दिल्ली के प्रदूषण पर पूर्व IAS ने खोला मोर्चा, अमेरिका से तुलना कर बताई भारत की सच्चाई!
दिल्ली के प्रदूषण पर पूर्व IAS ने खोला मोर्चा, अमेरिका से तुलना कर बताई भारत की सच्चाई!
दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर धुंध से घिरी सुबह के साथ जागा है, जहां चारों तरफ धुंधली परत और धुएं का असर साफ देखा जा सकता है। लगातार कई दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे नागरिकों के बीच चिंता और नाराजगी बढ़ रही है। इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, खासकर तब से जब पूर्व आईएएस अधिकारी एलवी निलेश ने दिल्ली की जहरीली हवा की तुलना अमेरिका में अपने वर्तमान बसेरे की साफ हवा से करते हुए अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।पूर्व अधिकारी एलवी निलेश, जो इन दिनों CloudGenius.app नामक टेक प्लेटफॉर्म चला रहे हैं, ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में एक ओर दिल्ली का धुंध से ढका हुआ नॉर्थ ब्लॉक नजर आ रहा था, जबकि दूसरी ओर अमेरिका के माउंट रेनियर नेशनल पार्क की साफ-सुथरी और स्वच्छ हवा दिख रही थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि “अगर मैं भारत नहीं छोड़ता, तो मुझे इसी गंदी हवा में सांस लेनी पड़ती, जिसे नॉर्थ ब्लॉक सचिवालय कहा जाता है,” यह टिप्पणी लोगों के बीच गहरी प्रतिक्रिया का कारण बनी है।मौजूद जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह 6:05 बजे दिल्ली का औसत AQI 324 दर्ज किया गया, जो कि “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। वहीं रविवार को यह आंकड़ा 366 तक पहुंच गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, तीन मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई, जहां ए़क्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया। बता दें कि दिल्ली में हर साल सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी देखी जाती है।सोशल मीडिया पर निलेश की पोस्ट के बाद कई उपयोगकर्ताओं ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता जताई है। एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि “यह दिल्लीवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है और देश की छवि के लिए भी शर्मनाक है।” हालांकि, कुछ लोगों ने निलेश के देश छोड़ने के फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि “देश ने आपको सक्षम बनाया, फिर उसे बुरा कहने से क्या फायदा?” गौरतलब है कि दिल्ली की हवा को लेकर हर साल चर्चा होती है, लेकिन इसके समाधान को लेकर व्यापक स्तर पर कदमों की कमी अभी भी जारी हैं।
दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर धुंध से घिरी सुबह के साथ जागा है, जहां चारों तरफ धुंधली परत और धुएं का असर साफ देखा जा सकता है। लगातार कई दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे नागरिकों के बीच चिंता और नाराजगी बढ़ रही है। इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, खासकर तब से जब पूर्व आईएएस अधिकारी एलवी निलेश ने दिल्ली की जहरीली हवा की तुलना अमेरिका में अपने वर्तमान बसेरे की साफ हवा से करते हुए अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।
पूर्व अधिकारी एलवी निलेश, जो इन दिनों CloudGenius.app नामक टेक प्लेटफॉर्म चला रहे हैं, ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में एक ओर दिल्ली का धुंध से ढका हुआ नॉर्थ ब्लॉक नजर आ रहा था, जबकि दूसरी ओर अमेरिका के माउंट रेनियर नेशनल पार्क की साफ-सुथरी और स्वच्छ हवा दिख रही थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि “अगर मैं भारत नहीं छोड़ता, तो मुझे इसी गंदी हवा में सांस लेनी पड़ती, जिसे नॉर्थ ब्लॉक सचिवालय कहा जाता है,” यह टिप्पणी लोगों के बीच गहरी प्रतिक्रिया का कारण बनी है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह 6:05 बजे दिल्ली का औसत AQI 324 दर्ज किया गया, जो कि “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। वहीं रविवार को यह आंकड़ा 366 तक पहुंच गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, तीन मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई, जहां ए़क्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया। बता दें कि दिल्ली में हर साल सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी देखी जाती है।
सोशल मीडिया पर निलेश की पोस्ट के बाद कई उपयोगकर्ताओं ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता जताई है। एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि “यह दिल्लीवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है और देश की छवि के लिए भी शर्मनाक है।” हालांकि, कुछ लोगों ने निलेश के देश छोड़ने के फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि “देश ने आपको सक्षम बनाया, फिर उसे बुरा कहने से क्या फायदा?” गौरतलब है कि दिल्ली की हवा को लेकर हर साल चर्चा होती है, लेकिन इसके समाधान को लेकर व्यापक स्तर पर कदमों की कमी अभी भी जारी हैं।