Health Tips: हार्मोन बैलेंस में मददगार साबित हो सकते हैं ये सीड्स
शरीर की कार्यप्रणाली का सही तरह से काम करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि हार्मोन बैलेंस रहे। अक्सर हार्मोनल उतार-चढ़ाव आपको बहुत अधिक परेशान कर सकते हैं और इन्हें बैलेंस करने के लिए हम तरह-तरह की दवाइयों का सहारा लेते हैं। जबकि जरूरी है कि आप अपनी डाइट में पर्याप्त बदलाव करें। हार्मोनल बैलेंस करने के लिए सीड्स को डाइट में शामिल करना काफी अच्छा माना जाता है।ये छोटे-छोटे बीज पोषक तत्वों, हेल्दी फैट्स और प्लांट कंपाउंड्स से भरे होते हैं जो आपके पीरियड्स से लेकर आपके मूड, स्किन और एनर्जी लेवल तक हर चीज पर पॉजिटिव असर डालते हैं। ऐसे कई सीड्स होते हैं, जो आपकी बॉडी में एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने, प्रोजेस्टेरोन उत्पादन का समर्थन करने और यहां तक कि थायरॉयड हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ सीड्स के बारे में बता रहे हैं, जो हार्मोनल बैलेंस में मददगार साबित हो सकते हैं-इसे भी पढ़ें: इम्यूनिटी बूस्टर से लेकर स्ट्रेस बस्टर तक ग्रीन टी पीने के कई फायदे जानकर दंग रहे जाएंगेकद्दू के बीज कद्दू के बीज जिंक से भरपूर होते हैं। यह प्रोजेस्टेरोन उत्पादन का समर्थन करता है, जिससे फर्टिलिटी और पीरियड साइकल पर अच्छा असर पड़ता है। साथ ही साथ, कद्दू के बीज में मैग्नीशियम भी पाया जाता है, जो तनाव, चिंता और बेहतर नींद में मदद करता है।तिल के बीज तिल के बीज सिर्फ स्किन हेल्थ के लिए ही अच्छे नहीं होते हैं, बल्कि हार्मोनल डिटॉक्स में भी मदद करते हैं। यह लिग्नांस का एक बेहतरीन सोर्स है, जो एस्ट्रोजन लेवल को बैलेंस कर सकते हैं। साथ ही साथ, जिंक और सेलेनियम से भरपूर होने के कारण यह थायरॉयड हेल्थ और हार्मोन उत्पादन के लिए बहुत अच्छे हैं। इनमें हेल्दी फैट होता है, जो स्किन, हेयर के साथ-साथ पीरियड्स क्रैम्प को कम करने में मददगार है। तिल के बीज लिवर डिटॉक्स को सपोर्ट करते हैं और इससे भी हार्मोनल बैलेंस में मदद मिलती है। सूरजमुखी के बीज सूरजमुखी के बीज विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो प्रोजेस्टेरोन उत्पादन के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, इसमें सेलेनियम भी पाया जाता है, जो थायराइड फ़ंक्शन को सपोर्ट करता है और अतिरिक्त एस्ट्रोजन को हटाने में मदद करता है। सूरजमुखी के बीज स्किन हेल्थ और फर्टिलिटी के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं। आप इसे ऐसे ही खा सकते हैं या फिर स्मूदी और सलाइ में शामिल कर सकते हैं। - मिताली जैन

Health Tips: हार्मोन बैलेंस में मददगार साबित हो सकते हैं ये सीड्स
The Odd Naari
लेखिका: सविता शर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
आज के समय में, हार्मोनल असंतुलन एक आम समस्या बन चुकी है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। ताजगी और ऊर्जा का अभाव, मानसिक अस्थिरता, और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे हार्मोनल असंतुलन का हाथ होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष सीड्स आपकी हार्मोनल सेहत को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं? आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सीड्स के बारे में।
1. चिया सीड्स
चिया सीड्स को अपने आहार में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प है। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इसके सेवन से शरीर के हार्मोन स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है और यह मेटाबॉलिज्म को भी दुरुस्त करता है। चिया सीड्स चिया पुडिंग, स्मूदी या सलाद में डालकर खाए जा सकते हैं।
2. कद्दू के बीज
कद्दू के बीज हार्मोन संतुलन में मददगार होते हैं। इनमें जिंक की प्रचुरता पाई जाती है, जो पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के संतुलन में सहायता करता है। ये बीज सलाद या स्नैक्स के रूप में सेवन किए जा सकते हैं।
3. अलसी के बीज
अलसी के बीजों में लिगनैन्स नामक यौगिक पाए जाते हैं, जो एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में सहायता करते हैं। महिलाओं के लिए ये बीज विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं, क्योंकि ये मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। आप इन्हें दही, दलिया या स्मूदी में मिला सकते हैं।
4. तिल के बीज
तिल के बीज में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम होता है, जो शरीर में हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इन्हें सलाद या कुकिंग में इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
5. मेथी के दाने
मेथी के दाने सेवन करने से हार्मोन्स के संतुलन में सुधार हो सकता है। ये बीज शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ा देते हैं। गर्म पानी के साथ इनका सेवन करने से आपका पाचन तंत्र भी बेहतर होता है।
निष्कर्ष
हार्मोनल असंतुलन को रोकने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन सेहतमंद बीजों का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है। उचित मात्रा में इनका सेवन करें और अपने दैनिक आहार में जोड़ें। यदि आप अपनी हार्मोनल सेहत को सुधारना चाहते हैं तो अब से ही इन बीजों को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करें।
याद रखें कि हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी नए आहार या सप्लीमेंट की शुरुआत करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
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