गाजा के समर्थन में कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश में किया प्रदर्शन, लहराए पाकिस्तानी और नाजी झंडे!
गाजा में इजरायल के हालिया हमले के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश में हिंसा भड़क उठी है, जहां प्रदर्शनकारी, मुख्य रूप से इस्लामवादी, हमास और फिलिस्तीन के मुद्दे का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी प्रतीकों वाले स्थानों, केएफसी, पिज्जा हट और अन्य जैसे भोजनालयों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर, शिक्षण संस्थानों के आसपास रैलियों में निकले और गाजा में इजरायल के हमलों और हमले का विरोध किया, जिसके कारण इस क्षेत्र में लाखों लोगों की हत्या और नरसंहार हुआ। प्रदर्शनकारियों को ‘इजरायल विरोधी’ और ‘अमेरिका विरोधी’ नारे लगाते हुए देखा जा सकता है, जिसमें इजरायल से जुड़े उत्पादों का राष्ट्रव्यापी बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रसिद्ध वैश्विक ब्रांड की चेन तोड़ दी क्योंकि उन्हें इजरायल से जुड़ा माना जाता था। इसे भी पढ़ें: चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान मिलकर कर रहे प्लानिंग? भारत का क्या होगा अगला कदमकुछ प्रदर्शनकारियों को नाजी झंडे पकड़े हुए देखा गया, जो इजरायल के प्रति घृणा प्रदर्शित कर रहे थे, जो उनके अनुसार फासीवादी की तरह काम कर रहा है। प्रदर्शनकारियों को ढाका विश्वविद्यालय के टीचर स्टूडेंट सेंटर (टीएससी) पर पत्थरबाजी करते देखा गया, साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टरों पर चप्पलों से हमला किया गया। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पोस्टरों पर भी नफरत दिखाने के लिए स्याही और अन्य उत्पादों से दागा गया। ‘इजराइल जिंदाबाद’ के नारे लगाने वालों को फिलिस्तीनी समर्थकों द्वारा पीटा गया।

गाजा के समर्थन में कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश में किया प्रदर्शन, लहराए पाकिस्तानी और नाजी झंडे!
The Odd Naari
लेखक: नीतू शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा गाजा के समर्थन में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में पाकिस्तान और नाजी झंडों को लहराते हुए कट्टरपंथियों ने अपने विचारों का इजहार किया। ये घटनाएँ बांग्लादेश के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को प्रभावित कर रही हैं।
प्रदर्शन का उद्देश्य
कट्टरपंथी संगठनों ने गाजा में चल रहे संघर्ष और वहां की स्थिति के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य यह संकेत देना था कि वे गाजा की स्थिति के साथ खड़े हैं। इस दौरान, उन्होंने पाकिस्तान और नाजी नाराज़ी झंडों को लहराकर अपने विचारों को और भी स्पष्ट किया।
समाज में प्रतिक्रिया
इस प्रदर्शन ने बांग्लादेश के सामाजिक ताने-बाने में एक नई बहस को जन्म दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस घटना के प्रति अपनी नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं। कई लोगों ने इसे बांग्लादेश की संप्रभुता और धर्मनिरपेक्षता पर खतरा बताया।
राजनीतिक दृष्टिकोण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के प्रदर्शनों से बांग्लादेश की राजनीति में संकट बढ़ने की संभावना है। कुछ राजनीतिक दल इस घटनाक्रम को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि अन्य इसे एक गंभीर समस्या के रूप में देख रहे हैं।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में कट्टरपंथ के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करना होगा। इस प्रकार के प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं। गाजा के समर्थन में ऐसे प्रदर्शनों की पुष्टि नहीं की जा सकती और यह आवश्यक है कि हम एकजुट होकर इन खतरों का सामना करें।