मोकामा हत्याकांड: जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह गिरफ्तार, दुलारचंद यादव की मौत से सियासत गरम

पटना में सियासी सरगर्मियों के बीच रविवार को बड़ा एक्शन लेते हुए जेडीयू के विवादित नेता और मोकामा से उम्मीदवार अनंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में की गई है, जिनकी गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। इसी मामले में पुलिस ने दो अन्य सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया है।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़े फटने और कई पसलियां टूटने की वजह से हुई। मौजूद जानकारी के अनुसार, यह हिंसा चुनावी प्रचार के दौरान दो गुटों के टकराव में हुई। यादव जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे।पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच और गवाहों के बयान के आधार पर यह हत्या का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि यादव के परिवार द्वारा दर्ज एफआईआर में अनंत सिंह का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। हालांकि, जन सुराज पार्टी का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी में देरी की।गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने इस मामले पर कड़ी नजर रखते हुए पटना ग्रामीण एसपी समेत कई अधिकारियों का तबादला कर दिया है। साथ ही बाढ़ के एक डीएसपी को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में  6 और 11 नवंबर को होने हैं, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।इन घटनाओं के बीच प्रशासन कानून-व्यवस्था और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के पालन को लेकर सख्त है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद हैं।

पटना में सियासी सरगर्मियों के बीच रविवार को बड़ा एक्शन लेते हुए जेडीयू के विवादित नेता और मोकामा से उम्मीदवार अनंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में की गई है, जिनकी गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। इसी मामले में पुलिस ने दो अन्य सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि फेफड़े फटने और कई पसलियां टूटने की वजह से हुई। मौजूद जानकारी के अनुसार, यह हिंसा चुनावी प्रचार के दौरान दो गुटों के टकराव में हुई। यादव जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे।

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच और गवाहों के बयान के आधार पर यह हत्या का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि यादव के परिवार द्वारा दर्ज एफआईआर में अनंत सिंह का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। हालांकि, जन सुराज पार्टी का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी में देरी की।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने इस मामले पर कड़ी नजर रखते हुए पटना ग्रामीण एसपी समेत कई अधिकारियों का तबादला कर दिया है। साथ ही बाढ़ के एक डीएसपी को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में  6 और 11 नवंबर को होने हैं, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

इन घटनाओं के बीच प्रशासन कानून-व्यवस्था और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के पालन को लेकर सख्त है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद हैं।