गोधी मीडिया का असली पिता कौन? ख़ुलासा हुआ!

आशीष कुमार ‘अंशु’। गोदी मीडिया क्या है? गूगल पर जाइए तो वह विकिपीडिया के माध्यम से जो जानकारी देता है, उसके अनुसार गोदी मीडिया शब्द अनुभवी पत्रकार श्री रवीश कुमार ने गढ़ा और लोकप्रिय किया है। वो लम्बे समय एनडीटीवी के स्टार एंकर रहे और अब यूट्यूब पर अपना चैनल चलाते हैं। उनके और उनके […] The post सस्पेंस ख़त्म… गोदी मीडिया का ‘बाप’ कौन? first appeared on Apka Akhbar.

गोधी मीडिया का असली पिता कौन? ख़ुलासा हुआ!
गोधी मीडिया का असली पिता कौन? ख़ुलासा हुआ!

गोधी मीडिया का असली पिता कौन? ख़ुलासा हुआ!

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कम शब्दों में कहें तो, गोधी मीडिया कौन है, और इसके 'बाप' के बारे में कई विचार हैं। अनुभवी पत्रकार श्री रवीश कुमार ने इस शब्द को गढ़ा और जनता में लोकप्रिय किया। आइए, इस लेख में हम गोधी मीडिया की परिभाषा, इसके पीछे की भावना और श्री रवीश कुमार की भूमिका को समझने की कोशिश करते हैं।

गोधी मीडिया का मतलब क्या है?

गोधी मीडिया एक ऐसा शब्द है जो अक्सर उन मीडिया संस्थानों को संदर्भित करता है जो सरकार या किसी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपाती स्वभाव रखते हैं। यह शब्द भारतीय पत्रकारिता में मुख्य रूप से लोकप्रिय हुआ है और इसे एक अपमान के रूप में देखा जाता है। जब भी कोई मीडिया हाउस सरकार की नीतियों या सरकार के समर्थक नजरिए को बढ़ावा देता है, तब उसे गोधी मीडिया कहा जाता है।

श्री रवीश कुमार की भूमिका

श्री रवीश कुमार भारत के एक प्रमुख पत्रकार हैं जो एनडीटीवी के लिए लंबे समय तक काम कर चुके हैं। उनके कार्यों के लिए उन्हें अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनकी निष्पक्षता और सामर्थ्य ने उन्हें एक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है। श्री रवीश कुमार ने गोधी मीडिया की परिभाषा को गढ़ा और इस पर ज़ोर दिया कि मीडिया का मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों की आलोचना और समाज के प्रति जिम्मेदारी होनी चाहिए।

गोधी मीडिया के प्रभाव

गोधी मीडिया भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रभावशीलता न केवल राजनीतिक धारणा को प्रभावित करती है, बल्कि यह जनता के बीच सूचना को भी मोड़ देती है। इससे नागरिकों की समझ और दृष्टिकोण पर गहरा असर पड़ता है, जो किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।

समाज में इस पर बहस

गोधी मीडिया का विभिन्न तरीकों से आकलन किया जा रहा है। एक ओर जहां कुछ लोग इसे एक यथार्थ समझते हैं, वहीं दूसरों का मानना है कि यह एक ऐसी सोच है जो भारतीय पत्रकारिता को नुकसान पहुँचा रही है। इस विषय पर बहस जारी है और यह अनिवार्य है कि हमारे सोचने और समझने की दृष्टि स्पष्ट हो।

निष्कर्ष

गोधी मीडिया का प्रश्न न केवल पत्रकारिता से संबंधित है, बल्कि यह हमारे समाज और लोकतंत्र को गहराई से प्रभावित करता है। श्री रवीश कुमार जैसे पत्रकारों की भूमिका इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है। उनके विचार और विचारधारा इस विषय पर जागरूकता फैलाने में सहायक होते हैं।

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सभी पाठकों को धन्यवाद!

Team The Odd Naari, प्रियंका शर्मा