का सवाल है तो हम एक हैं। जब देश के सम्मान का सवाल है तो हम एक हैं।

Pakistan का 40 साल का आतंकी इतिहास दुनिया के सामने होगा बेनकाब, भारतीय प्रतिनिधिमंडल डोजियर लेकर तैयार
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नई दिल्ली: भारत एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए तैयार है, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवाद के 40 साल के इतिहास को विश्व के समक्ष उजागर करना है। ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर, भारत का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा करने को लेकर पूरी तरह से तैयार है। इस अभियान का उद्देश्य दुनिया को ये बताना है कि भारत आतंकवाद की समस्या से कितने समय से जूझ रहा है और पाकिस्तान की भूमिका क्या है।
संक्षिप्त विवरण
इस आत्म-साक्षात्कार कार्यक्रम के तहत, भारत ने एक आधिकारिक डोजियर तैयार किया है जिसे ये प्रतिनिधिमंडल भारत के आतंकवाद-विरोधी अभियानों और पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी गतिविधियों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत करेगा। पिछले चार दशकों से भारत सीमा पार आतंकवाद के दुष्परिणामों को झेल रहा है।
प्रतिनिधिमंडल की गतिविधियां और चर्चा
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को विदेश मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती के साथ रख सकें। यह प्रतिनिधिमंडल 32 देशों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमें फ्रांस में द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान मजबूत समर्थन प्राप्त हुआ है। यह समर्थन भारत के प्रति मानसिकता को बदलने में मदद करेगा।
पाकिस्तान के आतंकवादी इतिहास का पर्दाफाश
भारत सरकार के साथ बातचीत में प्रमुख गतिविधियों को साझा किया गया है, जो पाकिस्तान के आतंकवाद की संलिप्तता को उजागर करती हैं। उदाहरण के तौर पर, 2008 में भारत ने आतंकवादी जांच में महत्वपूर्ण सबूत साझा किए थे, लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह डोजियर इन सभी तथ्यों की पुष्टि करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
भविष्य की दिशा
इस मिशन का मुख्य उद्दिष्ट अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना है ताकि पाकिस्तान के आतंक के प्रति एक सुसंगत वैश्विक दृष्टिकोण विकसित किया जा सके। यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि भारत प्रधानमंत्री और सेना के अधिकारियों की मदद से ऐसे अभियानों को आगे बढ़ाएगा, जिन्हें आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस जवाब माना जाता है।
अंत में संदेश
इस अभियान की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे सुरक्षा स्थितियों में सुधार होगा। भारत सरकार इस प्रयास में कोई कमी नहीं छोड़ रही है और उम्मीद कर रही है कि यह डोजियर आने वाले समय में पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ एक ठोस कदम साबित होगा।
इस प्रकार, यदि आप भारत और पाकिस्तान के संबंधों के विकास और आतंकवाद पर वैश्विक चर्चा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट प्राप्त करें: theoddnaari.com.