अरब देशों की जेल में बंद हैं इतने हजार भारतीय! आ गई बड़ी रिपोर्ट
क्या आपको पता है कि इस वक्त दुनिया की अलग अलग जेलों में 10 हजार 152 भारतीय बंद हैं। इनका सबसे बड़ा हिस्सा अरब देशों की जेलों में है। भारत सरकार ने संसद में जो डेटा पेश किया है, उसने चौंका दिया है। भारत के ज्यादातर नागरिक जो बाहर काम करने या पढ़ाई करने के लिए गए थे। वे अब विदेशी जेलों में सजा काट रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? कौन सा देश भारतीयों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है, आइए आपको बताते हैं। दरअसल, भारत सरकार ने संसद में बताया कि इस समय 10 हजार 152 भारतीय विदेशी जेलों में बंद हैं। 2022 में ये संख्या 8441 थी। यानी सिर्फ ढाई सालों में 1711 भारतीय विदेशों में गिरफ्तार हुए। ये भारतीय 86 देशों की जेलों में बंद हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा अरब देशों में ही कैद हैं। इसे भी पढ़ें: UAE में जिन 25 भारतीयों को मिली है मौत की सजा, उस फैसले पर अमल होना बाकी, विदेश राज्य मंत्री ने दी जानकारीविदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेशी देशों में मृत्युदंड की सजा पाए कैदियों सहित भारतीय कैदियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित 10,152 भारतीय कैदी हैं। सिंह ने सरकार ने विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। भारत सरकार ने खुलासा किया है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 25 भारतीय नागरिकों को मौत की सज़ा सुनाई गई है, लेकिन अभी तक उनकी सज़ा नहीं दी गई है। सिंह ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है।भारत सरकार ने जारी किए आंकड़ेसऊदी अरब में 2633 भारतीयों को जेल में डाला गया है। यूएई में 2518 भारतीय जेल में बंद हैं। कतर में 611 भारतीय जेल में बंद हैं। इन तीन देशों में ही कुल 5762 भारतीय जेलों में बंद हैं, जो कुल संख्या का 56.7 प्रतिशत है। सिंह द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को विभिन्न देशों में मौत की सज़ा सुनाई गई है। इनमें संयुक्त अरब अमीरात में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में छह, कुवैत में तीन और इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक भारतीय शामिल हैं। भारत सरकार उन भारतीय नागरिकों को सहायता प्रदान कर रही है जिन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है, जिसमें अपील और दया याचिका दायर करने जैसे कानूनी उपायों की तलाश में उनकी मदद करना शामिल है। विदेश में भारतीय मिशन/केंद्र उन भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं जिन्हें विदेशी अदालतों द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है, जिसमें मृत्युदंड भी शामिल है।

अरब देशों की जेल में बंद हैं इतने हजार भारतीय! आ गई बड़ी रिपोर्ट
The Odd Naari
लेखक: राधिका शर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, अरब देशों की जेलों में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक बंद हैं। यह आंकड़ा भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा और उनके वतन वापसी की चुनौतियों पर गंभीर चिंताओं को जन्म देता है। इस लेख में हम इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करेंगे और इसके पीछे के कारणों, प्रभावों और संभावित समाधानों पर बात करेंगे।
भारतीय नागरिकों की समस्या
अरब देशों में कई भारतीय नागरिक रोजगार के संबंध में जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में वह कानूनी समस्याओं का सामना करते हैं, जिससे उन्हें जेल में बंद किया जा सकता है। विभिन्न कारणों में वीजा उल्लंघन, मजदूरी का बकाया, घरेलू हिंसा और अन्य आपराधिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
नवीनतम रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य
- भारत से अरब देशों की यात्रा करने वाले प्रवासियों की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है।
- हालांकि, जेल में बंद भारतीयों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है।
- भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न ठोस कदम उठाए हैं।
सरकार की पहल
भारत सरकार इस गंभीर स्थिति को लेकर सक्रिय है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कार्यवाही शुरू की है ताकि जेल में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, पुनर्वास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं ताकि उनकी सुरक्षित वापसी हो सके।
समाज की जिम्मेदारी
इसके अलावा, समुदाय और समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि विदेश में रहने वाले भारतीयों को सही जानकारी और संसाधन प्रदान किए जाएं। उन्हें वहाँ की कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना आवश्यक है, ताकि वे किसी भी समस्याओं से बच सकें।
निष्कर्ष
अरब देशों में बंद भारतीय नागरिकों की संख्या एक गंभीर चिंता का विषय है। इस मसले पर ध्यान देने और आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक समस्याओं का समाधान निकालने की बेहद आवश्यकता है। इसके लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि हर भारतीय नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
कुल मिलाकर, यह विषय न केवल भारतीयों के लिए बल्कि उनकी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डालता है। ऐसे में समाज और सरकार दोनों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।