सोनभद्र में पत्थर की खदान का एक हिस्सा ढहा, कई मजदूरों के दबे होने की आशंका
सोनभद्र जिले में ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार को पत्थर की एक खदान में दुर्घटना होने से कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि ‘कृष्णा माइंस’ का एक हिस्सा ढह जाने से वहां कार्यरत कुछ मजदूर दब गए हैं। उन्होंने कहा कि दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास अल्ट्राटेक कंपनी, दुसान कंपनी, ओबरा पावर कंपनी और अन्य के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम मिर्जापुर से रवाना हो चुकी हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मलबे में कितने लोग दबे हैं, इसकी सटीक संख्या का फिलहाल पता नहीं लग सका है। इस बीच, अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा करने के बाद उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक संजीव कुमार गोंड ने कहा कि ढही हुई पत्थर की खदान के मलबे में करीब एक दर्जन मज़दूर दबे हो सकते हैं। गोंड ने कहा कि यह अनुमान घटनास्थल पर मौजूद लोगों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फंसे हुए मज़दूरों की सही संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, ज़िलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर हैं और राहत अभियान जारी है। मैं भी यहां मौजूद हूं और हर संभव प्रयास किया जा रहा है। गोंड ने कहा, इस बात की जांच की जाएगी कि खदान किन परिस्थितियों में चल रही थी। दोषी पाए जाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, यह एक बहुत ही दुखद घटना है। यह जांच का विषय है कि यह कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं। जांच के बाद, दोषी पाए जाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
सोनभद्र जिले में ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में शनिवार को पत्थर की एक खदान में दुर्घटना होने से कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि ‘कृष्णा माइंस’ का एक हिस्सा ढह जाने से वहां कार्यरत कुछ मजदूर दब गए हैं। उन्होंने कहा कि दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास अल्ट्राटेक कंपनी, दुसान कंपनी, ओबरा पावर कंपनी और अन्य के सहयोग से किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम मिर्जापुर से रवाना हो चुकी हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मलबे में कितने लोग दबे हैं, इसकी सटीक संख्या का फिलहाल पता नहीं लग सका है।
इस बीच, अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा करने के बाद उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक संजीव कुमार गोंड ने कहा कि ढही हुई पत्थर की खदान के मलबे में करीब एक दर्जन मज़दूर दबे हो सकते हैं।
गोंड ने कहा कि यह अनुमान घटनास्थल पर मौजूद लोगों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फंसे हुए मज़दूरों की सही संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, ज़िलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी घटनास्थल पर हैं और राहत अभियान जारी है। मैं भी यहां मौजूद हूं और हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
गोंड ने कहा, इस बात की जांच की जाएगी कि खदान किन परिस्थितियों में चल रही थी। दोषी पाए जाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, यह एक बहुत ही दुखद घटना है। यह जांच का विषय है कि यह कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं। जांच के बाद, दोषी पाए जाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।