सांस्कृतिक पर्व इगास के बहाने सियासत की फुलझड़ी भी चमकी

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सांस्कृतिक पर्व इगास के बहाने सियासत की फुलझड़ी भी चमकी

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मुख्यमंत्री आवास में इगास पर्व पर जुटी शख्सियतें

पौड़ी में त्रिवेंद्र-तीरथ -बलूनी ने किया भैलौं नृत्य

सीएम आवास पर राज्यपाल समेत कई नेताओं और कलाकारों ने इगास मनाया

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड में पहाड़ की बूढ़ी दीवाली इगास पर्व की झमाझम रही। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक नृत्य व भैलौं की जगमग से लोगों ने इगास में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
सीएम आवास के मुख्य आयोजन में राज्यपाल गुरमीत सिंह, पूर्व सीएम कोश्यारी-निशंक समेत कई मंत्री व अधिकारी मौजूद रहे।

दूसरी ओर, मंडल मुख्यालय पौड़ी में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र व तीरथ रावत ने सांसद अनिल बलूनी के साथ लोकगायक प्रीतम भरतवाण के गीत संगीत और नृत्य किया। प्रदेश के गांवों में ग्रामीणों ने परम्परागत ढंग से लोकगीतों की धुन में भैलौं कई जगमगाहट की।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम, भैलौं नृत्य और पटाखे की गूंज सुनाई देती रही।

इगास पर्व पर भाजपा के नेताओं के कार्यक्रम में   राजनीतिक ताकत दिखाने की भी कोशिश की गई। भाजपा के चार पूर्व सीएम अलग-अलग कार्यक्रम की शोभा बने।

पौड़ी में त्रिवेंद्र व तीरथ जबकि दून में निशंक व कोश्यारी ने इगास पर्व में हिस्सा लिया। सीएम आवास में कई कलाकारों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

मुख्यमंत्री आवास में इगास पर्व बड़े हर्ष–उल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप से मनाया गया। देवभूमि की लोक परंपराओं को समर्पित इस विशेष अवसर पर  राजयपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ( से नि) की उपस्थिति में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक लोकगीत व लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। हारुल, झूमेंलो, चांचरी, थड़िया, जागर और अन्य पारंपरिक नृत्य–गायन ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया और पूरा परिसर लोकधुनों की गूंज से सराबोर हो उठा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं भी कलाकारों के बीच उपस्थित होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद लिया एवं उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारी लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा सामूहिक दायित्व है।”

कार्यक्रम में शामिल सभी आमंत्रित अतिथियों, वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रवासी उत्तराखंडियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रदेश के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों को मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएँ दीं और उनसे भेंट की।

इगास उत्सव के पारंपरिक क्रम में मुख्यमंत्री ने लोक मान्यताओं के अनुसार परंपरागत रूप से “भेलों” भी खेला, जिससे वहां मौजूद बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। पूरा वातावरण पर्वतीय संस्कृति की खुशियों, लोकगीतों और लोकनृत्य से भर गया।

कार्यक्रम में सभी कलाकारों व प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया और कहा कि उत्तराखंड सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और ‘कल्चर बेस्ड रोजगार’ को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इगास, बूढ़ी दीवाली और देव दीपावली के शुभ अवसर पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपराएँ, वेश–भूषा और व्यंजन हमारी अनमोल धरोहर हैं और इन्हें संरक्षित करना हम सभी का दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इगास लोक पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, प्रकृति के प्रति आभार और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है। उन्होंने लोकगीत, ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक मांडणे का उल्लेख करते हुए कहा कि जब घर-आंगन में लोक संस्कृति प्रफुल्लित होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं देवभूमि मुस्कुरा रही हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रदेश में प्रवासी उत्तराखंडियों का सक्रिय योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि प्रवासी उत्तराखंडी अब इगास पर अपने पैतृक गांवों का रुख कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वभर में बसे उत्तराखंडियों से अपील की कि वे भी अपने गांवों और परिवारों के साथ लोक पर्व मनाएं और अपनी जड़ों से जुड़े रहें।

मुख्यमंत्री ने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर न सिर्फ अपनी संस्कृति को समृद्ध करें, बल्कि “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में योगदान दें।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज,  गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशयारी,  रमेश पोखरियाल निशंक, राजयसभा सांसद  नरेश बंसल, मधु भट्ट,  मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व विभिन्न क्षेत्रों के लोग उपस्थित रहे |

पौड़ी में इगास महोत्सव की रही धूम

डांडिया और लोहड़ी की तरह ही इगास की भी बनेगी पहचान

अविकल उत्तराखण्ड

पौड़ी। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत व भाजपा सांसद अनिल बलूनी पहाड़ की बूढ़ी दीवाली इगास को मनाने पौड़ी के रामलीला मंच पर आए।

शनिवार को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में लोकगायक प्रीतम भरतवाण  के गीतों की धुन के बीच उत्तराखंड की लोकसंस्कृति के पावन लोकपर्व इगास महोत्सव का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी, पूर्व विधायक मुकेश कोली, भाजपा नेता  मनीष खंडूरी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष  यशपाल बेनाम, पौड़ी जिला भाजपा अध्यक्ष  कमल किशोर रावत सहित शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड में के अलावा दुनिया भर में रहने वाले उत्तराखंडी  इगास पर्व मना रहे हैं ।

त्रिवेंद्र-तीरथ-बलूनी

अनिल बलूनी ने कहा कि आने वाले समय में गुजरात के डांडिया, असम के बिहू और पंजाब के लोहड़ी की तरह उत्तराखंड के इगास पर्व की भी चर्चा होगी।

कलाकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात

उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर्व इगास के शुभ अवसर पर आज देशभर से देहरादून पहुंचे प्रमुख फ़िल्म व कॉमेडी कलाकारों ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में कला उत्सवों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भाग लेने हेतु देशभर के लोकप्रिय हास्य व फ़िल्म कलाकार राजधानी में आए हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कलाकारों का  स्वागत एवं सम्मान किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को नए आयाम देने, स्थानीय परंपराओं को संरक्षित करने और देवभूमि की नवाचार एवं पर्यटन क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। सांस्कृतिक आयोजनों में देश के प्रख्यात कलाकारों की भागीदारी से युवा पीढ़ी को नई प्रेरणा मिलती है तथा राज्य की कला एवं संस्कृति को वैश्विक पहचान प्राप्त होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक पर्व इगास उत्तराखंड की आस्था, परंपरा और सामूहिक उत्सव का प्रतीक है। इस पर्व के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक जड़ें और भी मजबूत होती हैं। उन्होंने कलाकारों द्वारा हास्य कला के माध्यम से समाज में सकारात्मकता, सौहार्द और उत्साह बढ़ाने के योगदान की सराहना की।

मुलाकात के दौरान कॉमेडी जगत के प्रसिद्ध कलाकार कृष्णा अभिषेक, हेमंत पांडे, हिमानी शिवपुरी सहित अनेक अन्य चर्चित कलाकार उपस्थित रहे। कलाकारों ने मुख्यमंत्री के साथ सांस्कृतिक संवाद साझा किया तथा प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक ऊर्जा की सराहना की। कलाकारों ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और लोगों के उत्साह से उन्हें अत्यंत प्रेरणा मिली है।

मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया तथा भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

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