भारत की सतत आर्थिक वृद्धि: वैश्विक स्थिरता का आधार

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी ने कहा कि भारत की सतत आर्थिक वृद्धि उसे विश्व के लिए ‘‘स्थिरता का आधार’’ बनाती है। विश्व को ऐसे नए इंजन और विकास मॉडल की आवश्यकता है जिन्हें बढ़ाया एवं साझा किया जा सके और भारत ये तीनों चीजें देने के लिए तैयार है। बेरी सोमवार को […] The post वैश्विक स्थिरता का आधार भारत की सतत आर्थिक वृद्धि  first appeared on Apka Akhbar.

भारत की सतत आर्थिक वृद्धि: वैश्विक स्थिरता का आधार
वैश्विक स्थिरता का आधार भारत की सतत आर्थिक वृद्धि 

भारत की सतत आर्थिक वृद्धि: वैश्विक स्थिरता का आधार

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कम शब्दों में कहें तो, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी का कहना है कि भारत की सतत आर्थिक वृद्धि उसे दुनिया के लिए एक ‘‘स्थिरता का आधार’’ बनाती है। वैश्विक स्तर पर स्थिरता के लिए नए विकास मॉडल और इंजन की आवश्यकता है, और भारत इन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

भारत की अर्थव्यवस्था का वैश्विक योगदान

भारत की आर्थिक वृद्धि न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थिरता को बढ़ावा देने वाली है। सुमन बेरी ने हाल ही में कहा कि भारत का सतत विकास वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बढ़ती जनसंख्या और प्रतिभाशाली मानव संसाधन देश को विश्व में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभार रहे हैं। इसके साथ ही, भारत का निवेश करने का संकल्प और वैश्विक बाजार में भागीदारी इसे और भी मजबूत बना रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों में विकास के संकेत

भारतीय अर्थव्यवस्था विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि कर रही है, जैसे कि सूचना तकनीक, स्वास्थ्य सेवाएं, और नवीकरणीय ऊर्जा। विशेषकर, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है। भारत सरकार ने 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जो वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता

कोविड-19 महामारी के बाद विश्व के विभिन्न देशों को नई विकास रणनीतियों की आवश्यकता है। सुमन बेरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने जो कदम उठाए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देंगे। हमारी नीतियों में स्थिरता, समावेशन और विकास की दिशा में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिससे सभी देशों के लिए सहयोगात्मक विकास संभव है।

विकास के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा

भारत की सतत आर्थिक वृद्धि वैश्विक स्थिरता का एक मजबूत आधार बनी हुई है। हमारी collective responsibility है कि हम एक समृद्ध और सशक्त भविष्य की दिशा में मिलकर कार्य करें। जैसा कि बेरी ने कहा, भारत भविष्य के लिए एक उत्कृष्ट विकास मॉडल बन सकता है, जिससे वैश्विक विकास में सामूहिक सहयोग सुनिश्चित होगा।

इस समय हमें भारत की आर्थिक योजनाओं और स्थिरता के दृष्टिकोण को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि हम आगे की चुनौतियों का सामना कर सकें। वैश्विक स्थिरता केवल एक देश की कोशिशों से नहीं, बल्कि सभी देशों के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।

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लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम द ओड नारी

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