महिलाओं को निर्वस्त्र कर...रमजान के दौरान इस इस्लामिक देश में हुआ कुछ ऐसा, सन्न रह गई दुनिया

सीरिया के लताकिया और टाटस प्रांतों में बीते कुछ दिनों से भीषण हिंसा जारी है। सरकारी सुरक्षाबलों और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों के बीच भड़की इस हिंसा में अब तक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो दिनों में 745 नागरिक मारे गए। जिनमें से अधिकांश अलावी मुस्लिम समुदाय के थे। हिंसा के दौरान महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। जिससे हालात और भी भयावह हो गए। गवाहों और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीरिया में हिंसा के दौरान महिलाओं के खिलाफ भयानक अपराध किए गए। इस वक्त रमजान का पाक महीना चल रहा है। लेकिन इस दौरान भी हिंसा का खौफनाक मंजर सीरिया में देखने को मिल रहा है। महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया। जिसके बाद निर्ममता से उन्हें गोली मार दी गई। इस भयावह दृश्य ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। इस घटना ने हिंसा को और भड़का दिया। इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में छावनी पर आत्मघाती हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत, छह आतंकवादी ढेरपुरुषों को कुत्तों की तरह घुटनों पर चलाया जा रहा है और महिलाओं की भी हत्याएं हो रही हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) के अनुसार, यह पिछले 14 साल में सीरिया में हुई सबसे घातक घटनाओं में से एक है। अधिकतर लोगों को बेहद करीव से गोली मारी गई है। अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों को फांसी दी गई है। सीरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि हिंसा की जांच के लिए 'स्वतंत्र समिति' गठित की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Ishan Kon In Vastu: ईशान कोण दिशा में होता है देवताओं का वास, जानिए इस दिशा से जुड़ी कुछ अहम बातेंयह ताजा संघर्ष 6 मार्च को तब शुरू हुआ जब सीरियाई सुरक्षा बलों ने तटीय शहर जबलेह के पास एक वॉन्टेड को हिरासत में लेने की कोशिश की, तो असद के समर्थकों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया, फिर हिंसा भड़क गई। इस हिंसा ने सीरिया के तटीय क्षेत्रों विशेष रूप से लताकिया और बनियास जैसे शहरों में भारी तबाही मचाई है। सड़कों पर शव पडे हैं और घर जला दिए गए हैं।  सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के एक अनाम अधिकारी के हवाले से कहा कि सरकारी बलों ने असद के वफादारों के कब्जे वाले अधिकतर क्षेत्रों पर नियंत्रण वापस हासिल कर लिया है। इसने यह भी कहा कि अधिकारियों ने तटीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया है ताकि हमलों को रोका जा सके और धीरे-धीरे स्थिरता बहाल की जा सके। अल्वियत संप्रदाय से संबंधित लेबनान के सांसद हैदर नासेर ने कहा कि लोग सुरक्षा के लिए सीरिया से भागकर लेबनान आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास सटीक संख्या नहीं है। नासेर ने कहा कि सीरिया के हमीमिम स्थित रूसी वायुसैनिक अड्डे पर कई लोग शरण लिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अल्वियत लोगों की रक्षा करनी चाहिए, जो अपने देश के प्रति वफादार नागरिक हैं। Stay updated with International News in Hindi on Prabhasakshi  

महिलाओं को निर्वस्त्र कर...रमजान के दौरान इस इस्लामिक देश में हुआ कुछ ऐसा, सन्न रह गई दुनिया
महिलाओं को निर्वस्त्र कर...रमजान के दौरान इस इस्लामिक देश में हुआ कुछ ऐसा, सन्न रह गई दुनिया

महिलाओं को निर्वस्त्र कर...रमजान के दौरान इस इस्लामिक देश में हुआ कुछ ऐसा, सन्न रह गई दुनिया

The Odd Naari

लेखिका: सृष्टि शर्मा, टीम नेतानागरी

साल 2023 का रमजान का महीना दुनियाभर में धार्मिक आस्था और समर्पण के साथ मनाया जा रहा है। इस पवित्र महीने के दौरान, लोग इबादत और संयम का पालन करते हैं। हालांकि, इस बार रमजान का माहौल कुछ अलग ही देखा गया है, जब एक इस्लामिक देश में महिलाओं के साथ एक अमानवीय घटना घटी, जिसने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया।

घटना का विवरण

एक मध्यम पूर्वी देश, जहां इस्लामिक कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाता है, में हाल ही में कई महिलाओं को निर्वस्त्र करने का मामला सामने आया। ये महिलाएं रमजान के दौरान धार्मिक समारोह में भाग ले रही थीं, जहाँ उन पर सार्वजनिक रूप से हमला किया गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को भी गहरी चिंता में डाल दिया है।

प्रतिक्रिया और प्रदर्शन

जैसे ही यह खबर फैली, वहां के स्थानीय नागरिकों ने इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने का फैसला किया। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए न्याय की मांग की और महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। महिलाओं के अधिकारों के लिए कार्य करने वाले संगठनों ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

दुनिया के कई देशों ने इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा की है। अनेक अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे एक गंभीर मुद्दा माना है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह सख्त कदम उठाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस प्रयास करे।

समाज के दृष्टिकोण का महत्व

इस घटना ने उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है, जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि समाज में जागरूकता बढ़ाई जाए ताकि इस प्रकार की घटनाएँ न हों। शिक्षा का प्रचार, संवाद और सहानुभूति बनाना आवश्यक है।

निष्कर्ष

हाल के दिनों में हुई इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वास्तव में समाज में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं? हमें सक्रिय रूप से इस दिशा में काम करना होगा ताकि हमारे समाज में कोई भी महिला अपने मान-दंडों के लिए खुद को असुरक्षित महसूस न करे।

आखिरकार, हमें एकजुट होकर कार्य करना है ताकि महिलाओं के प्रति इस तरह की हिंसा को समाप्त किया जा सके। रमजान का यह महीना केवल आत्म-नियंत्रण का नहीं, बल्कि मानवता के लिए संवेदनशीलता और सहानुभूति का भी है।

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