संघ का शताब्दी वर्ष: हर घर और गांव तक पहुंचने का महत्त्वाकांक्षी अभियान
देशभर में 58,964 मंडल, 44,055 बस्तियों में आयोजित होंगे हिन्दू सम्मेलन। आपका अखबार ब्यूरो। केशव कुंज, दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय (4-6 जुलाई) अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में राष्ट्रीय संघ ने कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए। केशव कुंज में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक के […] The post अपने शताब्दी वर्ष में हर घर और गांव तक पहुंचेगा संघ first appeared on Apka Akhbar.

संघ का शताब्दी वर्ष: हर घर और गांव तक पहुंचने का महत्त्वाकांक्षी अभियान
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - The Odd Naari
कम शब्दों में कहें तो, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष में संपूर्ण देश के हर घर और गांव तक पहुंचना चाहता है। हाल ही में दिल्ली के केशव कुंज में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक (4-6 जुलाई) में संघ ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में घोषणा की कि संघ का लक्ष्य 58,964 मंडल और 44,055 बस्तियों में हिंदू सम्मेलन आयोजित करना है।
संघ का ऐतिहासिक दृष्टिकोण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई थी और इसका मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सहेजना है। संघ का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति की समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हाल के निर्णयों से यह स्पष्ट है कि संघ अपने कार्य को और भी विस्तारित करने की योजना बना रहा है। इस बहुआयामी दृष्टिकोण से संघ के लक्ष्यों और उनकी महत्ता को समझा जा सकता है।
समाज में संघ का योगदान
संघ के अनुसार, हर परिवार और गांव तक पहुंचना न केवल एक अनूठा प्रयास है, बल्कि समाज में एकता और सहयोग के लिए भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। संघ ने देशभर में कार्यकर्ताओं की एक विशाल टीम का गठन किया है जो इस अभियान में प्रभावी तरीके से शामिल होगी। इसका उद्देश्य केवल सम्मेलन आयोजित करना नहीं है, बल्कि समग्र विचारधारा का प्रचार भी है, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ सके।
महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों की योजना
बैठक के दौरान संघ ने कई तरह के कार्यक्रमों का खाका तैयार किया है, जिसमें संगोष्ठियां, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और सामुदायिक सेवा गतिविधियां शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से संघ, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं को जोड़ने की पूरी कोशिश करेगा, ताकि वे सक्रिय रूप से संघ की गतिविधियों में भाग ले सकें। यह संघ के विकासशील दृष्टिकोण का स्पष्ट संकेत है।
संघ की कार्यप्रणाली की मजबूती
संघ का कार्य पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसके कार्यकर्ताओं का नेटवर्क मजबूत है, जो इस योजना को लागू करने में सहायक होगा। गांवों में आयोजित किए जाने वाले हिंदू सम्मेलन स्थानीय मुद्दों पर चर्चा का एक मंच प्रदान करेंगे, जिससे हर समुदाय की आवाज को सुना जा सकेगा और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
आगे की राह
जैसे-जैसे संघ का शताब्दी वर्ष निकट आ रहा है, यह देखना रोचक होगा कि यह योजना देश के विभिन्न हिस्सों में कैसे कार्यान्वित होती है। समाज के सभी वर्गों को एकजुट करना, उन्हें संलग्न करना और एक मजबूत भारतीय संस्कृति की स्थापना करना संघ के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। यह एक ऐसा समय है जब सभी को एक साथ आकर समाज में सार्थक बदलाव लाने की आवश्यकता है।
इस महत्वपूर्ण अभियान के बारे में और भी जानकारी और अपडेट्स के लिए, कृपया theoddnaari.com पर जाएं।
लेखिका: स्नेहा शर्मा
टीम The Odd Naari