त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: नाबालिग छात्रों से फर्जी वोटिंग का आरोप, मतदान निरस्त करने की मांग तेज
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। रुद्रप्रयाग जिले के बांसी मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय इंटर कॉलेज सौंराखाल के नाबालिग छात्रों ने मतदान किया। यह मतदान 24 जुलाई को हुए पहले चरण में […] The post त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: नाबालिग छात्रों से फर्जी वोटिंग का आरोप, मतदान निरस्त करने की मांग तेज appeared first on पर्वतजन.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: नाबालिग छात्रों से फर्जी वोटिंग का आरोप, मतदान निरस्त करने की मांग तेज
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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। रुद्रप्रयाग जिले के बांसी मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय इंटर कॉलेज सौंराखाल के नाबालिग छात्रों ने मतदान किया। यह मतदान 24 जुलाई को हुए पहले चरण में हुआ जिसके परिणामों ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया।
फर्जी वोटिंग के आरोप
मतदान प्रक्रिया के दौरान, ग्रामीणों ने देखा कि कुछ नाबालिग छात्र मतदान कर रहे थे। खबरों के अनुसार, राजकीय इंटर कॉलेज सौंराखाल के 16 से कम आयु के छात्रों ने अपने मतदाता पहचान पत्र के जरिए वोट दिया। यह मतदान का एक गंभीर उल्लंघन है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद, चुनाव अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मतदान निरस्त करने की मांग
स्थानीय निवासियों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस फर्जी वोटिंग मामले में शामिल सभी मतों को निरस्त किया जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार की अनियमितताएँ चुनावी प्रक्रिया को दागदार करती हैं और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करती हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
चुनाव आयोग की कार्रवाई
चुनाव आयोग ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कहा है कि कोई भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे कडी सजा दी जाएगी। आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "हम इस मामले की पूरी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे।"
समाज का दृष्टिकोण
इस घटनाक्रम ने पूरे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। कई गाँवों में पंचायत सदस्यों ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है और मृत्युपर्यंत सच्चाई के लिए लड़ने का वादा किया है। एक स्थानीय नेता ने कहा, "हम लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं, और हम हर हाल में इस फर्जी वोटिंग के खिलाफ लड़ेंगे।"
समापन
यह मामला न केवल रुद्रप्रयाग जिले के पंचायत चुनावों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी इसकी गूंज सुनाई दे सकती है। ऐसे में चुनाव आयोग की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करे। आगे की अपडेट्स के लिए, theoddnaari पर जाएं।