करवा चौथ व्रत कथा: करवा चौथ पर इस विशेष कथा का पाठ करें, मिलेगा अनमोल आशीर्वाद

Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और माता करवा की पूजा करती हैं. इस दिन करवा चौथ व्रत कथा का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से माता करवा प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देती हैं. इस आर्टिकल में करवा चौथ व्रत की कथा प्रस्तुत की गई है. The post Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ पर जरूर करें इस कथा का पाठ, तभी मिलेगा व्रत का फल appeared first on Prabhat Khabar.

करवा चौथ व्रत कथा: करवा चौथ पर इस विशेष कथा का पाठ करें, मिलेगा अनमोल आशीर्वाद
करवा चौथ व्रत कथा: करवा चौथ पर इस विशेष कथा का पाठ करें, मिलेगा अनमोल आशीर्वाद

करवा चौथ व्रत कथा: करवा चौथ पर इस विशेष कथा का पाठ करें, मिलेगा अनमोल आशीर्वाद

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari

कम शब्दों में कहें तो, करवा चौथ का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए बहुत अहमियत रखता है। इस दिन व्रत रखने और माता करवा की कथा का पाठ करने से महिलाओं को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस लेख में हम करवा चौथ व्रत की कथा को विस्तार से समझेंगे। साथ ही जानेंगे कि इस कथा का जाप करने से किस तरह से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखता है और इसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं उपवासी रहकर माता करवा की पूजा करती हैं और चन्द्रमा को देख कर अपने व्रत का पारण करती हैं। यह दिन सच्चे प्रेम और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है।

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है, एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सभी बेटे विवाहित थे। करवा चौथ के दिन, साहूकार की सभी बहुएं और बहन व्रत रखें। जब शाम को साहूकार और उसके बेटे भोजन करने बैठे, तो उन्होंने देखा कि उनकी बहन बहुत कमजोर और भूखी नजर आ रही है। उन्होंने उसे खाने के लिए कहा, लेकिन उसने कहा, "मैं तो चाँद निकलने के बाद व्रत खोलूँगी।"

काफी देर तक चाँद नहीं निकला, और भाई बहन की स्थिति को देखकर चिंतित हो गए। अपने प्रेम के कारण, भाई एक चालाकी से बहन को खाना खिलाने का प्रयास करते हैं। वे नगर के बाहर जाकर आग जला देते हैं और बहन को बताते हैं कि चाँद निकल आया है। इस जानकारी पर विश्वास कर बहन ने अपना व्रत तोड़ लिया। लेकिन इस छल के कारण उसके पति बीमार हो गए और घर की सम्पत्ति उनके इलाज में खर्च हो गई।

भाइयों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने बहन को सच्चाई बताई। तब बहन ने विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा की और उनकी मदद मांगी। भगवान गणेश उसकी सच्ची श्रद्धा से प्रसन्न हुए और उसे आशीर्वाद दिया, जिसके फलस्वरूप उसका पति ठीक हो गया।

करवा चौथ की पूजा विधि

करवा चौथ के दिन महिलाएं प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उपवास शुरू करती हैं। इस दिन वे स्नान करके अच्छे कपड़े पहनती हैं और पूजा की तैयारी करती हैं। माता करवा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित की जाती है और विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं। शाम को महिलाएं चाँद की पूजा करती हैं और उसके दर्शन करके व्रत का पारण करती हैं।

उपसंहार

करवा चौथ की पूजा और कथा का पाठ करना एक अनमोल परंपरा है, जो न केवल महिलाओं के समर्पण को प्रदर्शित करती है बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही इस सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोती है। कथाएँ धार्मिकता का माध्यम हैं और इन्हें सुनने या पढ़ने से हमारे जीवन में सकारात्मकता और शुभता का संचार होता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल धार्मिक मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है। The Odd Naari किसी भी प्रकार की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

यह भी पढ़ें: कार्तिक मास 2025 की शुरुआत कब से हो रही है? इस महीने करें ये काम, मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा

यह लेख करवा चौथ व्रत कथा पर आधारित है।

सादर,
टीम द ओड नारी
दीप्ति शर्मा