अयोध्या PM मोदी के स्वागत को तैयार, धार्मिक नगरी में कड़ी सुरक्षा, राम मंदिर में होगा 500 साल बाद 'विजय ध्वजारोहण' का शुभ आरम्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराने के लिए आएंगे, जो भव्य मंदिर के निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के बाद, जिसे कई लोग प्रतीकात्मक “दूसरी प्राण प्रतिष्ठा” बता रहे हैं, प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे। जनवरी 2024 में राम लला के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने के बाद, तिकोने झंडे को फहराना राम मंदिर के पूरा होने की औपचारिक घोषणा है। उनके दौरे से पहले, अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत ATS, NSG स्नाइपर्स, साइबर एक्सपर्ट्स और टेक्निकल टीमों के कमांडो समेत कुल 6,970 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।अयोध्या मंगलवार सुबह आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी नजर आई, जब राम मंदिर निर्माण के औपचारिक समापन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले पूरी नगरी ‘जय श्री राम’ के नारों से गुंजायमान हो उठी। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की। भोर होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा, ‘‘यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है।’’ राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना मुझे अपार आनंद देता है।’’ राम मंदिर ट्रस्ट के विशेष आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने कहा कि समारोह में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल होंगे। न्होंने कहा, ‘‘अनुष्ठान पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे परिसर में प्रवेश करेंगे और लगभग 1.30 बजे तक रहेंगे। इस दौरान दर्शन, पूजा, ध्वजारोहण और संबोधन होगा।’’ राव ने कहा कि आम जनता के लिए दर्शन मंगलवार शाम से फिर से शुरू हो सकते हैं। समारोह के लिए तड़के ही अयोध्या नगरी पहुंचने वालों में एक बुजुर्ग श्रद्धालु भी थे, जिन्होंने कहा, ‘‘यह क्षण 500 वर्षों के बाद आया है। हमारे पूर्वजों ने इस दिन का इंतज़ार किया और त्याग किया। हम इसे देखकर धन्य हैं।’’ एक अन्य श्रद्धालु ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की और इस अवसर को ‘‘पीढ़ियों के त्याग से संभव हुआ एक आशीर्वाद’’ बताया। मंदिर के अंदर पुजारी पिछले चार दिनों से अनुष्ठान कर रहे हैं। पुजारी बजरंग पांडे ने बताया कि यज्ञ का समापन चरण चल रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद यज्ञ पुनः शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘देश भर से विद्वान और स्थानीय वैदिक विशेषज्ञ उपस्थित हैं।’’ इस बीच, शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। सभी प्रवेश बिंदुओं पर आने-जाने वाले वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है और यात्रियों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, एटीएस कमांडो, एनएसजी स्नाइपर्स, साइबर विशेषज्ञों और विशेष तकनीकी टीमों सहित 6,970 कर्मियों को मंदिर नगरी में तैनात किया गया है। मंदिर परिसर में और उसके आसपास ड्रोन रोधी प्रणालियां और उन्नत निगरानी तकनीक सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को ही अयोध्या पहुंच गए और यहां हुई तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्यावासियों का अभिनंदन करते हुए वह श्री रामजन्मभूमि मंदिर जाएंगे।इसे भी पढ़ें: PM Modi Ayodhya Visit | शुभ संयोग में PM मोदी की अयोध्या यात्रा: विवाह पंचमी पर राम मंदिर में फहराया जाएगा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक ध्वज  इससे पहले सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री सप्तमंदिर जाएंगे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाएंगे। इसके बाद वह शेषावतार मंदिर भी जाएंगे। सुबह करीब 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर भी जाएंगे। इसके बाद राम दरबार गर्भगृह में दर्शन-पूजन करेंगे।इसे भी पढ़ें: Russia-Ukraine War | अमेरिका के शांति प्रयासों पर रूस का वार, कीव में मिसाइलों की बौछार, यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में तबाही  प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे। यह आयोजन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा। 10 फुट ऊंचा और 20 फुट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज का आरोहण किया जाएगा, जिस पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर है। इस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ ‘ओम’ लिखा है। पवित्र भगवा ध्वज रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।

अयोध्या PM मोदी के स्वागत को तैयार, धार्मिक नगरी में कड़ी सुरक्षा,  राम मंदिर में होगा 500 साल बाद 'विजय ध्वजारोहण' का शुभ आरम्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराने के लिए आएंगे, जो भव्य मंदिर के निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के बाद, जिसे कई लोग प्रतीकात्मक “दूसरी प्राण प्रतिष्ठा” बता रहे हैं, प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे। जनवरी 2024 में राम लला के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने के बाद, तिकोने झंडे को फहराना राम मंदिर के पूरा होने की औपचारिक घोषणा है। उनके दौरे से पहले, अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत ATS, NSG स्नाइपर्स, साइबर एक्सपर्ट्स और टेक्निकल टीमों के कमांडो समेत कुल 6,970 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

अयोध्या मंगलवार सुबह आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी नजर आई, जब राम मंदिर निर्माण के औपचारिक समापन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले पूरी नगरी ‘जय श्री राम’ के नारों से गुंजायमान हो उठी। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की। भोर होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा, ‘‘यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है।’’

राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना मुझे अपार आनंद देता है।’’ राम मंदिर ट्रस्ट के विशेष आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने कहा कि समारोह में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल होंगे।

न्होंने कहा, ‘‘अनुष्ठान पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे परिसर में प्रवेश करेंगे और लगभग 1.30 बजे तक रहेंगे। इस दौरान दर्शन, पूजा, ध्वजारोहण और संबोधन होगा।’’ राव ने कहा कि आम जनता के लिए दर्शन मंगलवार शाम से फिर से शुरू हो सकते हैं। समारोह के लिए तड़के ही अयोध्या नगरी पहुंचने वालों में एक बुजुर्ग श्रद्धालु भी थे, जिन्होंने कहा, ‘‘यह क्षण 500 वर्षों के बाद आया है। हमारे पूर्वजों ने इस दिन का इंतज़ार किया और त्याग किया। हम इसे देखकर धन्य हैं।’’

एक अन्य श्रद्धालु ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की और इस अवसर को ‘‘पीढ़ियों के त्याग से संभव हुआ एक आशीर्वाद’’ बताया। मंदिर के अंदर पुजारी पिछले चार दिनों से अनुष्ठान कर रहे हैं। पुजारी बजरंग पांडे ने बताया कि यज्ञ का समापन चरण चल रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद यज्ञ पुनः शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘देश भर से विद्वान और स्थानीय वैदिक विशेषज्ञ उपस्थित हैं।’’

इस बीच, शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। सभी प्रवेश बिंदुओं पर आने-जाने वाले वाहनों की गहन तलाशी ली जा रही है और यात्रियों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, एटीएस कमांडो, एनएसजी स्नाइपर्स, साइबर विशेषज्ञों और विशेष तकनीकी टीमों सहित 6,970 कर्मियों को मंदिर नगरी में तैनात किया गया है। मंदिर परिसर में और उसके आसपास ड्रोन रोधी प्रणालियां और उन्नत निगरानी तकनीक सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को ही अयोध्या पहुंच गए और यहां हुई तैयारियों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्यावासियों का अभिनंदन करते हुए वह श्री रामजन्मभूमि मंदिर जाएंगे।

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इससे पहले सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री सप्तमंदिर जाएंगे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाएंगे। इसके बाद वह शेषावतार मंदिर भी जाएंगे। सुबह करीब 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर भी जाएंगे। इसके बाद राम दरबार गर्भगृह में दर्शन-पूजन करेंगे।

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प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे। यह आयोजन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा। 10 फुट ऊंचा और 20 फुट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज का आरोहण किया जाएगा, जिस पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर है। इस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ ‘ओम’ लिखा है। पवित्र भगवा ध्वज रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।